रायसेन/बरेली, दादा के दरबार में माथा टेक मनाया दशहरा, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़। - Ghatak Reporter

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Monday, October 26, 2020

रायसेन/बरेली, दादा के दरबार में माथा टेक मनाया दशहरा, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़।

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दादा के दरबार में माथा टेक मनाया दशहरा, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़।

दादा के दरबार में माथा टेक मनाया दशहरा, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़।


घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन/बरेली।
बरेली। असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयादशमी पर्व हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ग्राम छिंद मैं विशाल मंदिर में विराजमान राम भक्त हनुमान जी के दरबार में पूरी श्रद्धा और उत्साह से कोरोना कॉल को दरकिनार करते हुए हनुमान जी के चरणों में माथा टेक कर श्रद्धालुओं के द्वारा मनाया गया। नगर से 9 किलोमीटर दूरी पर स्थित छिंद वाले दादा के दरबार में श्रद्धालुओं का पहुंचना रविवार शाम से ही प्रारंभ हो गया था, जिला और अन्य महानगरों सहित अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर अध्यक्ष कृष्ण कुमार रघुवंशी के द्वारा धर्मशाला में रुकने की व्यवस्था कराई गई थी। प्रातः 5:00 बजे मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराया गया, तत्पश्चात मंदिर के पुजारियों ने हनुमान जी को चोला चढ़ाया और राम दरबार की पूजन अर्चना प्रारंभ की और बाद में महा आरती का आयोजन मंदिर में किया गया। यहां पर हनुमान जी के सामने माथा टेकने के लिए हर वर्ष अपार जनसमूह पहुंचता है लेकिन इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में कोरोना के चलते थोड़ी कमी देखी गई। शासन-प्रशासन के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार मंदिर अध्यक्ष कृष्ण कुमार रघुवंशी के द्वारा पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान रखा गया। इस वर्ष बरेली में दशहरे का आयोजन नहीं किया जा रहा सिर्फ छिंद मंदिर मैं ही दादा के दर्शन करने के बाद दशहरा मनाया जा रहा।

दादा के दरबार में माथा टेक मनाया दशहरा, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़।


श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पुलिस व्यवस्था मंदिर के रास्तों पर थाना प्रभारी मनोज दुबे के द्वारा करवाई गई थी, मंदिर से काफी दूरी पर वाहनों को खड़ा करवाया गया सिर्फ श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने के लिए रास्ते खोले गए थे। मंदिर में प्रवेश के चार द्वार हैं लेकिन एक ही द्वार आने के लिए और दूसरा द्वार श्रद्धालुओं के बाहर निकलने के लिए खोला गया था। मंदिर के अंदर प्रसाद चढ़ाने और अगरबत्ती लगाने पर पूरी तरह से मंदिर प्रबंधन के द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था सिर्फ नारियल वह भी बगैर फोड़ा पुजारी ले रहे थे। मंदिर अध्यक्ष कृष्ण कुमार रघुवंशी ने दान करने पर भी रोक लगाई थी क्योंकि वहां पर रखी हुई दान पेटियां कई महीनों पहले हटवा दी गई थी।

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