रायसेन/मंडीदीप, मंत्री मंडल में भोजपुर को फिर नहीं मिला प्रतिनिधित्व, हाई प्रोफाइल इस सीट से कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही मंत्री मंडल में सिर्फ 2-2 बार ही मिला मौका। - Ghatak Reporter

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Tuesday, January 5, 2021

रायसेन/मंडीदीप, मंत्री मंडल में भोजपुर को फिर नहीं मिला प्रतिनिधित्व, हाई प्रोफाइल इस सीट से कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही मंत्री मंडल में सिर्फ 2-2 बार ही मिला मौका।

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मंत्री मंडल में भोजपुर को फिर नहीं मिला प्रतिनिधित्व, हाई प्रोफाइल इस सीट से कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही मंत्री मंडल में सिर्फ 2-2 बार ही मिला मौका।

  • क्षेत्र की जनता ने 1967 से अब तक कांग्रेस को 15 साल व भाजपा को 28 साल और दो बार जनता पार्टी को दिया जनादेश।

रायसेन/मंडीदीप, मंत्री मंडल में भोजपुर को फिर नहीं मिला प्रतिनिधित्व, हाई प्रोफाइल इस सीट से कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही मंत्री मंडल में सिर्फ 2-2 बार ही मिला मौका।

घातक रिपोर्टर, अरविंद सिंह जादौन, भोपाल।
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मंडीदीप। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 100 दिन की बड़ी जद्दोंजहद के बाद गुरूवार को मंत्री मंडल का विस्तार किया। जिसमें भोजपुर विधायक सुरेंद्र पटवा को मंत्री नही बनाया गया। इस तरह एक बार फिर से भोजपुर को मंत्री मंडल में प्रतिनिधित्व देने से वंचित रखा गया। जबकि भोजपुर विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ है। प्रदेश में यह सीट हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। इसके बाद भी यहां से चुने गए दोनों प्रमुख दलों के जनप्रतिनिधियों को मंत्रीमंडल के भीतर 53 साल में सिर्फ चार बार ही मौका मिल पाया। ऐसे में अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधी को महत्व ना दिए जाने से जनता में निराशा हैं। 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश गठन के बाद भोजपुर सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी। सबसे पहले यहां से कांग्रेस के गुलाब चंद्र जैन तामोट लगातार दो बार विधायक चुने गए। कांग्रेस ने शुरुआती दौर में ही भोजपुर का मान रखते हुए गुलाबचंद तामोट को मंत्री पद से नवाजा था। पहली बार लोक निर्माण और दूसरी बार वन मंत्री बनाया। इनके बाद क्षेत्र से 1990 तक अपने विधायक को मंत्रीमंडल में देखने के लिए जनता को लंबा इंतजार करना पड़ा। 90 में दूसरी बार भोजपुर से विधायक चुने गए स्वर्गीय सुंदर लाल पटवा सीधे मुख्यमंत्री बनाए गए। हालांकि उनका कार्यकाल अल्प समय के लिए ही रहा। इसके बाद क्षेत्र को फिर 20 सालों तक इंतजार करना पड़ा। 2013 में भोजपुर को सुरेंद्र पटवा के रूप में मंत्रिमंडल में जगह मिली। इस बार पटवा को मंत्री बनने का पूरा भरोसा था मगर जोड़-तोड़ की राजनीति के कारण उन्हे मायूस होना पड़ा।

पहली बार जिले से भाजपा का कोई मंत्री नहीं

गुरूवार को गठित शिवराज केबीनेट में जिले से एक मात्र मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी को बनाया गया है जोकि कांग्रेस से आए है। जबकि पिछली सरकार में मंत्री रहे रामपाल सिंह राजपूत और सुरेंद्र पटवा दोनो को इस बार इससे बाहर रखा गया हैं। संभवता यह पहला अवसर है जब भाजपा की सरकार होने के बाद भी जिले के भाजपा विधायकों को मंत्री मंडल में जगह नहीं दी गई हो।

सिर्फ जैनों को ही मिला मंत्री बनने का मौका

भोजपुर में महावीर स्वामी की विशाल प्रतिमा स्थापित है, जिससे यह स्थान जैन समुदाय की आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस कारण अन्य समुदाय की अपेक्षा महावीर स्वामी का जैनों को ही अधिक आशीर्वाद मिला। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में जैनों के लगभग तीन हजार वोट ही हैं, इसके बाद भी लगातार जैनों को प्रतिनिधित्व मिलता आया है। जबकि यह सीट ओबीसी बाहुल्य है। इतना ही नहीं यहां से केवल जैनों को ही मंत्री बनने का अवसर मिल पाया। कांग्रेस ने यहां से गुलाब चंद जैन को दो बार मंत्री बनाया, तो वहीं भाजपा ने सुंदरलाल पटवा को मुख्यमंत्री और उनके बेटे सुरेंद्र पटवा को राज्यमंत्री बनाया।

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