वन अमले पर सैकड़ों से ज्यादा ग्रामीणों का लाठी-डंडे और फसाद से हमला कर की फायरिंग, रेत से भरा ट्रैक्टर-ट्राली ले भागे, थाना प्रभारी पर लगे गंभीर आरोप।
मुरैना। वन विभाग की एसडीओ श्रद्धां पांढ़रे पर बुधवार रात ग्रामीणों ने हमला कर दिया। हमलावर अपने साथ बंदूक, लाठी, डंडा व फरसा लेकर आए थे। हमले के दौरान वन अमला गाड़ी से नहीं उतरा, अगर उतरता तो बड़ी घटना घट सकती थी। हमलावरों ने फायरिंग भी की तथा विभाग की पकड़ से अवैध रेत से भरा ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ा ले गए। श्रद्धा पांढ़रे पर पिछले दो माह में यह 9वां हमला था। इससे पहले आठ बार उन पर खनन माफियाओं की ओर से हमला किया जा चुका है। इस बार के हमले में सौ से ज्यादा ग्रामीण शामिल थे, हमलावर रेत माफिया के आदमी बताए जाते हैं। एसडीओ श्रद्धा पांढ़रे हर दिन की तरह बुधवार को भी एसएएफ व वन विभाग के आरक्षकों के साथ गश्त पर निकली थीं। रास्ते में उन्हें अवैध रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली मिली। उस ट्रैक्टर-ट्रॉली को टीम ने रोका और जब्ती में ले लिया।
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| एसडीओ पांढ़रे |
एसडीओ ने देवगढ़ थाने के टीआई से कहा कि हमने यह अवैध रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली पकड़ी है, इसे आकर ले जाएं। इस पर थाने के टीआई ने कहा कि वे थाने में नहीं हैं, अगर कोई स्टाफ होगा तो भेज देंगे। वन विभाग का अमला काफी देर तक पुलिस का इंतजार करता रहा, लेकिन पुलिस नहींं आई। इस पर अमला स्वयं ट्रैक्टर-ट्रॉली को देवगढ़ थाने में जमा करने ले जा रहा था। रास्ते में पठानपुरा गांव पड़ता है, अमला उधर से गुजर रहा था कि रास्ते में लकड़ी व कांटें डालकर रास्ता जाम किया गया था। जैसे ही गाड़ी रुकी लोगों ने एसएएफ व वन विभाग के जवानों पर हमला बोल दिया। ये लोग बंदूक, फरसा, डंडा व लाठी लिए हुए थे। हमलावरों ने एसडीओ पाढ़रे पर जब हमला किया तो उसी दौरान उनके साथ गाड़ी में बैठे एसएएफ का जवान सामने आ गया और उसके हाथ में चोट लग गई जिससे उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया। रेत माफिया को बचाने आए अपने सामने लगभग एक सैकड़ा ग्रामीणों को देखकर वन अमले ने अपनी गाड़ियां वापस करने में ही भलाई समझी और वापस लौट गए। इस दौरान हमलावर फायरिंग करते हुए रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली छुड़ा कर ले गए।
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रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ाकर ले जाने के बाद भी जब ग्रामीणों का मन नहीं भरा तो वे वापस हमला करने फिर लौटे। इस पर वन अमले ने भी फायरिंग की जिससे वह लोग भाग गए। इस मामले में देवगढ़़ थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। पहले तो एसडीओ के बुलाने पर वह नहीं आए, न ही पुलिस फोर्स को भेजा। इसके बाद जब हमला हो गया तो वह एसडीओ से बोले कि वह एसडीओपी से बात कर लें।
एसडीओ ने मीडिया को बताया कि जब उन्होंने ग्रामीणों व माफिया के लोगों से पूछा कि पुलिस क्यों नहीं रोक रही है। इस पर उन्होंने बताया कि वह पुलिस को एन्ट्री फीस दे रहे हैं। एसडीओ ने बताया कि पुलिस उनका बिल्कुल सहयोग नहीं कर रही है। वन विभाग को डंप रेत की सूचना देने वाले एक व्यक्ति की भी पिछले दिनों हत्या की जा चुकी है। उसकी हत्या उसी रेत माफिया ने की थी जिसकी डंप रेत को एसडीओ पांढ़रे ने जब्त किया था। हत्या करने के बाद चिन्नौनी थाना पुलिस ने मारने वाले के पक्ष में कोई कार्यवाई नहीं की।
मंगलवार को भी रेत से भरे एक डंपर को जब्त किया गया था। इसी दौरान डंपर चालक ने एसडीओ की गाड़ी में टक्कर मारी और भाग गया। बाद में जब वन विभाग के अमले ने उसका पीछा किया तो वह डंपर छोड़कर भाग गया था। एसडीओ पांढ़रे ने पुलिस से कहा है कि वे इस हमले से डरी नहीं है। वे अगर देशभक्ति व सच्चाई दिखाना चाहते हैं तो उनका साथ दें और हमलावरों के खिलाफ लूट व मारपीट का प्रकरण दर्ज करें।
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