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Monday, November 14, 2022

रायसेन, पुलिस चौकी लोकार्पण व अधोसंरचना पुलिस आवास कार्यक्रम में महिला जनपद अध्यक्ष की हुई घोर उपेक्षा।

पुलिस चौकी लोकार्पण व अधोसंरचना पुलिस आवास कार्यक्रम में महिला जनपद अध्यक्ष की हुई घोर उपेक्षा।

  • कांग्रेसी बोले - भाजपा तो पूंजीपतियों की पार्टी है, वह शुरू से ही दलित आदिवासियों की अनदेखी करती रही है।

रायसेन, पुलिस चौकी लोकार्पण व अधोसंरचना पुलिस आवास कार्यक्रम में महिला जनपद अध्यक्ष की हुई घोर उपेक्षा।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन।
रायसेन। भाजपा खुद को आदिवासी समाज को अपना वोट बैंक मानती है और मंत्री, विधायक, सांसद आदिवासी समाज को हितेषी भी मानते है। लेकिन लापरवाही और अनदेखी की एक बानगी सोमवार को दोपहर दीवानगंज चौकी के लोकार्पण, आवासों के लोकार्पण लकार्यक्रम में इसकी झलक देखने को मिली। सांची विधानसभा क्षेत्र के एक मंत्री के इशारे पर आमंत्रण पत्र में जिले के प्रभारी व सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सांसद रमाकांत भार्गव सहित जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत बबलू मीणा के नाम अंकित थे। लेकिन जनपद पंचायत सांची की अध्यक्ष अर्चना सुनील पोर्ते का नाम दूर-दूर तक आमंत्रण पत्र में नहीं नजर आया। इससे तो साफ जाहिर होता है कि रायसेन जिले में सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री की सत्ता चल रही है। सत्ता संगठन भी पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है। इधर जिला कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र पटेल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष विकास शर्मा, एनएसयूआई एशिय जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन सोलंकी, नगर पालिका में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस पार्षद प्रभात चावला का कहना है कि कांग्रेस पार्टी पूंजी-पतियों की पार्टी है। वह दलित-आदिवासियों की हितेषी बिल्कुल नहीं हो सकती।

रायसेन, पुलिस चौकी लोकार्पण व अधोसंरचना पुलिस आवास कार्यक्रम में महिला जनपद अध्यक्ष की हुई घोर उपेक्षा।

भाजपा तो शुरू से ही दलित आदिवासियों की धुर विरोधी रही है। इससे भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा सामने नजर आ रहा है। मालूम हो कि 12 अक्टूबर को मुख्यमंत्री रायसेन के दशहरा मैदान में एक कार्यक्रम में आए थे। बताया जाता है कि वहां भी सांची विधानसभा के कैबिनेट मंत्री की ओझी मानसिकता के चलते उनको मंच से चढ़ने नहीं दिया गया था। इसी तरह आदिवासी एक महिला जनप्रतिनिधि की घोर उपेक्षा अपमान लगातार किया जा रहा है। इस घटना से दुखी आहत जनपद अध्यक्ष सांची अर्चना पोर्ते ने शासकीय कार्यक्रमों, बैठकों और आयोजनों में हिस्सा लेना लगभग बंद सा कर दिया है। इस मामले में जनपद पंचायत सांची की अध्यक्ष जो कि भाजपा समर्थित हैं उन्होंने बताया कि भाजपा के मंत्रियों, विधायकों और सत्तासंगठन के लोगों की अनदेखी से मैं पूरी तरह से दुखी और उपेक्षित हूं। इसीलिए मैंने सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाना, बैठकों में जाना और अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेना लगभग बंद कर दिया है। मेरा मन अनदेखी और उपेक्षा से भर चुका है इसलिए मैं अब घर बैठना मुनासिब समझती हूं।

इनका कहना है....

यह मामला मेरी संज्ञान में अभी आया है। दीवानगंज का कार्यक्रम एक प्रशासनिक था। अगर प्रशासनिक अधिकारियों ने ऐसी भूल की है तो मामला गंभीर है। इस मामले में सत्ता-संगठन के वरिष्ठ पदधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
सुधीर अग्रवाल, जिला भाजपा संगठन प्रभारी, रायसेन

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