विधुत विभाग की लचर व्यवस्था से किसान हो रहे परेशान, क्षेत्र मै लड़खड़ा रही पेयजल व्यवस्था
- सूख रही मूंग की फसले, लड़खड़ा गई पेयजल व्यवस्था
घातक रिपोर्टर-धर्मेन्द्र साहू
कृषि क्षेत्र के लिए विभाग के द्वारा अर्ध रात्रि 2 बजे से दोपहर 12 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है उसमें भी विद्युत फाल्ट और कम वोल्टेज के कारण पर्याप्त सिंचाई नहीं हो पाने के कारण अनेक स्थानों की मूंग की फसलें सूखने की कगार पर आ गई है। हमारे प्रतिनिधि को कृषकों द्वारा बताया गया है कि विभाग की मनमानी के चलते हम लोग पर्याप्त सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। विद्युत विभाग को समस्या के बारे में भी बताया गया है परंतु समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।ं अधिकारियों द्वारा समस्या निराकरण की दिशा में तत्काल कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
फाल्ट हो रही केविल लाइन
ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा जो पूर्व में केबिल लाइन बिछाई गई है। उसमें आए दिन फॉल्ट हो रहे हैं। कहीं भी केविल लाइन फाल्ट होकर सड़क पर गिर जाती है जिससे गंभीर दुर्घटनाओं का अंदेशा हर समय बना रहता है। ग्रामीणों द्वारा मांग की गई है कि केविल लाइन को बदलकर नई लाइन बिछाई जाए तथा निर्धारित विद्युत आपूर्ति के साथ थी्र फेस बिजली उपलव्ध कराई जाये। जिससे पेयजल एवं मूंग की फसल में पानी के सथ भीषड़ गर्मी में लोग कूलर पंखों के माध्यम से राहत की सांस ले सकें।
लड़खड़ा गई पेयजल व्यवस्था
एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के चलते लोगों का घर से निकलना दुश्वार हो रहा है वहीं दूसरी तरफ विद्युत विभाग की लचर व्यवस्था ने आम लोगों का जनजीवन भी अस्तव्यस्त बना हुआ है। हमारे प्रतिनिधि को समीपी ग्राम इमझिरा के लोगो ने बताया कि अघोषित विद्युत कटौती से आम लोग परेशान हैं, 24 घंटे में महज 7 से 8 घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो पा रही है। उसमें भी लो वोल्टेज के कारण भीषण गर्मी से लोग राहत की संास नहीं ले पा रहे है। विभाग द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर घंटों विद्युत प्रवाह बंद रखा जाता है। उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत करने पर भी समस्या में सुधार होता नहीं दिख रहा है।
विद्युत की आंख मिचोली एवं लो वोल्टेज के कारण पेयजल व्यवस्था भी लड़खड़ाने लगी हैं। लगातार जमीनी जल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण जहां हैंडपंपों से पानी नहीं निकल पा रहा है। वहीं बिजली की समस्या के चलते विद्युत मोटर पंपों से पानी नहीं निकल पा रहा है। साथ साथ पेेयजल व्यवस्था भी पटरी के बाहर हो गई है। चूंकि यह कोई इमझिरा ग्राम की ही समस्या नहीं है बल्कि आस पास ग्रामीण क्षेत्रों में महज 7 से 8 घंटे ही बिजली की आपूर्ति की जा रही है उसमें भी थ्री फेस की जगह टू फेस बिजली दी जा रही है। यदि समय रहते सुधार नहीं किया गया तो आने वाले समय में और भी गंभीर स्थिति पैदा हो जायेगी। वैसे भी ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी जुखाम बुखार जैसी विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारिया अपने पैर पसार चुकी है।
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