रायसेन/बरेली, दीपावली पर सीताराम की जगह लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजन क्यों की जाती है -अनिरुद्धआचार्य महाराज। - Ghatak Reporter

Ghatak Reporter

एक नज़र निष्पक्ष खबर. तथ्यों के साथ, सत्य तक।


BREAKING

Post Top Ad

Wednesday, May 24, 2023

रायसेन/बरेली, दीपावली पर सीताराम की जगह लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजन क्यों की जाती है -अनिरुद्धआचार्य महाराज।

दीपावली पर सीताराम की जगह लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजन क्यों की जाती है -अनिरुद्धआचार्य महाराज।

रायसेन/बरेली, दीपावली पर सीताराम की जगह लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजन क्यों की जाती है -अनिरुद्धआचार्य महाराज।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन/बरेली।
बरेली। छींद धाम में आयोजित श्रीराम महायज्ञ और राम कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। राम कथा के प्रथम दिवस वृंदावन धाम से छींद धाम कथा का रसपान कराने पहुंचे कथावाचक अनिरुद्धआचार्य महाराज का कथा पांडाल में क्षेत्रीय विधायक देवेंद्र सिंह पटेल के द्वारा सर्वप्रथम स्वागत सम्मान कर उनसे आशीर्वाद लिया। कथा के प्रथम दिवस कथा पंडाल श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। वही व्यवस्था बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस कर्मचारियों सहित एनसीसी क्रेडिट सहित नगर सुरक्षा समिति और ग्रामीण सुरक्षा समिति के कार्यकर्ताओं ने व्यवस्था को संभाले रखा। कथावाचक अनिरुद्धआचार्य ने सर्वप्रथम मंदिर पहुंचकर हनुमान जी महाराज एवं राम दरबार की पूजन अर्चना की। इस मौके पर मंदिर अध्यक्ष कृष्ण कुमार रघुवंशी ने भी उनका स्वागत कर उनसे आशीर्वाद लिया। कथा वाचक अनिरुद्धआचार्य महाराज कथा पंडाल में कथा के प्रथम दिवस राम कथा सुनाते हुए श्रद्धालुओं को बताया कि हिंदू धर्म में दीपावाली का विशेष महत्व होता है। देश में लोग दिवाली को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।

रायसेन/बरेली, दीपावली पर सीताराम की जगह लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजन क्यों की जाती है -अनिरुद्धआचार्य महाराज।

मान्यता है कि इस दिन भगवान राम अपनी पत्नि सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास काटकर अपने घर यानि अयोध्या लौटे थे। लोगों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था, तभी से ये त्योहार मनाया जाता है। लेकिन लोग दिवाली के दिन राम-सीता की जगह माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं, क्या आपने कभी सोचा है क्यों? दीपावली को भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी से जुड़ा हुआ माना जाता है। दीपावली की रात वो दिन है, जब लक्ष्मी ने अपने पति के रूप में विष्णु को चुना और फिर उनसे शादी की। कहा जाता है कि धन की देवी मां लक्ष्मी इस दिन घर में प्रवेश करती हैं। इस दिन धन-संपदा और शांति के लिए लक्ष्मी और गणेश भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कथावाचक आगे बताते हैं कि देवताओं और असुरों के बीच में समुद्र मंथन हुआ, ये समुद्र मंथन हजारों साल चला। इस समुद्र मंथन के दौरान एक दिन महालक्ष्मी निकली, उस दिन कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी। लक्ष्मी को पाकर देवता असुरों से अधिक बलशाली हो गए। जब माता लक्ष्मी का समुद्र मंथन से आगमन हो रहा था, तो सभी देवता हाथ जोड़कर अराधना कर रहे थे। भगवान विष्णु भी अराधना कर रहे थे। इसी कारण, कार्तिक अमावस्या के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।

No comments:

Post a Comment

ghatakreporter.com मै आपका स्वागत है।
निस्पक्ष खबरों के लिए निरंतर पढ़ते रहें घातक रिपोर्टर
आपकी टिप्पड़ी के लिए धन्यवाद

Post Bottom Ad

Read more: https://html.com/javascript/popup-windows/#ixzz6UzoXIL7n
close
Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...