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Monday, April 5, 2021
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रायसेन/मंडीदीप, डेढ़ साल में पूरी होने वाली मुख्यमंत्री पेयजलावर्धन योजना 13 साल में भी नही हुई पूरी।
रायसेन/मंडीदीप, डेढ़ साल में पूरी होने वाली मुख्यमंत्री पेयजलावर्धन योजना 13 साल में भी नही हुई पूरी।
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घातक रिपोर्टर, दीपांशु सिंह जादौन, रायसेन/मंडीदीप।
मंडीदीप। नगर की बहुप्रतीक्षित मुख्यमंत्री पेयजलावर्धन योजना इस साल भी पूरी नही हो पाई। ऐसे में नगरवासियों को एक बार फिर जल संकट का सामना करने को मजबूर होना पड़ेगा। नागरिकों के लिए अतिमहत्वपूर्ण मानी जाने वाली इस योजना में अफसरों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी इस तरह कोताही बरती की वर्ष 2017 में पूरी होने वाली योजना अब तक भी अधूरी ही है। पिछले सवा 5 सालों में इसका सिर्फ 45 प्रतिशत काम ही हो पाया। बीते साल दिसंबर में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा ठेका कंपनी का कॉन्ट्रेक्ट टर्मिनेट करने के बाद नपा ने तीन दिन पहले ही इसके लिए दोबारा टेंडर जारी किए हैं। ऐसे में योजना का काम 6 महीने और पिछड़ जाएगा जिससे फिलहाल तो रहवासियो को गर्मियों में इसका पानी नही मिल पाएगा। परिणाम स्वरूप जिम्मेंदारों की गलती की कीमत नगरवासियों को जलसंकट के रूप में चुकानी होगी। ज्ञात हो कि नगरवासियों की पेयजल की समस्या को देखते हुए 13 साल पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पेयजलावर्धन योजना की सौगात दी थी। नगर की इस महात्वाकांक्षी योजना को मूर्तरूप देने के लिए सवा 5 साल पहले टेंडर और वर्कऑडर जारी किए थे। 13 करोड़ 77 लाख की लागत राशि वाली इस योजना के अंतर्गत नगर से 8 किमी दूर स्थित दाहोद डैम से 2.5 एमजीडी पानी लाना था। इस प्रोजेक्ट का काम हैदराबाद की पांडा कंपनी को मिला था। लेकिन कंपनी ने प्रोजेक्ट में प्रारंभ से ही ढीलपोल रवैया अपनाया। वर्कऑर्डर जारी होने के 14 माह की देरी से कंपनी ने काम शुरू किया जबकि योजना का काम मार्च 2017 में पूरा कर लिया जाना था। लेकिन कंपनी के साथ योजना के क्रियान्यवयन में नपा अफसरों ने भी ढीलपोल रवैया अपनाया। यही कारण रहा कि 18 महीने में पुरी होने वाली योजना अब तक अधूरी है। भाजपा मंडल अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव का कहना है कि यदि जिम्मेदारों ने नगर की इस महात्वाकांक्षी योजना को समय से पूरा कराने में संजीदगी दिखाई होती तो न केवल मुख्यमंत्री का वादा और प्रोजेक्ट का काम समय पर पूरा होता बल्कि नगरवासियों की प्रतिदिन पानी मिलने की बरसों पूरानी मांग भी पूरी हो जाती, परंतु जनप्रतिनिधियों के साथ अफसरों ने भी इस ओर गंभीरता से ध्यान नही दिया। इससे स्पष्ट होता है कि नपा अफसर और जनप्रतिनिधि नगरवासियों को पर्याप्त पानी देने के प्रति बेहद उदासीनता बरत रहे हैं।
पेयजल जैसी महत्वपूर्ण योजना में गंभीर लापरवाही बरतने का नगरीय प्रशासन विभाग के अफसरों का यह नायाब उदाहरण हो सकता है। विभागीय अफसरों ने नपा की इस अहम योजना को मंजूरी देने में सात साल लगा दिए। इतना ही नहीं इस दरमियान अधिकारियों ने पांच बार योजना की लागत राशि में बदलाव किया। नपा ने सबसे पहले 2009 में यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत 11 करोड़ की लागत से भोजपुर स्थित बेतवा बैराज से 11.15 एमएलडी पानी लाए जाने की योजना बनाई थी, लेकिन यहां से पर्याप्त पानी उपलब्ध न होने के कारण जल संसाधन विभाग ने इसे नामंजूर कर दिया। इसके बाद 12 करोड़ की राशि से दाहोद डेम से दो एमएलडी पानी लेने की येाजना बनाई गई। बाद में इसमें संशोधन करते हुए सवा अठारह करोड़ कर दिया गया। इसके टेंडर की दरें अधिक होने के कारण नगरीय प्रशासन ने योजना को ही अमान्य कर दिया। इसके बाद नपा ने इसमें संशोधन कर 15 करोड़ 99 लाख की योजना बनाई। इस बार भी टेंडर रेट अधिक आने के कारण विभाग ने टेंडर निरस्त कर दिया। फिर इसे 13.45 करोड़ किया गया लेकिन आखिर में 13.77 करोड़ की योजना स्वीकृत हुई।
ठेका कंपनी समय सीमा में तो काम कर ही नहीं रही थी बल्कि गुणवत्ताहीन काम भी कर रही थी। बेहद सुस्त गति और लापरवाही से काम करने के कारण नपा की पीआईसी ने पहले 21 दिसंबर 2018 को इस कंपनी के खिलाफ ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई का प्रस्ताव नगरीय प्रशासन विभाग की एसएलडीसी समिति को भेजा था। नपा के इस अहम प्रस्ताव पर अमलीय कार्रवाई करते हुए इस कंपनी को ब्लेक लिस्ट व ठेका निरस्त ना करने के पीछे अधिकारियों ने तर्क दिया था कि इस कमेटी की मोहर लगते ही नपा को योजना के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करने पडेंगे। ऐसे में योजना का काम करीब 1 साल और पिछड़ जाएगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने कंपनी को इस शर्त पर ब्लेक लिस्ट करने की कार्रवाई नही की थी कि अक्टूबर 2019 तक हर हाल में योजना का काम पुरा कर देगी। अधिकारियों को आशा थी की ब्लेक लिस्ट होने के बाद प्रदेश की किसी भी निकाय में ठेका नहीं ले सकेगा लेकिन ऐसा हो ना सका। कंपनी का सुस्त रवैया आगे भी जारी रहा। इसे देखते हुए तत्कालीन नपा सीएमओ केएल सुमन ने बीते वर्ष दिसंबर में ठेका कंपनी का ठेका निरस्त करने की कार्रवाई की थी।
पुराने ठेकेदार का ठेका निरस्त करने के बाद अब दोबारा से इसके टेंडर जारी किए गए हैं। जल्दी ही पेयजल योजना को पूरा करा लिया जाएगा।
बद्री सिंह चौहान, नपा अध्यक्ष मंडीदीप
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