बाजार मे मांग की कमी के चलते नहीं पकड़ पाये पूरी गति, पहले के मुकाबले उत्पादन मैं 20 से 40 प्रतिशत तक कि कमी।
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फ़ाइल फोटो |
घातक रिपोर्टर, अरविंद सिंह जादौन, भोपाल।
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मंडीदीप। अनलॉक-2.0 का पहला चरण चल रहा है, मगर इंडस्ट्री पर कोरोना का पड़ा असर अभी भी साफ नजर आ रहा है। लॉकडाउन के चलते बंद हुए उद्योग खुलने के बाद भी पूरी रफ्तार नहीं पकड़ पाए हैं। यह स्थिति तब देखी जा रही है जब इस बार लॉकडाउन में फैक्ट्रियों को बंदिशों से छूट दी गई थी। लेकिन इसके बाद भी उद्योग लॉकडाउन से अब तक नहीं उबर पाए हैं। क्षेत्र के अधिकांश बड़े उद्योगों में ही 60 से 80 फीसदी तक प्रोडक्शन हो रहा है। लेकिन चिंता ये भी है कि कोरोना की तीसरी लहर आई तो ऐसे में इंडस्ट्री के उत्पादन पर किसी सूरत में दोबारा ब्रेक लगते हैं तो बड़ा नुकसान होगा। सरकार के दिशा-निर्देश के बाद मंडीदीप में बीते 1 जून से कंपनियों ने उत्पादन शु्रू कर दिया था। फिलहाल सभी कंपनियां 60 से 80 प्रतिशत उत्पादन क्षमता के साथ ही काम कर रही हैं। नगर में करीब 400 से अधिक फैक्टरियां कार्यरत हैं, जिनमें टेक्सटाईल्स, फूड, फार्मा, ऑटोमोबाईल सहित अन्य हैं। इनमें इंसुलेटर से लेकर बडे इलेक्ट्रोड, खादय से लेकर दवा तक की सामग्री का निर्माण होता है। कहने को तो लगभग सभी ईकाईयों ने काम शुरू कर दिया है, लेकिन मार्केट में मॉग न होने और नये आर्डर न मिलने से उद्योग गति नहीं पकड पा रहे है। स्थिति यह है कि जो उद्योग लॉकडाउन के पहले हजारों श्रमिको के साथ 24 घंटे काम करते थे वही फेक्ट्रीयॉ अब वैश्विक महामारी कोरोना से प्रभावित होने के बाद गिने चुने कर्मचारियों के साथ 60 से 80 प्रतिशत ही उत्पादन कर पा रही है। इस तरह से औद्यौगिक क्षेत्र 19 दिन बाद भी लॉकडाउन की मार से नहीं उभर पाया है।
निर्यात से लेकर उत्पादन तक सब प्रभावित
प्रदेश की औद्योगिक अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन का ग्रहण अभी भी पूरी तरह से छट नहीं पाया है। कोरोना वायरस के प्रकोप ने आम जनजीवन के साथ ही क्षेत्र के उद्योग-धंधों पर भी बुरा असर डाला है। लॉकडाउन के कारण प्रदेश की समूची औद्योगिक अर्थव्यवस्था मुश्किल स्थिति में है। न पहले जैसा निर्यात हो रहा है और न उत्पादन। एएआईएम के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल बताते हैं कि अब बाजार पूरी तरह से खुल चुके हैं ऐसे में जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी तो वैसे वैसे उद्योग रफ्तार पकड़ने लगेंगे। अभी कई कंपनियां 60 से 90 प्रतिशत तक उत्पादन कर रही हैं, वहीं मजदूरों की कोई समस्या नहीं है।
ऑक्सीजन की कमी दूर हुई तो गति पकड़ने लगा उत्पादन
क्राम्पटन ग्रीव्स के ऑपरेशन हेड राजीव सिंह का कहना है की हमारे वेंडरों को ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण 30 से 40 प्रतिशत तक ही उत्पादन कर पा रहे थे परंतु अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होने लगी है और हम 80 से 90 प्रतिशत मजदूरों के साथ इतना ही प्रोडक्शन भी कर रहे हैं। एचईजी के पीआरओ राजेश तोमर का कहना है कि हम डिमांड ऑर्डर पूरा करने के हिसाब से उत्पादन करते हैं। अभी हम 85 प्रतिशत तक उत्पादन कर रहे हैं। हमारे पास ऑर्डर, वर्कर किसी बात की कोई कमी नहीं है।
डिमांड बढ़ने से बढ़ेगा उत्पादन
लुपिन फार्मास्युटिकल कम्पनी के एचआर एडमिन अनिल बर्गिस का कहना है कि अभी बाजार में मांग नहीं है, इस कारण हम अपनी क्षमता का 70 प्रतिशत ही उत्पादन कर रहे हैं। वहीं वर्कर्स की कोई कमी नहीं है, 90 प्रतिशत वर्कर्स कंपनी लौट चुके हैं।
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