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Wednesday, April 28, 2021

26 घंटे भूखे प्यासे रहकर ड्राइवरों ने ट्रेन चलाई, रेलवे प्रबंधन ने अनलोडिंग मैं लगा दिए डेढ़ घंटे, ड्राइवरों का झलका दर्द।

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26 घंटे भूखे प्यासे रहकर ड्राइवरों ने ट्रेन चलाई, रेलवे प्रबंधन ने अनलोडिंग मैं लगा दिए डेढ़ घंटे, ड्राइवरों का झलका दर्द।

26 घंटे भूखे प्यासे रहकर ड्राइवरों ने ट्रेन चलाई, रेलवे प्रबंधन ने अनलोडिंग मैं लगा दिए डेढ़ घंटे, ड्राइवरों का झलका दर्द।

घातक रिपोर्टर, अरविंद सिंह जादौन, भोपाल।
मंडीदीप। कोविड संक्रमण काल में लोग ऑक्सीजन के अभाव में जान गवाने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में उनकी जान बचा सकूं इस तरह की तमन्ना मन में थी। फिर 2 दिन पहले जैसे ही मुझे पता चला कि बोकारो (झारखंड) से ट्रेन चलाकर भोपाल जाना है तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैं मंगलवार सुबह 5.00 बजे ट्रेन पर चढ़ा था, मेरी कोशिश थी कि शीघ्र अति शीघ्र अपने गंतव्य स्थल भोपाल पहुंच सकूं ताकि जरूरतमंदों को ऑक्सीजन मिल सके। इसके लिए हमने खाना तक नहीं खाया, सोचा था कि खाने में समय क्यों बर्बाद करें। लेकिन रेलवे प्रबंधन की अव्यवस्थाओं ने हमारे त्याग और बलिदान पर पानी फेर दिया। हम बुधवार सुबह 9.00 बजे मंडीदीप रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए थे, परंतु प्रबंधन ने टैंकर लोडिंग अनलोडिंग में ही डेढ़ घंटे का समय बर्बाद कर दिया, जिससे हमारी मेहनत पर पानी फिर गया। यह दुख ऑक्सीजन एक्सप्रेस के चालक 26 वर्षीय राहुल कुमार का है, जिन्होंने मीडिया के साथ अपनी आपबीती बयां की।

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ड्राइवरों ने कहा - रास्ते में न तो भोजन मिला और न ही उनकी सुध लेने आया कोई

झारखंड के बाेकारो से आक्सीजन के टैंकरों के साथ आने वाले ड्राइवर राहुल कुमार और राजेंद्र सिंह ने बताया कि मंगलवार की सुबह 5.00 बजे उनकी यह ट्रेन बोकारो से रवाना हुई थी, बीच रास्तें में न तो उन्हें भोजन की व्यवस्था की गई और न ही कोई उनकी सुध लेने आया। उन्हें बिना भोजन और नास्ते के ही रहना पड़ा। भोपाल पहुंचने के बाद जब उन्होंने अधिकारियों को भूखे होने की बात से अवगत कराया, तब कहीं जाकर दोपहर 12 बजे उन्हें भोजन नसीब हो पाया। इतना ही नहीं ट्रेन में सुलभ शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें ज्यादा परेशानी हुई, बड़ी मुश्किल का सफर तय करके यहां तक आए हैं।

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बता दें कि झारखंड के बाेकारो से मंगलवार सुबह 5.00 बजे रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस 1100 किलोमीटर का सफर तय कर बुधवार की सुबह 9 बजे मंडीदीप रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां से इन दोनों टैंकरों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भोपाल पहुंचाया गया। इस मालगाड़ी से भोपाल को 16-16 टन वाले ऑक्सीजन के दो टैंकर मिले है। इन टैंकरों को ट्रेन से सुरक्षिति तरीके से उतरवा कर ले जाने के लिए भोपाल के अधिकारी अल सुबह ही मंडीदीप पहुंच गए थे। सुबह 9 बजे यह ट्रेन मंडीदीप पहुंची, इसके बाद इन टैंकरों को मालगाडी से उतारने की कवायद प्रारंभ की गई। करीब 45 मिनट के भीतर इन टैकरों को मालगाड़ी से नीचे उतार लिया गया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस जब मंडीदीप पहुंची, तब यहां पर मंडीदीप थाना प्रभारी कुंवर सिंह मुकाती सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने अपनी देख-रेख में आक्सीजन के टैंकरों को उतरवा कर भोपाल रवाना करवाया था।

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मंडीदीप से भोपाल तक बनाया ग्रीन कॉरिडोर

मंडीदीप से भोपाल तक वाले रास्ते को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पूरी तरह से यातायात विहीन किया गया। टैंकरों के आगे पायलेट गाड़ी सायरन बजाती हुई आगे चली, जबकि दोनों टेंकरों के आगे पीछे एक चार गार्ड वाले पुलिस के वाहन भी चले। इतना ही नहीं टैकरों के बीच भोपाल के अधिकारियों के वाहन भी साथ चल रहे थे। बिना रुके यह टैकर आधे घंटे के भीतर भोपाल पहुंचा दिए गए।

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