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Sunday, April 4, 2021

रायसेन, आये दिन लग रही जंगल मे आग, फारेस्ट की फायर लाइन बेअसर।

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आये दिन लग रही जंगल मे आग, फारेस्ट की फायर लाइन बेअसर।

रायसेन, आये दिन लग रही जंगल मे आग, फारेस्ट की फायर लाइन बेअसर।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन।
रायसेन। गर्मी के मौसम के दस्तक देते ही जंगलों में अचानक आग लगने के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी होने लगी है। रायसेन और अब्दुल्लागंज सामान्य वन मंडल सर्किल के जंगलों में लगने वाली आग से बचने के लिए वन विभाग की ओर से बनाई जाने वाली फायर लाइन फिलहाल बेअसर साबित हो रही है। जिम्मेदार विभागीय अधिकारी आग बुझाने के मामले में फिलहाल खामोश बने हुए हैं।

मार्च-अप्रैल के महीने में बढ़े आग के केस

रायसेन-अब्दुल्लागंज वन विभाग सर्किल में मार्च-अप्रैल के महीने में आग लगने के आंकड़े बढ़े हैं। वैसे तो रायसेन जिले के रायसेन और सामान्य वन मंडल अधिकारियों से लेकर वन कर्मियों की टीम बेहद संजीदगी से आग बुझाने की कोशिश कर रही है, फायर लाइन टीम भी आग पर काबू करने के जतन कर रही है। बावजूद इसके हर साल जंगलों में आगजनी की घटनाओं के आंकड़ों में वृद्धि होती जा रही है। किला पहाड़ी, सीता तलाई पहाड़ी, महामाई मंदिर ईदगाह के पीछे गोपालपुर की चिकनी घाटी आदि जंगलों में भड़की आग से पतझड़ में पेड़ से गिरे सूखे पत्तों, झाड़ियों और छोटे पौधे आग में जलकर खाक हो गए हैं।

सेटेलाइट से जारी हुए आग के आंकड़ें

जंगलों में लगी आग को बुझाने में वनकर्मी वन सुरक्षा समिति के सदस्य जुटे हैं। सीता तलाई पहाड़ी बाईपास की पहाड़ी में लगी आग से यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई है। दोपहर के समय तेज हवाएं चलने से आग तेजी से जंगलों की तरफ बढ़ती गई। वन रेंजर पश्चिम आरकेएस चौधरी ने बताया कि इस आगजनी से विभाग को मामूली नुकसान हुआ है। सिर्फ झाड़ियां और पेड़ के सूखे पत्ते ही जले हैं, ऑनलाइन आंकड़े विभाग के दावे इससे अलग हैं। वन विभाग की वेबसाइट के अनुसार सेटेलाइट के जरिए आगजनी के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। इसके अनुसार रायसेन सामान वन मंडल में अब तक 237 और वन मंडल अब्दुल्लागंज में 456, सिंघोरी वन अभ्यारण सेंचुरी एरिया में 145, आगजनी के मामले हो चुके हैं।

गर्मी से बढ़ीं आग लगने की घटनाएं

वन विभाग के रायसेन डीएफओ अजय कुमार पांडे और अब्दुल्लागंज डीएफओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि सेटेलाइट के जरिए अभी तक जो आगजनी के आंकड़े सामने आ रहे हैं, उनमें खेत की फसल नरवाई में लगने वाले आंकड़े भी जोड़ दिए जा रहे हैं। इसके अलावा एक ही स्थान में लगी आग आपको कई तरह से जोड़कर बताया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार आगजनी के आंकड़े बहुत कम हैं। हालांकि जंगलों में गर्मी में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं लेकिन यह आंकड़े ज्यादा नहीं हैं। सेटेलाइट के जरिए आग के प्वाइंट दिखाए जा रहे हैं, वहां डबल हो रहे हैं। साथ ही खेतों में लगी आग के आंकड़े भी इसमें जुड़ रहे हैं, जो बिल्कुल गलत हैं।

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