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Monday, January 4, 2021

रायसेन/देवरी, रेत खनन के खेल में माफिया ही सब कुछ, अधिकारी मात्र दर्शक, ट्रालियों को रोकने के लिए ठेकेदार ने खोदा घाट।

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रेत खनन के खेल में माफिया ही सब कुछ, अधिकारी मात्र दर्शक, ट्रालियों को रोकने के लिए ठेकेदार ने खोदा घाट।

रायसेन/देवरी, रेत खनन के खेल में माफिया ही सब कुछ, अधिकारी मात्र दर्शक, ट्रालियों को रोकने के लिए ठेकेदार ने खोदा घाट।

घातक रिपोर्टर, दुर्गेश तिवारी, रायसेन/देवरी।
देवरी। रेत के खेल में जिले के अधिकारी मात्र मूर्ख दर्शक का काम कर रहे हैं। उत्खनन करने, उत्खनन रोकने और परिवहन करने के सारे निर्णय रेत माफिया ही कर रहे हैं। रविवार को नर्मदा के शौकलपुर पतई तटों से रेत की अवैध खुदाई और परिवहन की खबर प्रकाशित होने के बाद रविवार को रेत ठेकेदार ने जेसीबी से उन सडकों को खोदकर खाईया बना दी जिनसे होकर रेत से भरी ट्रालियां नर्मदा से निकाली जा रही थी। ठेकेदार ने बिना किसी अधिकारी के और अधिकारियों को सूचना दिए ही अपने मन से रास्तों को खोद दिया। जबकि इन्हीं रास्तों से नर्मदा स्नान के लिए श्रद्धालु जाते हैं। अब श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए भी रास्ता नहीं बचा है। खास बात यह भी है कि ठेकेदार को फिलहाल शौकलपुर, पतई, रिछावर, खदानों का अधिकार नहीं मिला है। बावजूद इसके वह पूरे अधिकार के साथ इन खदानों से रेत का उत्खनन कराने और नहीं कराने का निर्णय कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार ठेकेदार के कर्मचारियों ने रविवार दोपहर दो बजे जेसीबी से शौकलपुर, पतई घाट के रास्तों को खोदकर खाईया बना दी। जिससे नर्मदा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन भी यहां से नहीं निकल सकेंगे। ठेकेदार ने रास्तों को खोदने की न तो किसी सक्षम अधिकारी से अनुमति ली और ना ही पुलिस को सूचना दी। तहसीलदार, नायब तहसीलदार हड़ताल पर चल रहे हैं। थाना प्रभारी का कहना है कि खदानें ठेकेदार की हैं, वो हमे सूचना क्यों देगा। यानि वो रास्ता खोदने के लिए पुलिस की तरफ से स्वतंत्र है। जबकि एसडीएम को इसकी कोई जानकारी नहीं है।

रेत माफियाओं के आगे प्रशासन खामोश

खनिज संपदा से भरपूर जिले में प्रशासन के समांनांतर माफिया राज चल रहा हैं। जीवनदायिनी नर्मदा पर माफिया का कब्जा है। माफिया का आपराधिक चरित्र इतना व्यापक और विकराल हो चुका है कि खनन के सिंडीकेट फर्श से अर्श पर पहुंच गए है और अफसर इनके रुतबे के आगे खामोश हैं। अवैध खनन माफिया सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। यह काम अफसरों और राजनीतिक संरक्षण के बिना हो ही नहीं सकता। लगातार खनन से नर्मदा का अस्तित्व भी खतरे में पड़ रहा है।

क्षेत्र में बना हुआ चर्चा का विषय

क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक शौकलपुर पर पतई, रिछावर घाट के ठेकों की नीलामी नहीं हुई। इस बार ठेकेदार इन घाटों पर अपनी दावेदारी पेश कर रहा है। इससे तो यह लगने लगा है कि यह अपनी दंबगई के बलबूते के कारण इन घाटों पर दावेदारी पेश कर जताई जा रही है। जबकि शोकलपुर घाट पर साल में तीन बार विशाल मेला लगता है। यहां पर रेत खदान होने के कारण बड़े-बड़े गड्ढे हो जाएंगे तो मेला कहां पर लगाएं जाएगा। यहां का मेला नर्मदा क्षेत्र मे विख्यात मेला है।

इनका कहना है...

ठेकेदार के पास रेत खदानों का ठेका है, वह हर बार हमें सूचना देकर काम नहीं करेंगे।
राधेश्याम पटैल, थाना प्रभारी, देवरी

मैं हड़ताल पर हूं, ठेकेदार ने सड़क खोदी है तो इसे पुलिस को देखना चाहिए।
छोटे गिरी गोस्वामी, तहसीलदार

घाटों पर रास्ता नहीं खोदना चाहिए थे। ठेकेदार द्वारा इन घाटों पर अपने आदमी बैठाकर अवैध रेत परिवहन को रोकना था। मैं इसकी जानकारी लेता हूं कि बिना अनुमति लिए रास्तों को किसने खोद दिया।
प्रमोद सिंह गुर्जर, एसडीएम, बरेली

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