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Sunday, July 18, 2021

राजगढ़/जीरापुर, करीब एक करोड़ रूपए के नकली नोट छाप कर देश के कई राज्यों में खपाने की योजना विफल।

करीब एक करोड़ रूपए के नकली नोट छाप कर देश के कई राज्यों में खपाने की योजना विफल।

राजगढ़/जीरापुर, करीब एक करोड़ रूपए के नकली नोट छाप कर देश के कई राज्यों में खपाने की योजना विफल।

घातक रिपोर्टर, राजेन्द्र यादव, राजगढ़/जीरापुर।
जीरापुर। देशों की अर्थव्यवस्था उनकी रीढ़ की हड्डी होती है और इसी के जरिए पूरा प्रशासन तंत्र कार्य करता है और यदि इसी को खण्डित करने की कोशिश की जाए तो उसे देश के प्रति किया गया सबसे बड़ा धोखा या गद्दारी कहा जाएगा, या साफ शब्दों में यूं कहें कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना एक बहुत बड़ा अपराध है, ऐसे ही करोड़ों की कीमत वाले जाली नोटों की छपाई कर देश के कई राज्यों में खपाने की योजना को जिला राजगढ़ की एक स्पेशल टीम ने विफल करते हुए ऑपरेशन सीजी को सफतापूर्वक पूरा किया। अवैध रूप से धन कमाने के लालच में राष्ट्रीय मुद्रा का कूट करण करने वालों को गिरफ्तार करने के लिए जिला पुलिस कप्तान प्रदीप शर्मा ने जिला राजगढ़ से एक विशेष टीम को तैयार किया गया था इस योजनाबद्ध दबिश को ऑपरेशन सीजी नाम दिया गया था। जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनकामना प्रसाद एवं अनुविभागीय पुलिस अधिकारी खिलचीपुर निशा रेड्डी के मार्गदर्शन और थाना प्रभारी जीरापुर प्रकाश पटेल के नेतृत्व में गठित टीम के प्रभारी और उनकी टीम को विशेष दिशा निर्देश देकर रवाना किया गया था। उल्लेखनीय है कि थाना जीरापुर क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 26.06.2021 को इंदर चौराहा जीरापुर से मुखबिर की सूचना पर एक मोटरसाइकिल पर सवार दो युवकों को पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया था जिनके कब्जे से 01 लाख रुपए के जाली नोटों को जप्त किया जाकर आरोपीगणों के विरुध्द थाना जीरापुर में अपराध क्रमांक 243/21 धारा 489(B), 489(C) भादवि. के तहत पंजीबध्द किया गय़ा था बस वही से विवेचना के करते हुए इनके आकाओं तक पहुंचने की योजना को तैयार कर सरगना को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गई। विवेचना के दौरान मामले में पूर्व से गिरफ्तार किए गए आरोपी शंकर एवं रामचंद्र से बारीकी से पूछताछ की गई थी साथ ही माननीय न्यायालय के समक्ष पेश करने उपरांत आरोपियों का पुलिस रिमांड लिया गया था आरोपियों की निशानदेही पर एक अन्य आरोपी कमल यादव को गिरफ्तार पूछताछ करने पर घटना के तार देश के अन्य राज्यों से भी जुड़े होने के बारे में जानकारी मिली वहीं कमल के बताए अनुसार साइबर सेल से प्राप्त तकनीकी सहायता के आधार पर टीम को सरगना की तलाश छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में तलाश हेतु भेजा गया पतारसी करते हुए टीम छत्तीसगढ़ के औद्योगिक नगर भिलाई पहुंची जहां संदेही की तलाश करने के दौरान जिला भिलाई के थाना छावनी से पुलिस की मदद ली गई और आरोपी को तलाश किया गया आरोपी की पहचान होने पर एक स्थान पर आरोपी को घेराबंदी कर गिरफ्त में लिया गया और उससे पूछताछ की गई पूछताछ करने के दौरान आरोपी ने कई बड़े खुलासे किए और अपना ठिकाना बताया। आरोपी विजय (परिवर्तित नाम) मूल रूप से इंदौर में निवास करता है जिसके पूर्व से ही कई अपराधिक प्रकरण माननीय न्यायालय में लंबित हैं, यह आरोपी पूर्व में वर्ष 2003 एवम 2017 में भी नकली नोट छापने के मामले में गिरफ्तार हो चुका है जिसके विरूद्ध थाना एमआईजी जिला इंदौर में अपराध क्रमांक 611/2017 धारा 489 -बी, 489-सी, 489-डी भादवि के तहत पंजीबद्ध है जिसमें आरोपी को इंदौर पुलिस तलाश रही थी, बस इन्हीं अपराधों के चलते पुलिस की नजरों से बचते बचाते हुए आरोपी भिलाई नगर आ पहुंचा जहां उसने दोबारा इस नकली नोटों के कारोबार में अपना हाथ आजमाना शुरू किया जल्दी अमीर बनने की चाहत के चलते प्रारंभिक तौर पर उसने सोशल मीडिया का सहारा लेकर यूट्यूब पर नकली नोट बनाने एवं उन्हें छापने के बारे में कई वीडियो अपलोड कर लोगों को अपनी और आकर्षित किया वहीं लोगों ने आरोपी के मोबाइल नंबर पर उससे संपर्क साधा और अवैध लाभ का कमाने का शॉर्टकट तरीका अपनाने लगे, पहले आरोपी वीडियो ट्यूटोरियल देने और छापने की कला सिखाने के नाम पर उनसे एडवांस रुपए ले लेता और फिर उन्हें ब्लॉक कर देता था इस तरह से उसने शुरुआत में कुछ धनराशि अर्जित कर ली थी परंतु उसे संतोष नहीं था तभी अपने राज्य के अलावा अन्य राज्यों से भी उसके पास फोन कॉल आने लगे और उसने अपना दायरा बढ़ा लिया, बीते फरवरी माह से वर्तमान तक आरोपी करीब 50 लाख के नकली नोटों को छाप कर उन्हें दूसरे लोगों की सहायता से बाजार में चला चुका है, वर्तमान में दक्षिण भारत से एक क्लाइंट के द्वारा उसे बड़ा कंसाइनमेंट मिला था जिसके चलते आरोपी ने करीबन 50 लाख से अधिक नकली नोट और छाप कर रखे थे साथ ही एक करोड़ नोट और छापने की डील भी कर रखी थी, आरोपी के बताए अनुसार उसने भिलाई की सरकारी कॉलोनी में एक कमरा किराए से ले रखा था जिसके एक कमरे में उसने यह सारा सेटअप जमाया हुआ था। आरोपी विजय (परिवर्तित नाम) को हिरासत में लेने के उपरांत उसके बताए अनुसार उसके कमरे की तलाशी लेने पर वहां बड़ी मात्रा में पूर्व से छप चुके करीब करीब 54 लाख 37 हजार 200 रुपए के जाली नोट, 05 प्रिंटर, 02 पेपर कटर, 01 लैपटॉप, 01 एलईडी मॉनिटर, 01 सीपीयू, 01 लेमीनेटर, नकली नोट बनाने की फ्रेम, वॉटरमार्क की फ्रेम, स्पेषल इंक के कार्ठरिज सहित कई अन्य उपकरण मौके से बरामद किए गए। आरोपी विजय (परिवर्तित नाम) से कई सारे मामलों में पूछताछ की जा रही है कि उसने किन-किन लोगों से इस तरह नोटों को चलाने के संबंध में करार कर रखा है और आगे की उसकी योजना क्या है विवेचना में इशारे तथ्य खुलकर सामने आएंगे। इस कार्यवाई निरीक्षक प्रकाशचन्द पटेल थाना प्रभारी जीरापुर के नेतृत्व में जिले की स्पेशल टीम में शामिल टीम प्रभारी उप निरीक्षक जितेंद्र अजनारे थाना प्रभारी माचलपुर, उप निरीक्षक मंगल सिंह राठौर, प्रधान आरक्षक 410 सुनील कुशवाह, आरक्षक 900 विष्णु जाट, आरक्षक 541 शिव सिंह दांगी, आरक्षक 1040 आनंदी पाटीदार, सहित साइबर सेल से आरक्षक शशांक सिंह यादव शामिल रहे। साथ ही थाना जीरापुर से मामले में विवेचक पउनि सरिता मिश्रा, आर 381 पवन, आर 1030 सुनील, एवं आर 138 महेन्द्र सहित सायबर सेल से आर. 842 पवन मीना का विशेष एवं सराहनीय योगदान रहा।

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