रात 9 बजे बच्चे के कुए में गिरने पर देखने गयी भीड़ के कारण कुआ धस्का, कई दर्जन लोग कुए मैं गिरे, 4 की मौत 20 लोगों को निकाला, 12 घंटे बाद भी राहत एवं बचाव कार्य जारी, कितने लोग फंसे संख्या स्पस्ट नहीं।

मध्यप्रदेश में विदिशा जिले के गंजबासौदा में गुरुवार रात 9 बजे बड़ा हादसा हो गया। यहां कुएं में एक बच्चे के गिरने के बाद उसे निकालने के लिए पहुंचे लोगों की वजह से कुआं धंस गया, कई लोग अंदर गिर गए। इनकी संख्या स्पष्ट नहीं है, लेकिन सुबह तक 20 लोगों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा चुका था। 4 लोगों के शव भी कुएं से निकाले गए हैं, अब भी वहां रेस्क्यू चल रहा है। रात में रेस्क्यू में लगा ट्रैक्टर भी पलट गया, वहीं बचाव दल के तीन लोग भी घायल हुए हैं। कुएं में अब भी पानी है, कुछ और लोगों के कुएं के मलबे में दबे होने की आशंका है। रात को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी विदिशा जिले में ही थे। उन्होंने मौके पर अधिकारियों को रवाना कर दिया था। विदिशा के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग भी भोपाल से विदिशा पहुंचे गए। NDRF और SDRF की टीम मौके पर पहुंच गई थीं। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया था। सुबह तक बचाव कार्य चल रहा है। शुक्रवार सुबह सीएम ने मृतकों के परिवार वालों को 5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार की सहायता का ऐलान किया है। सीएम ने कहा कि घटना की सतत निगरानी की जा रही है। गुरुवार की शाम करीब 6 बजे लाल पठार गांव में रवि अहिरवार नामक 13 साल का एक बच्चा 40 फीट गहरे कुएं में गिर गया था, कुएं में पानी भरा था। इसके बाद वहां भीड़ लग गई, भीड़ के वजन से अचानक कुआं धंस गया। इससे वहां खड़े लोग कुएं में गिर गए। घटना की जानकारी लगते ही प्रशासन के अफसर भी मौके पर पहुंच गए। तुरंत JCB और अन्य मशीनों के जरिए राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। अब तक 20 लोगों को सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।

रात 10.24 बजे लाल पठार के कुएं में पंप लगाकर पानी बाहर निकालते समय एक ट्रैक्टर भी कुएं के मलबे में गिर गया। उसमें बैठे ड्राइवर और एक अन्य व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बचाव दल में शामिल मौके पर पहुंचे SDRF और होम गार्ड की टीम के 3 लोग कुएं का पानी निकालते समय मलबे में गिर गए। इसमें से रमेशचंद्र रतनलाल शर्मा और लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें विदिशा रेफर कर दिया गया। जानकारी के अनुसार कुआं करीब 40 फीट गहरा है। उसमें 25 से 30 फीट पानी है। रेस्क्यू के लिए कुआं खाली कराया जा रहा है। अंधेरा होने के चलते बचाव एवं राहत कार्य में परेशानी आई। सुबह तक कुआं खाली कराया जा रहा था। गांव के रहवासी मोहन अहिरवार ने बताया कि कुएं की जगत काफी क्षतिग्रस्त हो गई थी। गांव की 7 हजार की आबादी यहां से पानी भरती है। इसलिए ग्राम पंचायत के सरपंच और जनपद पंचायत से भी कुएं की जगत की मरम्मत कराने की मांग 20 दिन पहले की गई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

चूंकि मुख्यमंत्री पहले से ही विदिशा जिले में ही मौजूद थे। उन्होंने ट्वीट कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने तुरंत मौके पर NDRF और SDRF की टीम ने पहुंचकर रेस्क्यू शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने विदिशा में ही अपना कंट्रोल रूम बना लिया है। वहीं से पूरे मामले पर निगरानी कर रहे हैँ। CM ने कहा कि मौके पर IG, कमिश्नर, कलेक्टर, SP समेत अन्य अधिकारियों को भेजा गया है। इसके अलावा, आधुनिक उपकरण वहां बचाव कार्य में उपयोग करने के लिए भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रात 9 बजे दिल्ली जाना था, लेकिन हादसे की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने रात को विदिशा में ही रुकने का निर्णय लिया। संभवत: मुख्यमंत्री शुक्रवार को दिल्ली जा सकते हैँ। दरअसल, मुख्यमंत्री को दिल्ली में ग्वालियर के लिए शुरू हो रही फ्लाइट का वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होना है। विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह की उपस्थिति में दोपहर 12 बजे यह कार्यक्रम होगा।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया की मैं भैरव मंदिर के पास के मोहल्ले में रोहित नाथ गोस्वामी के साथ बैठा हुआ था। तभी अचानक एक बच्चा दौड़ते हुए आया। कहा- कुंए में मेरा भाई रवि अहिरवार गिर गया है। उसे बचा लो। रोहित नाथ, मोहल्ले का अच्छा तैराक है। बच्चे के कहने पर वह और मोहल्ले के 10-12 लोग दौड़कर कुंए पर पहुंचे। कुंए में बच्चे के गिरने की खबर सुनकर मोहल्ले के ही राहुल रैकवार, आकाश मालवीय और विक्रम मालवीय बच्चे को बचाने कुंए में कूद चुके थे। लेकिन, कुंए में गिरा रवि अहिरवार पानी में नहीं दिखा। इसके बाद मैं अपने दोस्तों के साथ कुंए में उतरा, बच्चे को खोजना शुरू किया। कुएं के ऊपर पाट (छत) पर खड़े लोग अलग-अलग जगह से रस्सियों में लोहे का कांटा कुंए में डालकर, कुंए के ऊपर से पानी में बच्चे को खोज रहे थे। अब तक कुंए में करीब 20 लोग बच्चे को खोजने उतर चुके थे। तभी अचानक कुंए की मुंडेर भरभराकर गिर गई। इससे कुंए की छत पर खड़े करीब 30 से 40 लोग कुंए में गिर गए। सभी को आनन फानन में कुंए के किनारे खड़े ग्रामीणों ने रस्सियों से निकालना शुरू किया। मुझे भी ग्रामीणों ने रस्सी डालकर बाहर निकाला।
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