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Thursday, August 11, 2022

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शख्स को सेक्स वर्कर से हुआ इश्क, उसी के लिए बन गया सीरियल किलर, लिस्ट में लिखे 7 नाम, 3 का किया कत्ल; पढ़े सीरियल किलर आशिक की खौफनाक कहानी
शख्स को सेक्स वर्कर से हुआ इश्क, उसी के लिए बन गया सीरियल किलर, लिस्ट में लिखे 7 नाम, 3 का किया कत्ल; पढ़े सीरियल किलर आशिक की खौफनाक कहानी
एक शख्स को एक सेक्स वर्कर से प्यार हो जाता है, फिर उस शख्स को उसकी वही माशूका अपनी जिंदगी की कहानी सुनाती है। वो उसे बताती है कि कैसे वो जिस्मफरोशी के धंधे में आई। अपनी माशूका की दर्दभरी दास्तान सुनकर उसका वो आशिक एक लिस्ट बनाता है। एक ऐसी लिस्ट जिसने प्यार में पागल उस आशिक को एक सीरियल किलर बना दिया। उसके पकड़े जाने की कहानी भी हैरान करने वाली है। मैसूर से करीब 45 किलोमीटर दूर मांडया टाउन में 8 जून को बेबी लेक कनाल के पास पुलिस को एक आधी-अधूरी लाश मिलती है। लाश आधी-अधूरी क्या थी, बस यूं समझिए कि इसकी कमर से ऊपर का हिस्सा गायब था। सबसे पहले इस लाश पर वहां से गुजर रहे एक शख्स की नजर पड़ी और अगले ही पल खबर पुलिस की मिली। कुछ ही देर में पुलिस तफ्तीश के लिए मौका-ए-वारदात पर मौजूद थी। पुलिस ने लाश बरामद करने के साथ-साथ उसकी पहचान पता करने की कोशिश शुरू कर दी, लेकिन इतेफाक से लाश के पास दूसरी ऐसी कोई चीज नहीं थी, जिससे उसकी शिनाख्त में कोई मदद मिल पाती।
हां, लाश को देख कर इतना जरूर साफ था कि लाश किसी महिला की है। ऐसे में पुलिस ने आस-पास के इलाके से गायब हुई उसी उम्र की महिलाओं के बारे में पता करना शुरू किया। लेकिन इससे पहले कि पुलिस की ये कोशिश कामयाब होती, उसी मांडया टाउन में एक और आधी-अधूरी लाश मिलने की खबर सामने आती है। इस बार ये लाश बेबी लेक कनाल से करीब 25 किलोमीटर दूर अराकेरे गांव के पास सीडीएस कनाल से बरामद हुई थी। जाहिर है मामला दो अलग-अलग थाना इलाकों का था, ऐसे में पहली लाश बरामद करनेवाली पुलिस को लगने लगा कि शायद ये उसी पहली लाश का दूसरा हिस्सा हो। आनन-फानन में पहली लाश बरामद करनेवाली पुलिस ने दूसरी लाश वाली जगह पर पहुंच कर अपनी तफ्तीश आगे बढ़ाने का फैसला किया। लेकिन पुलिस को तब झटका लगा जब उसने देखा कि ये आधी-अधूरी लाश भी ठीक पहली लाश की तरह कमर से नीचे का हिस्सा है। यानी जिस्म का ऊपरी हिस्सा पहली लाश की तरह ही गायब है और इतेफाक से ये लाश भी किसी महिला की है। अब जिस मांडया पुलिस को मामला सुलझने की उम्मीद जगती नजर आ रही थी, उसी पुलिस के लिए मामला और उलझ चुका था, क्योंकि अब मांडया शहर की हद में एक नहीं दो-दो महिलाओं की आधी-अधूरी लाशें बरामद हो चुकी थीं।
अब पुलिस ने दो मामलों की जांच करने के लिए करीब 45 पुलिसवालों को लेकर नौ अलग-अलग टीमें बनाने का फैसला किया। टीमें बनीं और पुलिस ने सिर्फ मांडया ही नहीं बल्कि पूरे कर्नाटक में 25 से 35 साल की उम्र वाली गायब महिलाओं के बारे में पता करना शुरू कर दिया। इस कोशिश में पुलिस को सिर्फ कर्नाटक ही नहीं बल्कि आस-पास के दूसरे राज्यों से गायब हुई 1116 ऐसी महिलाओं का पता चला, जो अपने-अपने घर से गायब हो चुकी थी और इतनी गुमशुदा महिलाओं में से पुलिस को मर चुकी दो महिलाओं की पहचान करनी थी, जो यकीनन एक बेहद मुश्किल काम था। अब पुलिस ने मरनेवाली महिलाओं की पहचान के लिए कम से कम 10 हजार हैंडबिल छपवाए और उन्हें घूम-घूम कर गांव-गांव, शहर-शहर बांटना शुरू कर दिया। ताकि कहीं से कोई मारी गई महिलाओं के बारे में क्लू मिल सके और ब्लाइंड मर्डर के इन दो मामलों को सुलझाना मुमकिन हो। इस कोशिश में कम से कम दो महीने गुजर गए, क्योंकि इतनी सारी गुमशुदा महिलाओं में से दो मर चुकी महिलाओं की पहचान करना कोई आसान काम नहीं था और एक लंबी कोशिश के बाद पुलिस को तब पहली कामयाबी मिली, जब उसे चामराजनगर में एक महिला के बारे में जानकारी मिली।
असल में पुलिस यहां एक मकान से गायब हुई महिला के बारे में जानकारी जुटाने पहुंची थी। वहां इतेफाक से एक परिवार ने अपने घर से गायब महिला की जो तस्वीरें दिखाईं, उसे देख कर पुलिस का माथा ठनका। इस तस्वीर में महिला के जिस्म पर वही कपडे थे, जो कनाल से बरामद हुई लाश पर से मिले थे। इत्तेफाक से ये महिला भी उसी 8 जून के आस-पास अपने घर से गायब हुई थी, जिन दिनों में पुलिस ने आधी-अधूरी लाशें बरामद की थीं। यानी ये सारी बातें इशारा कर रही थी कि हो ना हो मारी गई दो महिलाओं से एक महिला इसी परिवार की गायब सदस्य भी हो सकती है। अब पुलिस ने टेक्नीकल सर्विलांस के सहारे जांच आगे बढ़ाने का फैसला किया। पुलिस ने उस महिला के मोबाइल फोन की सीडीआर निकलवाई और उसकी जांच शुरू कर दी। पुलिस ने देखा कि 8 जून से चंद रोज पहले ही वो महिला मैसूर से मांडया पहुंची थी। यानी महिला की मौत से पहले उसके मांडया में होने की भी पुष्टि हो चुकी थी। लेकिन उसके कातिल का पता लगाना अभी बाकी था। पुलिस ने जब महिला के सीडीआर की बारीकी से जांच की, तो उसे कुछ ऐसे संदिग्ध नंबरों का पता चला, जिन पर महिला की लगातार बातचीत होती थी और उसके गायब होने से पहले भी इनमें से कुछ नंबरों पर बातचीत हुई थी।
इन्हीं संदिग्ध लोगों में एक नाम टी सिद्दालिंगप्पा नाम के एक शख्स का था, जिससे इस महिला के गायब होने से पहले आखिरी बार बातचीत हुई थी। अब पुलिस ने सिद्दालिंगप्पा नाम के शख्स को ट्रैक करना शुरू किया। पुलिस को पता चला कि वो एक बेंगलुरू में फेब्रिकेशन की एक फैक्टरी में काम करता है। पुलिस ने बगैर देर किए सिद्दालिंगप्पा को हिरासत में ले लिया। पहले उसने खुद को इस महिला के कत्ल से अंजान बताया, लेकिन जब पुलिस ने मोबाइल फोन की कॉल डिटेल की सूरत में महिला और सिद्दालिंगप्पा के बीच हुई बातचीत का सबूत उसे दिखाया, तो उसके बाद जुर्म कबूल करने के सिवाय कोई चारा ही नहीं था। अब दोनों आधी-अधूरी लाशों से सिद्दालिंगप्पा का कनेक्शन जुड़ चुका था। ये बात तकरीबन साफ हो चुकी थी कि दोनों ही कत्ल सिद्दालिंगप्पा ने ही किए हैं। लेकिन पुलिस अभी दो ही महिलाओं के कत्ल की गुत्थी सुलझा कर राहत की सांस ले रही थी, तब तक सिद्दालिंगप्पा ने बताया कि उसने दो नहीं, बल्कि तीन महिलाओं का कत्ल किया है और तीसरी महिला का कत्ल उसने इन दो महिलाओं के कत्ल से पहले बेंगलुरू में किया था। सिद्दालिंगप्पा ने बताया कि ठीक इन दो महिलाओं की तरह उसने करीब दो महीने पहले ही एक तीसरी महिला की जान लेकर उसकी लाश को भी टुकडों में बांट कर ठिकाने लगा दिया था। यानी ये गिरफ्तार शख्स कोई मामूली कातिल नहीं, बल्कि एक ऐसा सीरियल किलर था, जो एक-एक कर महिलाओं की जान ले रहा था, लेकिन ये तो बस शुरुआत थी।
सिदद्लिंगप्पा ने जब पुलिस के सामने अपना मुंह खोला तो उसकी बात सुन कर पुलिस भी सन्न रह गई। उसने कहा कि वो बेशक तीन कत्ल के बाद पकडा गया, लेकिन उसे तीन नहीं कुल सात कत्ल करने थे। यानी इसके बाद वो अभी चार और लोगों की जान लेने वाला था। लेकिन आखिर सिद्दालिंगप्पा एक-एक कर महिलाओं की जान क्यों ले रहा था? इसके बाद वो आगे जिन चार लोगों की जान लेनेवाला था, आखिर वो कौन लोग थे? उनसे सिद्दालिंगप्पा की आखिर कैसी दुश्मनी थी? तो पुलिस की पूछताछ में सिददालिंगप्पा ने पूरी कहानी सुनाई। असल में कत्ल की इन वारदातों में सिद्दालिंगप्पा की एक गर्लफ्रेंड भी उसके साथ थी। बेंगलुरू में महिला का मर्डर तो सिद्दालिंगप्पा ने अकेले ही किया था, लेकिन मांडया में उसकी गर्लफेंड ने भी दोनों ही महिलाओं के कत्ल में उसका साथ दिया था। असल में उसकी गर्लफेंड चंद्रलेखा नाम की एक ऐसी महिला थी, जिसका ताल्लुक रेड लाइट एरिया से था।
चंद्रलेखा से सिद्दालिंगप्पा की दोस्ती रेडलाइट एरिया में ही हुई थी। धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। अब एक रोज चंद्रलेखा ने सिद्दालिंगप्पा को अपनी जिंदगी की कहानी सुनाई। इस कहानी के मुताबिक चंद्रलेखा जिस्मफरोशी के इस दलदल में खुद अपनी मर्जी से नहीं आई, बल्कि कुछ लोगों ने उसे काम दिलाने के बहाने धोखे से इस अंधी गली में धकेल दिया था। अब सिद्दालिंगप्पा ने जब अपनी गर्लफेंड की ये दर्दभरी कहानी सुनी, तो उससे नहीं रहा गया। उसने चंद्रलेखा से एक-एक कर उन सात लोगों के नाम पते लिए, जिन्होंने उसे जिस्मफरोशी के काम में फंसा दिया था। इनमें पांच महिलाएं थी, जबकि दो पुरुष। सिद्दालिगंप्पा उनसे बदला लेना चाहता था और इसी बदले के चलते उसने एक-एक कर तीन महिलाओं का कत्ल कर दिया।
मांडया में दो महिलाओं की जान चंद्रलेखा के साथ मिलकर ली। उसने चंद्रलेखा के साथ किराये का एक मकान लिया और वहीं उसने इसी मकान में एक-एक कर इन दोनों महिलाओं को फोन कर बुलाया। जहां उसने चंद्रलेखा के साथ मिलकर पहले गला घोंट कर उनकी जान ली और फिर लाश के टुकडे कर उसे चंद्रलेखा के साथ ही बाइक पर जाकर अलग-अलग जगहों पर फेंक आया। बेंगलुरू वाले पहले कत्ल के बाद वो बुरी तरह डरा हुआ था। उसे लग रहा था कि वो कभी भी पकडा जा सकता है। लेकिन इसके बाद जब उसने एक-एक कर मांडया में दो और कत्ल किए, तो उसका हौसला बढ़ गया। उसे लग रहा था कि वो अब कभी पकड़ा नहीं जाएगा। वैसे तो उसकी किल-लिस्ट में कुल 7 लोगों के नाम थे, जिनका वो कत्ल करना चाहता था। लेकिन गुजरते वक्त के साथ सिद्दालिगंप्पा इस लिस्ट में मन ही मन एक और नाम जोड चुका था। एक ऐसा नाम, जिसके बारे में खुद उसकी गर्लफेंड चंद्रलेखा भी बेखबर थी। क्योंकि उसने तो सात ही ऐसे लोगों के नाम सिद्दालिंगप्पा को बताए थे, जिन्होंने उसकी जिंदगी खराब की थी, तो फिर आखिर ये आठवां नाम किसका था, सिद्दालिंगप्पा जिसका कत्ल करना चाहता था?
सिद्दालिंगप्पा के साथ चंद्रलेखा को भी उन सात लोगों की लिस्ट का पता था, जिनका कत्ल हो रहा था या फिर होनेवाला था। क्योंकि इस लिस्ट में वही नाम थे, चंद्रलेखा जिन्हें अपना गुनहगार मानती थी। असल में ये सात नाम उन्हीं लोगों के थे जिन्होंने चंद्रलेखा को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेला था। इनमें सिद्दालिंगप्पा और चंद्रलेखा तीन महिलाओं की तो जान ले चुके थे। जबकि चार और लोगों की जान लेना अभी बाकी था। जिनमें दो महिलाएं और दो पुरुष थे, यानी कुल सात। लेकिन अब सवाल ये था कि आखिर सिद्दालिंगप्पा ने मन ही मन किस शख्स को अपना आठवां शिकार मान रखा था और क्यों? आखिर सिद्दालिंगप्पा आठवां कत्ल किसका करना चाहता था, जिससे खुद उसकी गर्लफेंड चंद्रलेखा भी अंजान थी? तो सुनिए.. वो आठवां नाम किसी और का नहीं बल्कि खुद उसकी गर्लफेंड चंद्रलेखा का था। और इतेफाक देखिए जिस रोज पुलिस ने सिद्दालिंगप्पा को गिरफ्तार किया, वो उसी रोज चंद्रलेखा को मारना चाहता था। मगर इससे पहले ही पकडा गया और खेल देखिए इस साजिश की दूर-दूर तक चंद्रलेखा को कोई खबर ही नहीं थी।
अब सवाल ये है आखिर क्यों? तो जवाब है सिद्दालिंगप्पा सीरियल किलिंग की इन वारदातों के बाद पकडे जाने से बचने के लिए अपनी गर्लफेंड को भी मारना चाहता था। क्योंकि उसे लगता था कि अगर उसने इस सीरियल किलिंग को अकेले ही अंजाम दिया होता, तो शायद उसका राज कभी नहीं खुलता, लेकिन चूंकि उसके इस गुनहगार की राजदार उसकी गर्लफेंड चंद्रलेखा भी है, जो कभी भी पकडी जा सकती है या फिर अपना मुंह खोल सकती है, जिससे उसकी भेद खुल सकता है इसलिए उसके लिए अब चंद्रलेखा का कत्ल भी जरूरी है। यानी ये सीरियल किलिंग की शुरुआत जिस लडकी के लिए हुई, सितम देखिए कि कातिल ने आखिरकार अपनी उस माशूका को भी ठिकाने लगाने की साजिश रच डाली थी।
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