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Monday, April 5, 2021

रायसेन/उदयपुरा, प्रेम की पराकाष्ठा ही श्री भरत का चरित्र है मानस - आचार्य सुरेंद्र शास्त्री।

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प्रेम की पराकाष्ठा ही श्री भरत का चरित्र है मानस - आचार्य सुरेंद्र शास्त्री।

रायसेन/उदयपुरा, प्रेम की पराकाष्ठा ही श्री भरत का चरित्र है मानस - आचार्य सुरेंद्र शास्त्री।

घातक रिपोर्टर, मिथलेश मेहरा, रायसेन/उदयपुरा।
उदयपुरा। नर्मदा तट के संत सदाशिव नित्या नंद गिरी महाराज की प्रेरणा से नर्मदा अंचल में चल रही नित्य सत्संग सेवा सुमरन कार्यक्रम अंतर्गत मानस यात्रा मोनी दादा आश्रम ग्राम कठौतिया पहुंची जहां पर दादा भक्त गणपत सिंह चंदेल द्वारा सत्संग सभा आयोजित की गई। सभा की बैठक कोरोना प्रोटोकॉल बचाव उपाय के तहत बांस बल्ली का प्रयोग कर बैठक व्यवस्था बनाई गई। औषधि युक्त जड़ी बूटी की धूप एवं पवित्र हवन सामग्री से अखंड धूनी में आहुति छोड़कर अग्नि देवता का पूजन होने से पूरा वातावरण दिव्य बन गया। सभा में मानस के चल रहे प्रसंग अयोध्या वासियों सहित श्री भरत शत्रुघ्न आदि का वन गमन, निषाद की शंका और सावधानी, श्री भरत निषाद मिलन और संवाद एवं भरत जी का नगर वासियों का प्रेम की व्याख्या विद्वानों द्वारा की गई। श्रीरामचरितमानस विद्यापीठ के मानस आचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया कि श्री भरत जी का प्रेम विशुद्ध प्रेम है जिसकी वर्तमान में प्रत्येक परिवार में महती की आवश्यकता है छोटे-छोटे स्वार्थ में भाई-भाई का संबंध टूट रहा है प्रेम की पराकाष्ठा ही श्री भरत का चरित्र है जो आज अनुकरणीय है। श्री भरत ने श्री राम के सखा निषादराज को गले से लगाकर यह संदेश दिया है कि राम को केवल प्रेम प्यारा है। सत्संग सभा मैं पुराण प्रवक्ता धर्माधिकारी राजेंद्र शास्त्री, नर्मदा प्रसाद पिपरोनीया, अर्जुन प्रसाद भार्गव सुदामा प्रसाद शास्त्री, आशीष शास्त्री, कैलाश दुबे आदि ने चल रहे भरत चरित प्रसंग की मनमोहक व्याख्या कर श्रोताओं को भावविभोर किया। सभा का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता चतुर नारायण रघुवंशी ने बताया कि जीवन में आचार-विचार एवं व्यवहार जन सुचिता पवित्रता आवश्यक है। कोरोना प्रोटोकॉल के उपाय बचाव एवं सावधानी पर भी श्रोताओं को अवगत कराया गया। रोग मुक्ति के लिए मंगल धूप दीप आरती कर राष्ट्र कल्याण हेतु मंगलकामनाएं की गई। गणपत सिंह चंदेल, त्रिलोक पाल सिंह पूर्व जिला पंचायत सदस्य, साहब सिंह, बाबू सिंह बड़कुर, मिट्ठू लाल, मूरत सिंह मास्टर, महेंद्र तिवारी द्वारा विद्वानों एवं अतिथियों का सम्मान किया। यात्रा प्रभारी प्रेम शंकर चंदेल एवं व्यवस्था प्रभारी भवानी सिंह शेखावत, सह प्रभारी सचिन यादव ने बैठक व्यवस्था में सहयोग किया। कार्यक्रम में सुधी श्रोताओं मैं पंडित रमन देवरी, गोपाल शर्मा देवकीनंदन, तुलसीराम सोनी, भगवान सिंह, केशव सिंह, वीरेंद्र पटेल, कमल पटेल, देवराज सिंह शिक्षक, मोतीलाल मेहरा, अतुल राय, चंद्र हंस शर्मा, सुजान सिंह लोधी, प्रेम नारायण, सरपंच अरुण कुमार उदैनिया, मानस मंडल कनिवाड़ा, घाना टुंडा गायखुरी आदि के श्रोताओं ने अनुशासित होकर सत्संग श्रवण किया।

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