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Thursday, March 23, 2023

रायसेन/बरेली, जबलपुर-इंदौर रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी शुरू, आरवीएनएल का सर्वे का काम प्रारंभ।

जबलपुर-इंदौर रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी शुरू, आरवीएनएल का सर्वे का काम प्रारंभ।

  • केंद्रीय बजट में रेलवे परियोजना को मिले 514 करोड़, जमीन अधिग्रहण करने की तैयारियां शुरू।

रायसेन/बरेली, जबलपुर-इंदौर रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी शुरू, आरवीएनएल का सर्वे का काम प्रारंभ।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन/बरेली।
बरेली। जबलपुर से बुधनी होकर इंदौर तक लगभग 342 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना से बरेली नगर में रेल का होगा आगमन और अब नगर बरेली भी नहीं रहेगा रेलवे लाइन से अछूता और बनेगा रेलवे स्टेशन। हालांकि, बरेली नगर क्षेत्र से गुजरने वाली इस रेल लाइन की काम की गति बढ़ गई है। केंद्रीय सरकार ने इस परियोजना को गति देने के लिए इस साल 2023 के बजट में लगभग 514 करोड रुपए की स्वकृति दी है। इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी रेलवे के रेल विकास निगम लिमिटेड आरवीएनएल को दी गई है और आरवीएनएल ने इसके लिए सर्वे और जमीन अधिग्रहण का काम भी शुरू कर दिया है। पहले चरण में इंदौर से बुधनी के बीच लगभग 198 किलोमीटर दूरी की नई रेल लाइन बिछाने का काम होगा। इसके लिए आरवीएनएल इस लाइन के लिए लगभग 1587 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करेगी, इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है। दरअसल, बजट न मिलने की वजह से यह काम पिछले 5 सालों से अटका पड़ा हुआ था।

चुनाव को देखते हुए मिला परियोजना का बजट

रेलवे ने 2016-17 में जबलपुर-गाडरवारा-बुधनी-इंदौर नई रेल लाइन परियोजना को हरी झंडी दिखाई थी। लेकिन बजट ना मिलने की वजह से इसका काम बीते 5 वर्षों से अटका रहा। नई लाइन के लिए सर्वे का काम तक नहीं हो सका। इस साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने नई रेल परियोजना के लिए बजट स्वीकृत किया, जिसके बाद इसे गति मिल गई। अब आरवीएनएल पश्चिम मध्य रेलवे की मदद से इस परियोजना को स्वरूप देने में जुट गया है। पहले चरण में इंदौर से बुधनी तक का सर्वे का काम और जमीन अधिग्रहण होना है।

नई रेल लाइन से 8 घंटे मे होगा सफर तह

जबलपुर से इंदौर जाने में अभी 10 घंटे का समय लगता है, लेकिन नई लाइन से यह सफर करीब 8 घंटे में तय होगा। इस परियोजना में जबलपुर से गाडरवारा तक रेल लाइन नहीं बनेगी, यह पुरानी रहेगी। गाडरवारा से उदयपुरा होकर बुधनी, नसरुल्लागंज, खातेगांव, इंदौर तक नई रेल लाइन बनेंगी, जिसकी दूरी 342 किलोमीटर है। इस नई रेल लाइन में लगभग 7500 करोड़ की लागत आएगी, जिसमें 61 से ज्यादा बड़े ब्रिज और 77 छोटे ब्रिज होंगे। वही इसमें 18 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसमे से एक बरेली में होगा। इतना ही नहीं इसमें 5 किलोमीटर की दो टनल भी होगी। पहले चरण में इंदौर-बुधनी के बीच लगभग 1500 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी है।

जमीन के बदले मिलेंगे रुपए, नौकरी नहीं

रेलवे ने जमीन अधिग्रहण करने के लिए तैयारियां की है। हालांकि, इस बार रेलवे जमीन के बदले नौकरी नहीं, सिर्फ रुपए देगा। दरअसल, 2016-17 में इस परियोजना को स्वीकृति मिली थी, तब जमीन के बदले नौकरी देने का प्रावधान था। लेकिन पश्चिम मध्य रेलवे ने 2019 तक जमीन अधिग्रहण मामलों में नौकरी दी है और अब नौकरी का प्रावधान खत्म कर दिया है। परियोजनाओं में देरी होने के कारण हजारों किसान और जमीन मालिक और उनके परिजनों का रेलवे में नौकरी करने का सपना अब सपना ही रहेगा। हालांकि, जमीन के दाम भी उन्हें कलेक्ट्रेट गाइडलाइन के मुताबिक ही दिए जाएंगे।

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