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Monday, October 26, 2020

रायसेन/मंडीदीप, 375 एकड़ रकबे के 5 गांव के किसान इकलामा व बिसनखेड़ा बैराज से कर सकेंगे सिंचाई।

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375 एकड़ रकबे के 5 गांव के किसान इकलामा व बिसनखेड़ा बैराज से कर सकेंगे सिंचाई।

  • बीते वर्ष 2 करोड़ 83 लाख की लागत से बनाए गए हैं 2 बैराज।
  • दो नए बैराज बनने के बाद सबडिवीजन में बैराजों की संख्या हुई 14।


375 एकड़ रकबे के 5 गांव के किसान इकलामा व बिसनखेड़ा बैराज से कर सकेंगे सिंचाई।

घातक रिपोर्टर, दीपांशु सिंह जादौन, रायसेन/मंडीदीप। 8827099977
मंडीदीप। विकासखंड के बिशन खेड़ा, इकलामा, मगरपूछ, सिनौटी एवं दिगवाड़ आदि गांव के किसान भी अब ना केवल अपने खेतों में सिंचाई कर सकेंगे बल्कि मनपसंद फसल उगा कर अत्याधिक उत्पादन कर सकेंगे। दरअसल यह सब जल संसाधन विभाग द्वारा बिशन खेड़ा और इकलामा में बनाए गए बैराज से संभव होने जा रहा है। सूखे से निपटने और कृषि भूमि का सिंचित एरिया बढ़ाने के लिए जल संसाधन विभाग की ओर से क्षेत्र में दो नए बैराजों का निर्माण कराया गया है। इन नए बैराजों के निर्माण के बाद औबेदुल्लागंज उप संभाग में बैराजओं की संख्या 14 हो गई है जिनसे 1375 हेक्टेयर रकबे में फसल सिंचित हो सकेंगी।

विभाग द्वारा बनाए गए इन बैराजों पर 2 करोड़ 83 लाख की राशि खर्च की गई है। जहां बिशन खेड़ा बैराज से इस गांव के साथ मगरपूछ और सिनौटी गांव के किसान पानी ले सकेंगे। वहीं इकलामा मैं निर्मित बैराज से इकलामा के अलावा दिगवड़ गांव के किसान लाभान्वित होंगे। इन बैराजओं से बिशन खेड़ा 195 और इकलामा 180 एकड़ के रकबे को सिंचित कर सकेंगे। आने वाले रबी सीजन से किसानों को इन बैराजों का लाभ मिलने लगेगा। पानी की सुलभ उपलब्धता को देखते हुए ही यहां के किसान अधिक से अधिक उत्पादन देने वाली फसलों की बोवनी करने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

बिशनखेड़ा के किसान सेवाराम एवं इकलामा के मदन साहू ने बताया कि अब वे भी अपने खेतों में सिंचाई कर ज्यादा पैदावार कर सकेंगे। इसलिए इस बार मैं गेहूं की अधिक उत्पादन देने वाली वैरायटी की बीज की बोवनी करूंगा। इसी तरह गांव के अन्य किसान भी अच्छी पैदावार देने वाली फसल उगाने की तैयारी कर रहे हैं।

क्षेत्र में अभी 7000 हेक्टेयर रकबा है असिंचित
ब्लाक में कृषि भूमि का रकबा 52 हजार हेक्टेयर है। इसमें से करीब 45 हजार हेक्टेयर सिंचित एवं सात हजार हेक्टेयर कृषि भूमि असिंचित सूखा है। विभाग द्वारा प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत विकासखंड के सूखे क्षेत्र चिंहित कर इन्हें भी सिंचित बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत बलराम तालाब, चेक डेम, स्टाप डेम एवं तालाब आदि बनाकर सिंचाई के संसाधन जुटाए जाएंगे। किसानों के लिए पानी की जरुरत पूरी करने संरचना बनाई जाएगी। इसी कड़ी में सरकार द्वारा छोटे-छोटे बैराज बनाकर किसानों को पानी उपलब्ध कराने पर काम किया जा रहा है।

बैराज से पानी लेने के बदले देना होगा पैसा
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन नवनिर्मित बैराजों से पानी लेने के बदले किसानों को कुछ पैसा भी विभाग को देना होगा। इसके लिए उन्हें 125 रुपय प्रति हेक्टेयर के मान से पैसा चुकाना होगा। इतना पैसा देने के बाद किसानों को एक सीजन में तीन बार पानी मिल सकेगा।

इनका कहना है...
क्षेत्र में 2 बैराजों का निर्माण करा लिया गया है। जिनसे किसान इस रवि सीजन से अपनी आवश्यकता का पानी ले सकेंगे।
संजीव शर्मा , एसडीओ जलसंसाधन विभाग, औबेदुल्लागंज

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