अधिकरियों को इमरजेंसी कर्फ्यू का फेसला लेने मैं लगे 24 घंटे, CM ने कलेक्टर पर छोड़ा था निर्णय, शहर बंद होने से सिर्फ 2 घंटे पहले आया लॉकडाउन का आदेश, शहर मैं लगी भीड़।
सांकेतिक छाया चित्र भोपाल में दो दिन से इंतजाम बढ़ाने और लॉकडाउन नहीं करने की दलीलें दे रहे प्रशासन के दावे फेल हो गए। 60 घंटे का लॉकडाउन खुलने के 12 घंटे बाद ही भोपाल में फिर छह दिन के लॉकडाउन का आदेश करना पड़ा। वह भी सिर्फ शहर बंद हाेने के दो घंटे पहले जारी किया गया। इससे पूरे शहर में अफरातफरी मच गई। किराना से लेकर सब्जी, दूध, पेट्रोल पंप सब जगह कतारें लग गईं।
संक्रमण की इस भीड़ के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार रहा। पूरा शहर रात नौ बजे तक जाम हो गया। उधर, 12 अप्रैल को भोपाल में संक्रमण दर 28% पर पहुंच गई। 24 घंटे में 5200 सैंपल जांच के लिए भेज गए थे, जिनमें से 1456 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 5 लोगों की मौत भी हो गई।
वहीं, लोगों का कहना है कि अगर इसकी घोषणा 12 घंटे पहले की जाती तो आसानी रहती। आखिर ऐसी क्या इमरजेंसी पड़ गई लॉकडाउन की। कोरोना कर्फ्यू की घोषणा होते ही बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी।
कालाबाजारी फिर बढ़ी, दोगुने दाम में बिकीं सब्जियां
प्रशासन के अचानक कर्फ्यू लगाने का नुकसान आम लोगों को उठाना पड़ा। जो सब्जियां 30 से 40 रुपए बिक रही थीं, वो अचानक 60 से 80 रुपए किलो हो गईं। प्रशासन ने इससे पहले कोलार, शाहपुरा में भी लॉकडाउन लगा रखा है, वहां अभी तक सब्जी और किराना की होम डिलीवरी का सिस्टम नहीं बन सका है।
लॉकडाउन का नाम बदलकर कर दिया कोरोना कर्फ्यू
भोपाल में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 824 संक्रमित सामने आए। लोगों काे हैरानी इस बात को लेकर भी है कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि पूरे प्रदेश में कहीं भी लॉकडाउन नहीं लगेगा। बावजूद उसे कोरोना कर्फ्यू नाम देकर फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया। प्रशासन का दावा है कि वह जरूरत की चीजों की होम डिलीवरी कराएगा, लेकिन इसके बारे में रात तक विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
दुकानों के सामने लगी भीड़
दुकानों के सामने लोगाें की भीड़ लग गई। लोग किराना, आटा, चावल और सब्जी खरीदने के लिए उमड़ पड़े। वहीं, पुराने भोपाल में भी थोक किराना मार्केट में भी शाम को अचानक भीड़ हो गई। कई जगह लोग सोशल डिस्टेंसिंग भूल कर सामान खरीदते दिखे, तो कुछ जगह दुकानदारों ने लाइन लगाकर सामान दिया।
कई जगह ट्रैफिक जाम
सोमवार शाम रात 8 बजे 11 नंबर मार्केट पर आटा और किराने की दुकान पर लोग उमड़ पड़े। दुकानदार लोगों को बार-बार सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कहते रहे, लेकिन लोग सुनने को तैयार नहीं थे। यही हालात भोपाल के बाकी इलाकों में भी देखने को मिले। वहीं, जनकपुरी जुमेराती थोक किराना मार्केट में दुकानों पर भी शाम को लोग सामान खरीदने पहुंचे। इससे पुराने भोपाल में कई जगह जाम जैसे हालात बन गए।
12 घंटे पहले होनी थी घोषणा : व्यापारी महासंघ
भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया, अचानक लॉकडाउन की खबर से बाजार में भीड़ बढ़ गई। यदि यह घोषणा 12 घंटे पहले की जाती, तो यह स्थिति नहीं बनती। अग्रवाल ने कहा, बाजार में नवरात्र, रमजान व शादी विवाह की ग्राहकी चलने की वजह से पहले से भी भीड़ थी।
कोलार और शाहपुरा में व्यवस्थाएं गड़बड़ाईं
कोलार और शाहपुरा इलाके में 19 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया है। प्रशासन का दावा था कि वह चुनिंदा स्टोर्स से चीजों की होम डिलीवरी कराएगा, लेकिन उसकी लिस्ट अभी तक घोषित नहीं हुई है।
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