बहन को मायके भेजने का बनाया दबाव तो रिटायर्ड फौजी ने साले को मारी गोली, पत्नी-बच्चों को बनाया बंधक। - Ghatak Reporter

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Tuesday, May 3, 2022

बहन को मायके भेजने का बनाया दबाव तो रिटायर्ड फौजी ने साले को मारी गोली, पत्नी-बच्चों को बनाया बंधक।

बहन को मायके भेजने का बनाया दबाव तो रिटायर्ड फौजी ने साले को मारी गोली, पत्नी-बच्चों को बनाया बंधक।

बहन को मायके भेजने का बनाया दबाव तो रिटायर्ड फौजी ने साले को मारी गोली, पत्नी-बच्चों को बनाया बंधक।

उत्तर प्रदेश। भाई ने बहन को मायके भेजने का दबाव क्या बनाया प्रयागराज के नैनी थाना क्षेत्र में एक रिटायर्ड फौजी बौखला गया। महिमा शंकर शुक्ला ने अपने साले अभिषेक मिश्रा को मौके पर ही गोली मार दी, जिससे वह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ा। साला अस्पताल में भर्ती है और जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। उधर, सैनिक ने पत्नी और बच्चों को बंदूक की नोक पर एक कमरे में बंद कर दिया। हंगामा और शोर होने पर आस-पड़ोस के लोग और पुलिस मौके पर पहुंची गई। इस पर वह धमकी देने लगा कि अगर दरवाजा खुलवाने के लिए कहा तो पत्नी और बच्चे को भी गोली मार देंगे। पुलिस के अधिकारी उसे समझाने का प्रयास करते रहे पर वो किसी की एक नहीं सुन रहा था। बार-बार यही धमकी देता रहा कि मेरे ऊपर दबाव मत बनाओ, मैं पत्नी बच्चों को भी गोली मार दूंगा। देर रात 12.30 बजे वह किसी तरह से माना और पत्नी-बच्चों को मुक्त किया। पुलिस ने रिटायर्ड फौजी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

बहन को मायके भेजने का बनाया दबाव तो रिटायर्ड फौजी ने साले को मारी गोली, पत्नी-बच्चों को बनाया बंधक।

ससुरालियों से था नाराज

सेना से रिटायर्ड फौजी महिमा शंकर उर्फ संजय शुक्ला करछना के धरवारा गांव का निवासी है। वह नैनी थाना क्षेत्र के कनैला इलाके में घर बनवाकर पत्नी सुधा शुक्ला, बेटा शांतनु शुक्ला (14) और बेटी नव्या (5) के साथ रहता है। पुलिस के मुताबिक, सोमवार को सुधा की बहन की शादी थी। पूर्व में हुए किसी विवाद के कारण वह ससुरालियों से खफा था। इसी विवाद के चलते वह अपनी पत्नी और बच्चों को ससुराल नहीं भेजना चाहता था। घर में बेटी की शादी होने पर के कारण ससुराल के लोग लगातार महिमा शंकर शुक्ला पर पत्नी और बच्चों को भेजने का दबाव बना रहे थे। जब सुधा मायके नहीं पहुंची तो उसका भाई अभिषेक मिश्रा अपने दो दोस्तों के साथ बहन को लेने नैनी पहुंच गया, उस समय दोपहर में दो बज रहे थे।

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साले को देख निकाली बंदूक

पहले से ही ससुरालियों से खार खाए महिमा शंकर शुक्ला ने जैसे ही अपने साले अभिषेक मिश्रा को देखा तो डबल बैरल बंदूक निकाल ली। कहा कि लौट जाओ हम अपनी पत्नी और बच्चों को तुम्हारे यहां नहीं भेजेंगे। अभिषेक ने लाख दुहाई दी कि आज बहन की शादी है, अगर आज भी नहीं भेजोगे तो कब भेजोगे? फौजी अपनी जिद पर अड़ा रहा और अभिषेक उसे मनाने की कोशिश करता रहा। इसी बीच अपने बहनोई के व्यवहार से खफा होकर अभिषेक मिश्रा ने कुछ ऐसी बात कह दी, जिससे फौजी बौखला गया। विवाद बढ़ा और दोनों के बीच हाथापाई होने लगी। दोस्तों ने फौजी से जब बंदूक छीनने की कोशिश की, तो उसी दौरान महिमा शंकर शुक्ला ने गोली चला दी। गोली अभिषेक के हाथ में लग गई। आनन-फानन में दोस्तों ने अभिषेक को अस्पताल में भर्ती कराया और पुलिस को सूचना दी।

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घर में घुसी पुलिस तो दौड़ाया

इस घटना की सूचना होने पर तत्काल नैनी पुलिस मौके पर पहुंच गई। लाख कोशिशों के बाद महिमा शंकर शुक्ला पत्नी और बच्चों को रिहा करने के लिए नहीं पसीज रहा था। पुलिस ने जब कानूनी कार्रवाई का डर दिखाया, तो फौजी ने कहा कि हम सीमा पर लड़ने वाले लोग हैं, मौत को हाथ में लेकर चलते हैं। कानून हमारा क्या करेगा। कई घंटों बाद भी जब कोई हल नहीं निकला तो पुलिस छत के रास्ते घर के अंदर घुसने की कोशिश करने लगी। जब फौजी को पता चला कि पुलिस घर में घुस रही है तो डबल बैरल बंदूक लेकर उसने पुलिस को चुनौती दी और दौड़ा लिया। कहा- अगर जोर जबरदस्ती की तो और खून-खराबा हो जाएगा। जो भी घर में घुसने की कोशिश करेगा, उसे यहीं ढेर कर देंगे। रिटायर्ड फौजी के इस तेवर से पुलिस के तेवर भी ढीले पड़ गए। स्थानीय पुलिस से जब मामला नहीं संभला, तो आला अधिकारियों को जानकारी दी गई। मौके पर एसपी और एसडीएम भी पहुंच गए।

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देर रात तक चला समझाने का सिलसिला

मौके पर पहुंचे एसडीएम और एसपी यमुनापार ने रिटायर्ड फौजी से बात करनी शुरू की। उसकी काउंसिलिंग का सिलसिला जारी रहा। दरवाजे के बाहर पुलिस खड़ी थी और दरवाजे के अंदर रिटायर्ड फौजी दुनाली बंदूक लिए तैनात था। जैसे लग रहा था कि वह सीमा पर पहरा दे रहा हो। जरा सी आहट होने पर सीधे बंदूक तान दे रहा था। देर रात तक यह सिलसिला चलता रहा। जब परिजनों को इस बात की जानकारी हुई तो महिमा शंकर शुक्ला की मां प्रेमा देवी भी मौके पर पहुंच गई। उन्होंने भी बेटे को बहुत समझाने की कोशिश की। उसके आगे हाथ जोड़े मिन्नतें की, लेकिन रिटायर्ड फौजी टस से मस न हुआ। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। आखिरकार 12.30 बजे रात को रिटायर्ड फौजी किसी तरह शर्त पर पसीजा और पत्नी और बच्चों को रिहा करने पर राजी हो गया। उसने शर्त रखी कि ससुरालियों पर पुलिस कार्रवाई करेगी। पुलिस ने रिटायर्ड फौजी की बात मान ली और तब जाकर पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।

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