राम ही धर्म है, धर्म ही राम है, कुसंग को त्याग कर सत्संग करने से धर्म का मार्ग मिलता है - आचार्य कृपाशंकर। - Ghatak Reporter

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Tuesday, June 13, 2023

राम ही धर्म है, धर्म ही राम है, कुसंग को त्याग कर सत्संग करने से धर्म का मार्ग मिलता है - आचार्य कृपाशंकर।

राम ही धर्म है, धर्म ही राम है, कुसंग को त्याग कर सत्संग करने से धर्म का मार्ग मिलता है - आचार्य कृपाशंकर।


राम ही धर्म है, धर्म ही राम है, कुसंग को त्याग कर सत्संग करने से धर्म का मार्ग मिलता है - आचार्य कृपाशंकर।

घातक रिपोर्टर, शिवेंद्र सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश।
औरैया। जनपद के भाग्यनगर दिबियापुर स्थित नवनिर्मित विष्णु धाम मंदिर पर 17 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में मंदिर परिसर में 2 जून से शुरू भगवान के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ आचार्य मारुति नंदन महाराज द्वारा सह आचार्यों की मौजूदगी में हुई। धार्मिक कार्यक्रम के क्रम में पीठाधीश्वर कामतानाथ जगद्गुरु रामस्वरूप आचार्य की सात दिवसीय रामकथा के उपरांत श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ पर चित्रकूट धाम से पधारे भागवताचार्य कृपा शंकर जी महाराज ने कथा की चर्चा के दौरान देहेस्थिमांसरुधिरेभिमतिं त्यज त्वं। जायासुतादिषु सदा ममतां विमुंच।। उक्त श्लोक श्री मद्भागवत महापुराण के महात्तम के अंतर्गत चर्चा करते हुए कहा श्री गोकर्ण महाराज अपने पिता को देह्जनित अभिमान को छोड़ने को कहते है, वे कहते है शरीर, हड्डी, मांस और रक्त का पिंड है।

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इससे आसक्ति हटाकर परमात्मा में आसक्त हो, भगवत भजन ही सबसे बड़ा धर्म है। दुसरो के गुण दोष छोड़कर भगवत सेवा एवं भगवत कथाओ का रसपान करे। उन्होंने कहा जब तक शरीर है तब तक ही संसार है। धर्म के दो रूप बताकर उन्होंने कहा धर्म दो तरह का होता है एक शरीर का धर्म दूसरा आत्मा का धर्म, रिश्ते नाते माता-पिता, भाई-बहन मित्र यह सब शरीर के धर्म के अंतर्गत आते हैं। शरीर के धर्म की निश्चित समय सीमा होती है और यह एक समय पर यह पूर्ण हो जाता है। दूसरा आत्मा का धर्म होता है जिसे जीवात्मा कहते हैं। आत्मा का धर्म अमर है, कुसंग को छोड़कर सत्संग करो, नित्य कथा को सुनो, महापुरुषों और शास्त्रों के साथ सत्संग करो जिससे बड़ी से बड़ी समस्या में कोई मार्गदर्शन मिल जाए और समस्या का समय पर समाधान हो जाए तो समस्या दुख देने वाली नहीं, शिक्षा देने वाली होती है।

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उन्होंने भक्तों से कहा अपने बेशकीमती समय से कुछ समय भगवान राम के लिए निकाल लो, राम ही धर्म है, धर्म ही राम है। राम का भजन करो, सतत करो और निरंतर करो। कथा के दौरान राम दरबार और हनुमान जी की सजीव मनमोहक भव्य झांकी प्रस्तुत की गई। कथा के परीक्षित राधेश्याम पोरवाल, शकुंतला देवी सहित अन्य भक्तों ने झांकी की आरती कर वंदना की। कार्यक्रम के आयोजक हरे कृष्णा हरे रामा कांट्रेक्टर एंड प्राइवेट लिमिटेड के सपना-उमेश प्रकाश पोरवाल ने बताया कि नवनिर्मित विष्णु धाम मंदिर पर प्राण प्रतिष्ठा, राम कथा और भागवत कथा के 17 दिवसीय आयोजन में संत विद्वानों को आमंत्रित किया गया है। 

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2 जून से शुरू होने वाला धार्मिक कार्यक्रम 18 जून को पूर्णाहुति, भंडारे के बाद संपन्न होगा। उन्होंने क्षेत्रीय भक्तजनों से कार्यक्रम में पधारने की अपील की। कार्यक्रम की सुचारू व्यवस्था सफल आयोजन में चंद्र प्रकाश पोरवाल, भानु प्रकाश, प्रदीप कुमार, राम जी, जयस, श्रेयसी सहित शुभचिंतकों-क्षेत्रवासियों द्वारा विशेष सहयोग किया जा रहा है।

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