रायसेन, होली की दूज पर सालों से बनगवां में लगता है मेघनाद बाबा और वीर बंबूदेव का मेला, गौर कुर्मी समाज के लोग बच्चों का कराते हैं मुंडन संस्कार। - Ghatak Reporter

Ghatak Reporter

एक नज़र निष्पक्ष खबर. तथ्यों के साथ, सत्य तक।


BREAKING

Post Top Ad

Sunday, March 20, 2022

रायसेन, होली की दूज पर सालों से बनगवां में लगता है मेघनाद बाबा और वीर बंबूदेव का मेला, गौर कुर्मी समाज के लोग बच्चों का कराते हैं मुंडन संस्कार।

होली की दूज पर सालों से बनगवां में लगता है मेघनाद बाबा और वीर बंबूदेव का मेला, गौर कुर्मी समाज के लोग बच्चों का कराते हैं मुंडन संस्कार।

  • गैर में बकरे को बांधते हैं उल्टा, कोड़ों से पंडा करते हैं पिटाई।

रायसेन, होली की दूज पर सालों से बनगवां में लगता है मेघनाद बाबा और वीर बंबूदेव का मेला, गौर कुर्मी समाज के लोग बच्चों का कराते हैं मुंडन संस्कार।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन।
रायसेन। होली पर्व के उपलक्ष्य में धुलेंडी के दूसरे रोज फाल्गुन माह की दूज पर तहसील रायसेन के ग्रामीण अंचलों में मेघनाद बाबा और वीर बंबूदेव की पूजन होती है, गैर बांधी जाती है। ऐसी ही मेघनाद बाबा की पूजन की प्राचीन परंपरा का यह सिलसिला सदियों से लगातार जारी है। तहसील रायसेन के बनगवां में होली की दूज लगने वाले मेघनाद बाबा और वीर बंबूदेव के इस मेले ने एक अपनी अलग पहचान बनाई है। कुर्मी गौर समाज के युवा समाजसेवी, भाजपा नेत्री, सावित्री गौर, कैलाश गौर सचिव बद्री प्रसाद गौर, खेमचन्द गौर, हेमराज गौर, दीपक पटेल, प्रवक्ता सीएल गौर ने बताया कि बनगवां में हर साल होली की दूज पर मेघनाद बाबा की पूजन और मेले का आयोजन किया जाता है। यहां मेघनाद बाबा मेला सैकड़ों वर्षों से आस्था और विश्वास का संगम हैं।


एक ही दिन लगने वाले इस मेले में मेघनाद बाबा को आराध्य देव मानकर कुर्मी, पाटीदार, गौर, पटेल समाज के लोग विशेष पूजा-अर्चना करते है। बनगवां की चौपाल स्कूल भवन के समीप चबूतरे पर लकड़ी की लगभग 25 फीट ऊंची गैर बांधी जाती है। इस पर बकरे को उल्टा बांधकर लटकाया जाता है। गांव के बुजुर्ग प्रह्लाद गौर, मुन्ना लाल गौर बताते हैं कि इस रोज यहां कुर्मी गौर समाज के लोग परिवार सहित जुटते हैं। गेंहूँ, प्याज की पैदावार के मामले में पैमत बनगवां क्षेत्र मिनी पंजाब, मिनी नासिक माना जाता है। होली की दूज पर कुर्मी समाज के लोग अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं। साथ ही पंडा से चबूतरे पर पान, बताशे, इलायची, लौंग, चिरौंजी का प्रसाद नारियल अर्पित कराते हैं। मेघनाद बाबा, वीर बंबूदेव के जयकारे लगाए जाते हैं। मेघनाद बाबा व वीर बंबूदेव के एक दिनी मेले में गौर कुर्मी परिवार की ओर से अखाड़े का आयोजन किया जाता है। जिसे देखने आसपास के लगभग 30 गांव के लोग दूर-दूर से ग्रामीण पहुंचते हैं। इसके अलावा मेले में तलवारबाजी, लाठी बनेटी प्रदर्शन सहित अन्य पारंपरिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं जो आकर्षण का केंद्र रहते हैं।

No comments:

Post a Comment

ghatakreporter.com मै आपका स्वागत है।
निस्पक्ष खबरों के लिए निरंतर पढ़ते रहें घातक रिपोर्टर
आपकी टिप्पड़ी के लिए धन्यवाद

Post Bottom Ad

Read more: https://html.com/javascript/popup-windows/#ixzz6UzoXIL7n
close
Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...