नरसिंहपुर/तेंदूखेडा, व्यवस्थायों में विभाजन कर पंहुचाया जा सकता है मरीजों को लाभ। - Ghatak Reporter

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Wednesday, April 28, 2021

नरसिंहपुर/तेंदूखेडा, व्यवस्थायों में विभाजन कर पंहुचाया जा सकता है मरीजों को लाभ।

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व्यवस्थायों में विभाजन कर पंहुचाया जा सकता है मरीजों को लाभ।

नरसिंहपुर/तेंदूखेडा, व्यवस्थायों में विभाजन कर पंहुचाया जा सकता है मरीजों को लाभ।

घातक रिपोर्टर, धर्मेन्द्र साहू, नरसिंहपुर/तेंदूखेडा।
तेंदूखेड़ा। लगातार तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर संक्रमण से पीड़ित या तो स्थानीय शसकीय अस्पतालों मे पंहुच रहा है या नरसिंहपुर या जबलपुर के अस्पतालों में इलाज ले रहा है। चूंकि तेंदूखेड़ा तहसील मुख्यालय जिला मुख्यालय से 60 कि.मी. दूर तीन जिलों की सीमाओं पर स्थित होने के कारण सैकड़ों आदिवासी बाहुल्य सुदूर अंचलों का प्रतिनिध्तिव भी करता है। कोरोना संक्रमण के भय से मरीज सीधा शासकीय अस्पतालों पर ही टूट रहा है। लेकिन क्षमता से अधिक मरीज पंहुचने की स्थिति में सीमित संसाधनों में समुचित इलाज हो पाना संभव नहीं हो पर रहा है। ऐसे समय में क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं में विभाजन करते हुये वैकल्पिक व्यवस्थायें कुछ समय के लिये निर्धारित कर दी जायें तो अस्पतालों में संक्रमण से जूझ रहें मरीजों को समुचित इलाज एवं अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भी संक्रमण से दूर रखकर इलाज संभव हो सकता है।

छात्रावास को बनाया जाये फीवर क्लीनिक

तेंदूखेड़ा शासकीय अस्पताल के बाजू से ही आदिमजाति कल्याण विभाग की प्रीमैट्रिक आदिवासी छात्रावास संचालित है। पूर्व मे इस छात्रावास को कोविड केयर सेंटर के रूप में अधिकृत किया गया था। तथा संक्रमित संदेहास्पद लोगो को रखा भी गया था। इस छात्रावास में वर्तमान में 1 भी संदेहास्पद व्यक्ति नहीं है। यदि फीवर क्लीनिक के रूप में इस केंर्द का उपयोग वैकल्पिक व्यवस्था के साथ हो जाता है तो सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के साथ अन्य छुट-पुट बीमारियों के मरीज यहां पंहुचकर स्वास्थ्य लाभ ले सकते है। इससे दो फायदे यह होंगे कि मरीजों का दबाव अस्पताल पर पड़ता है वह भी कम होगा तथा कोविड संक्रमितों से भी काफी दूर बचकर रहा जा सकता है एवं आने वाले मरिजों को जो संक्रमण का भय रहता है वह भी दूर हो जायेगा। तथा संक्रमण के भय से मरीज अस्पताल जाने से कतरा रहा है वह भय भी दूर हो जायेगा।

नरसिंहपुर/तेंदूखेडा, व्यवस्थायों में विभाजन कर पंहुचाया जा सकता है मरीजों को लाभ।

रोंसरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी हो व्यवस्था

राजमार्ग चौराहा स्थित रोसरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से मील को पत्थर सावित हुआ है। जनप्रतिनिधियों की यह पहल एन एच 40 और 44 (जबलपुर भोपाल नागपुर झांसी) सड़क मार्ग पर होने वाली आस पास की सड़क घटनाओं दुर्घटनाओं में पीड़ित व्यक्तियों के लिये तुरंत चिकित्सा की दुष्टि से काफी लाभदायी सिद्ध हो रही है। इस केंद्र में भी वर्तमान में 10 ऑक्सीजन वेड और तैयार कर दिये जाते है तो राजमार्ग विल्हेरा सुआतला क्षेत्र के तहत आने वाले दर्जनों ग्रामों के लोगों को सुविधा की दृष्टि से लाभ मिलने लगेगा। इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डोभी में भी ऑक्सीजन युक्त 10 वैडों की समुचित सुविधाओं के साथ डाक्टर एवं स्टाफ की व्यवस्था हो जाती है तो डोभी क्षेत्र से जुड़े दर्जनों ग्रामीण क्षेत्रों के लोगांे को तत्काल स्वास्थ्य लाभ मिलने लगेगा। तथा तेंदूखेड़ा पर पड़ने वाला दवाव भी कम हो जायेगा।

प्रसुति के लिये निर्धारित हो अलग केंद्र

कोविड के दौरान प्रसुति पहिला के साथ साथ जन्म लेने वाले शिश्ुा को सुरक्षा की काफी आवश्यकता पड़ती है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तेंदूखेड़ा में डिलेवरी कराने आने वाली महिलाओं के लिये खतरा है ही क्योकि वाजू से ही कोविड केयर और फीवर क्लीनिक आजु वाजू संचालित है। ऐसी स्थिति में उनको सुरक्षित रखना प्रवंधन की जिम्मेदारी के साथ साथ पीड़ित पक्ष की भी जवावदारी बन जाती है। प्रसुति के लिये कोरोना संक्रमण प्रभावकाल अवधि तक समीपी ग्राम भामा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या चांवरपाठा या फिर रांेसरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिये अधिकृत कर दिया जाये तो महिलायें सुरक्षित रूप से डिलेवरी संपन्न करा सकेंगी। और तेंदूखेड़ा का दवाव भी कम हो जायेगा।

नरसिंहपुर/तेंदूखेडा, व्यवस्थायों में विभाजन कर पंहुचाया जा सकता है मरीजों को लाभ।

विधायक ने भी की है अनुशंसा 

कोरोनाकाल की इस त्रासदी के समय क्षेत्र की चिंता करने वाले लोकप्रिय जनसेवक संजय शर्मा ने जहां ऑक्सीजन की कमी को देखते हुये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन एवं रोंसरा में दो ऑक्सीजन कंसस्ट्रेटर उपलव्घता में सबसे पहले पहल करने के साथ 10 लाख रूपये जिला प्रशासन के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को समुचित स्वास्थ्य सेवा की दृष्टि से प्रदत्त किये गये है। साथ ही तेंदूखेड़ा डोभी रोंसरा वोहानी सीहोरा में ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त 10 वेड आवश्यक उपकरणों के साथ जिला प्रशासन को स्वंय के व्यय पर उपलव्ध कराने हेतु पत्राचार कर चुके है। निश्चित तौर पर तत्काल प्रभाव से यदि यह व्यवस्था प्रशासन के माध्यम से तत्काल हो जाती है तो अस्पतालों का बहुत ही बोझ कम हो जायेगा।

तेंदूखेड़ा को मिली 3 स्टाफ नर्से

विगत दिनों तेंदूखेड़ा पंहुचे जिले के प्रभारी कलेक्टर के निर्देशानुसार तेंदूखेड़ा की स्वास्थ्यसुविधाओं की नगण्यता के चलते स्टाफ की कमी के चलते तीन स्टाफ नर्स एक आयुष डाक्टर उपलव्ध कराने को कहा गया था जिसके चलते तीन स्टाफ नर्से कल्पना जाट अनीता मेहरा सवीता रजक के रूप में पदस्थ हुई है। आयुष डाक्टर उपलव्ध नही हो पाये है। स्टाफ की कमी को देखते हुये उन्हें भी शीघ्र भेजे जाने की आवश्यकता है।

बुखार आने पर तत्काल करायें इलाज

तेंदूखेड़ा क्षेत्र के चिकित्सकों ने सर्दी जुकाम बुखार पीड़ितों से अपील की है कि ऐसे पीड़ित तीन दिवस के भीतर अपने नजदीकी चिकित्सको से तत्काल जांच कराते हुये इलाज लेंले। यदि बुखार ठीक नहीं हो रहा है तो 5 से 7 दिवस के भीतर कोविड की जांच समीपी शासकीय चिकित्सालय में जाकर कोविड की जांच कराये और आवश्यक उपचार ले। रिपोर्ट आने पर सर्वसुविधा युक्त चिकित्सालयों में स्थिति के अनुसार स्वास्थ्य लाभ लें। वर्तमान में ऐसे वहुतायत मरीज देखने को मिल रहें है। जो 10-15 दिवसों तक घर मंे ही बुखार से पीड़ित होकर पड़े रहते है बाद में जब मर्ज अधिक बढ़ जाता है तब अस्पतालों में गंभीर रूप से पीड़ित होकर आते है।

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