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Wednesday, April 14, 2021

रायसेन/बरेली, पढने लिखने की उम्र में दूर दूर से बच्चे पानी लाने को मजबूर, गिरते भू-जल स्तर से आम जन के माथे पर उभरने लगी चिंता की लकीर

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पढने लिखने की उम्र में दूर दूर से बच्चे पानी लाने को मजबूर, गिरते भू-जल स्तर से आम जन के माथे पर उभरने लगी चिंता की लकीर

घातक रिपोर्टर- राकेश दुबे                     

रायसेन/बरेली। 
रायसेन/बरेली, पढने लिखने की उम्र में दूर दूर से बच्चे पानी लाने को मजबूर, गिरते भू-जल स्तर से आम जन के माथे पर उभरने लगी चिंता की लकीर


गर्मी का मौसम लगते ही एक एक बूंद पानी के लिए परेशानी का सामना करने को विबश आमजन दिखाई दे रहे हैं। इस पानी की बिकराल समस्या को देखते हुए सैंकडों मकानों के सामने पानी के गड्डे करवाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। वहीं नगर परिषद ने भी पानी की समस्या से निजात पाने के लिए पानी के टेंकरों से पानी वितरण की कार्य योजना तैयार कर ली है इस योजना के अन्तर्गत सप्ताह में दो बार हर वार्ड में पानी के टेंकरों से पानी की भरपाई की जायेगी। 
यहां पर हर वर्ष गर्मियों के दिनों में उन वार्डों में पानी की समस्या से जनता को जूझना पडता है जहां पर बाटर सप्लाई की लाईन मौजूद नही है। जहां यह व्यवस्था नही है वहां पर घरों के अंदर पानी के बोर मौजूद हैं लकिन मार्च माह प्रारंभ होते ही उन पानी के गड्डो का जल स्तर नीचे पहुंच गया है कई जगह पानी की अवश्यकता को देखते हुए लोगों ने अपने भवनों में नये पानी को बोर करवाना प्रारंभ कर दिया है । दूसरी और पानी के बोर नागरिक बीच सडकों पर करवा रहे हैं जिस कारण सडकें दलदल में तब्दील दिखाई देती हैं। 
मासूम बच्चे दूर दराज से ला रहे पानी-
भले ही नगर परिषद बरेली में गुजरे २० वर्षों में अरबो करोडों रूपये के निर्माण कार्य जनहित में किये गए हैं लेकिन आज भी कई निचली वस्तीयां और सडकों के आसपास निवास करने वाले मजदूर वर्ग के लोग उनके मासूम बच्चे काफी दूरी से पीने का पानी लाने के लिए मजबूर हैं। पोसार पिपरिया मार्ग पर सडक के आसपास निवास करने वाले मजदूर परिवार जो झोंपडियों में अपना गुजर वसर कर रहे हें उनके मां बाप सुबह से जब मजदूरी के लिए चले जाते है उनके बह मासूम बच्चे जिनकी उम्र पढाई लिखाई की है वह झोंपडियों से काफी दूरी पर लगे जल स्रोतों से पानी भरकर लाने को विवश हैं। 
नर्मदा जल से आस लगाये बैठे थे नागरिक-
मुख्य मंत्री जलावर्धन योजना के अन्तर्गत नगर में नर्मदा जल बगलवाडा से लाने के लिए जगह जगह पाईप लाईन बिछाई गई हैं साथ ही पानी दो टंकियों का निर्माण भी किया गया है लेकिन इस योजना के प्रारंभ होने में ऐंसा लग रहा है जैंसे अभी और समय लगेगा क्योंकि बगलवाडा नर्मदा तट के पास पावर प्लांट का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुच गया है साथ नर्मदा जी के तट पर पानी की टंकी का निर्माण भी १० प्रतिशत ही शेष बचा है । नर्मदा जल नगर में लाने की प्रक्रिया का चालू होने का बेसर्वी से नगरवासी इंतजार कर रहे हैं उन्हे आशा थी कि फरवरी-मार्च २०१९ में हर घर में पानी की टोंटी से नर्मदा जल आयेगा लेकिन यह कार्य संभव न हो सका। 
पानी के चक्कर में बिगड रहे संबंध -
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अकसर यह देखने में आया है कि जिस वार्ड में आस पडोस में पानी की मोटर लगी है वहां पानी के चक्कर में इस लिए संबंध खराब हो जाते हैं क्योंकि जिन के यहां पर्याप्त व्यवस्था है वह बाजू के मकान मालिक से बोलन सिर्फ इसलिए बंद कर देता है क्योंकि कहीं वह पानी न मांगने लगे इसलिए आस पडोस में आपस में बोला चाली बंद हो जाती है जैसे पानी की समस्या खत्म हो जाती है फिर तुरंत आपस में सद्भाव की लहर पुन वापस दिखाई देने लगती है 

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