अखिल भारतीय सयुंक्त अधिवक्ता मंच-भारत द्वारा न्यायधीशो, न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओ, लिपिक एवं अन्य न्यायिक सेवा से जुड़े कर्मचारी गणों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने जनहित की याचिका की सुनवायी मप्र उच्च न्यायालय में लंबित सोमोटो याचिका के साथ सलग्न करने का आदेश। - Ghatak Reporter

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Monday, July 12, 2021

अखिल भारतीय सयुंक्त अधिवक्ता मंच-भारत द्वारा न्यायधीशो, न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओ, लिपिक एवं अन्य न्यायिक सेवा से जुड़े कर्मचारी गणों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने जनहित की याचिका की सुनवायी मप्र उच्च न्यायालय में लंबित सोमोटो याचिका के साथ सलग्न करने का आदेश।

अखिल भारतीय सयुंक्त अधिवक्ता मंच-भारत द्वारा न्यायधीशो, न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओ, लिपिक एवं अन्य न्यायिक सेवा से जुड़े कर्मचारी गणों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने जनहित की याचिका की सुनवायी मप्र उच्च न्यायालय में लंबित सोमोटो याचिका के साथ सलग्न करने का आदेश।


जबलपुर। अखिल भारतीय सयुंक्त अधिवक्ता मंच भारत की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र कुमार वलेजा एडवोकैट ने अधिवक्ता कल्याण, सुरक्षा, तथा सर्वोपरि की भावना को लेकर गठित मंच के माध्यम से मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका प्रस्तुत कर कोविड-19 के दुष्प्रभाव एवं भीषण त्रासदी से ग्रसित जनमानस की स्थिति को देखते हुए तथा लीगल फेटर्निटी जो स्वास्थ, पोलिस, सहकारी सस्थाओ एव अन्य शासकीय विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर अपनी जान की परवाह किये बिना देश हित, समाज हित मे अपनी सेवाएं दे रहे है। शाशन द्वारा न्यायिक क्षेत्र के न्यायाधीशो, अधिकारियों, अधिवक्ताओ ओर उनसे जुड़े लिपिक कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित न करना संविधान के अनुच्छेद 14 के मंशा के विरुद्ध है। जबकि शाशन ने स्वास्थ्य, पोलिस, सरकारी विभागों आदि के अधिकारियों और कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किया और उन्हें सभी आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। मंच की और से वेद प्रकाश नेमा अधिवक्ता, मनोज सनपाल अधिवक्ता एवं विभा पाठक अधिवक्ता ने माननीय न्यायालय को लीगल फेटरनिटी में कार्यरत की व्यथा एवं वेदना से अवगत कराकर तर्क प्रस्तुत किये गए। माननीय न्यायाधीश मोहम्मद रफीक एवं माननीय न्यायाधीश विजय शुक्ला की खंडपीठ ने उक्त याचिका को माननीय उच्च न्यायालय की ओर स्वस्ज्ञान से पंजीकृत याचिका 8820/21 के साथ सुनवायी का आदेश दिए हे। अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा अधिवक्ता ने तर्क के दौरान कहा के अखिल भारतीय सयुंक्त अधिवक्ता मंच भारत कोविड 19 का प्रभाव जो अस्तित्व में है और आगे आने वाले नए वैरियंट से खतरे को नजर अंदाज नही किया जा सकता है। अतः न्यायिक क्षेत्र से जुड़े सभी के हित में उन्हें फ्रंट लाइन वर्कर में रखा जाना अनिवार्य घोषित किया जावे एवं कोविड 19 से सम्भन्धित योजनाओं का लाभ देकर उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जावे। अधिवक्ता मंच की ओर से पैरवी वेद प्रकाश नेमा, मनोज सनपाल एवं विभा पाठक ने की।

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