रायसेन/देवरी, जिम्मेदारों की लापरवाही से फल-फूल रहा अवैध रेत का कारोबार। - Ghatak Reporter

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Friday, February 26, 2021

रायसेन/देवरी, जिम्मेदारों की लापरवाही से फल-फूल रहा अवैध रेत का कारोबार।

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जिम्मेदारों की लापरवाही से फल-फूल रहा अवैध रेत का कारोबार।

  • सरकार के आदेश ताक पर, ठेकेदार नर्मदा में पोकलेन से करा रहा खनन।
  • जिला प्रशासन सहित खनिज विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे पुख्ता कार्रवाई।
  • तुम्हे कैसे नज़र आएंगे माँ के ज़ख्मों के निशांन, बिकी हुई आँखों से सच्चाई नज़र नही आती।

रायसेन/देवरी, जिम्मेदारों की लापरवाही से फल-फूल रहा अवैध रेत का कारोबार।

घातक रिपोर्टर, दुर्गेश तिवारी, रायसेन/देवरी।
देवरी। रायसेन जिले की आखिरी सीमा से लगा पतई नर्मदा घाट पर ठेकेदार के कर्मचारी पोकलैड मशीन से नर्मदा मे अवैध उत्खनन कर रहे हैं और नर्मदा मे डंफर खुले आम पोकलैन मशीन से भार रहे है। यहां डंफर सागर की और भेजे जा रहे है लेकिन रायसेन जिले की सीमा से होकर नरसिंहपुर सीमा तक निकलने वाले ओवरलोड डंफर पर किसी तरह की कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है। ना नर्मदा तट पर खुलेआम पोकलैन मशीन से डंफर भरे जा रहे है उन पर कोई कार्रवाई नही कि जा रही है। यह तो जिला प्रशासन से लेकर निचले अधिकारियों के नाक के सामने से यह डंफर निकल रहे है और स्थानीय प्रशासन अधिकारियों के क्षेत्र मे खुलेआम पोकलैन मशीन चल रही है। स्थानीय प्रशासन इनको रोक क्यों नही रही यह आम चर्चा गांव मैं चल रही है।लोग कह रहे हैं कि आँखों मे धूल झोंक दें तो भी ठीक है। मगर  स्थानीय प्रशासन तो सामने खड़े होकर मिर्ची मार रहे हैं। जिले का बच्चा-बच्चा इस बात से अवगत है कि जिले के राजनैतिक खनन माफियाओं द्वारा वर्षों से कैसे निर्दयतापूर्वक माँ नर्मदा का श्रृंगार उजाड़ा जा रहा है। मां नर्मदा की नगरी यह गौरवपूर्ण जिला गवाह है की अवैध खनन रोकने के नाम पर हमारे माननीयों एवं अधिकारियों ने खानापूर्ति के अलावा कुछ नही किया। यहाँ तक कि जिम्मेदारों को जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्रामों में मशीनों से सरेआम होता अवैध उत्खनन की जानकारी नही होती है और ना ही शहर की सड़कों पर सरेआम काल की भाँति दौड़ते डंपरों की आवाज़ ही हमारे माननीयों के कानों तक पहुंच पाती है। किंतु ऐसा नहीं है कि यह कुकृत्य छिपे रहे। अंधों के शहर में आईने बेचने वाले कुछ लोग हैं जो निरंतर बिकी हुई आँखों को बारंबार सच दिखाने का प्रयास करते हैं। नोटों की ओट में बंद कानो को कलम से ढंकार सच सुनाते हैं। आईने को सब दिखता है। वैध-अवैध के इस हेरफेर में सफेदपोश नेताओं के काले चेहरे। नौकरशाही की सफ़ेदी ओढ़कर तनख्वाह देने वाली जनता की बजाय कुछ तथाकथित राजनैतिक माफियाओं के आगे कत्थक करने वाले अधिकारी और इन राक्षशो के दिये हुए घावों से व्यथित होकर आँसू बहाती हमारी माँ नर्मदा। इस सच के आईने ने यह भी देखा की किस प्रकार नेता के संबंध ने जिले में कई कीर्तिमान स्थापित किये। अनेक आंदोलनों को जन्म दिया और अनेक खूनी संग्रामों की वजह भी रेत रूपी बारीक सोने के लिए नेताओं की चाहत बनी।

रायसेन/देवरी, जिम्मेदारों की लापरवाही से फल-फूल रहा अवैध रेत का कारोबार।

शासक, प्रशासक एवं व्यापारी मस्त, आम जनता त्रस्त

अवैध खनन को वैधता का जामा पहनाने हेतु शासकों की चली गई यह कूटनीति बहुत हद तक कारगर सिद्ध हुई। पहले से कुर्सी तोड़ रहे खनिज विभाग के अधिकारी अब और भी निश्चिंत हो गए कि अब तो सब कुछ वैध है। किन्तु खदानों की इस नीलामी के नाम पर मानो किसी व्यापारी को सरकार ने पूरा जिला बेच दिया हो जैसे रेत का टेंडर लेकर कंपनी ने आम जनता पर और सरकार पर एहसान कर दिया हो। जैसे उन्हें सरेआम बंदूकें लहराने और मनमाना खनन करने का लाइसेंस मिल गया हो। रेत ठेकेदार ने इस कंपनी का बेलगाम होना इसलिए भी स्वाभाविक है। ना ही हमारे जिले के माननीय जनप्रतिनिधियों को कोई फिक्र है। और ना ही अधिकारी ही कंपनी की मनमानी पर नज़र रखने का प्रयास कर रहे है।

क्या मुमकिन नही की हमारे जनप्रतिनिधि ठेकेदार की कंपनी पर की मनमानी के विरुद्ध सजगता से अधिकारियों को जाँच एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित करें। क्या यह मुमकिन नही की रेत के दोगुने दामों को कम करने हेतु सत्ता या विपक्ष के जनप्रतिनिधि विधानसभा में प्रयास करें। क्या यह मुमकिन नही की जितनी संख्या में जनता माँ नर्मदा जयंती पर चुनरी चढ़ाने एकत्रित होती है वही इन रेतासुरों के विरुद्ध माँ नर्मदा की सुरक्षा हेतु एकत्रित हो सके। क्या यह मुमकिन नही की दुनिया के दुःख हरने वाली माँ के दुःख हरने के लिए उसके पुत्र-पुत्रियाँ अपने सेवक ,अपने जनप्रतिनिधियों से सवाल करें। सब कुछ मुमकिन है पर आपको यह तय करना है कि क्या माँ को चुनरी चढ़ाकर, नारियल फोड़कर आपकी भक्ति सार्थक हो गई या फिर माँ के लिए अपनी यथार्थ जिम्मेदारी को निभाने के लिए आपको आगे आना चाहिये।

इनका कहना है...

मैं अभी माइनिंग अधिकारी को बोलता हूं कि कलेक्टर महोदय के निर्देश अनुसार जिले से आदेश हुआ है कि देवरी क्षेत्र में एक नाका स्थापित किया जाए। अभी तक देवरी क्षेत्र में एक भी नाका नहीं बना है। जल्दी ही एक नाका स्थापित करा दिया जाएगा।
प्रमोद सिंह गुर्जर, एसडीएम, बरेली

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