बच्चों के ऑनलाइन गेम्स खेलने के कारण माता-पिता को होने वाले आर्थिक नुकसान के संबंध में राज्‍य सायबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी; क्लिक कर पढ़े। - Ghatak Reporter

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Wednesday, September 1, 2021

बच्चों के ऑनलाइन गेम्स खेलने के कारण माता-पिता को होने वाले आर्थिक नुकसान के संबंध में राज्‍य सायबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी; क्लिक कर पढ़े।

बच्चों के ऑनलाइन गेम्स खेलने के कारण माता-पिता को होने वाले आर्थिक नुकसान के संबंध में राज्‍य सायबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी।

बच्चों के ऑनलाइन गेम्स खेलने के कारण माता-पिता को होने वाले आर्थिक नुकसान के संबंध में राज्‍य सायबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी; क्लिक कर पढ़े।

भोपाल। अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक राज्‍य सायबर योगेश चौधरी ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि ऑनलाइन गेम्स खेलने के चलन में अधिकतर घरों के बच्चे अपने लिये खुद का मोबाइल दिलाने की जिद करते हैं या माता पिता के मोबाइल का उपयोग कर ऑनलाइन गेम खेलते हैं। इन गेम्स में अगले लेवल पर जाने या कोई अवतार, हथियार या ड्रेस खरीदने के लिये ऑनलाइन पेमेंट करनी होती है जो कि बच्चे अपने माता-पिता के ओनलाइन बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट कार्ड से कर देते हैं। जिसकी बाद में माता-पिता पैसों के संबंध में सायबर क्राइम होने की शिकायत पुलिस से करते हैं। चौधरी ने कहा कि आजकल ऐसा देखने में आ रहा है कि बच्चों में ऑनलाइन गेम्स खेलने की होड़ लगी हुई है। ऑनलाइन गेम्स खेलने के दौरान बच्चे इस तरह के लोगों के संपर्क में आते हैं जो गेम्स के अगले लेवल में जाने के तरीके और ऑनलाइन गेम्स के लिये हथियार, कपड़े व अवतार आदि खरीदने के लिये उकसाते हैं। जिसके लिये बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पैसे देना होते हैं जो कि वह अपने माता-पिता के ओनलाइन बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट कार्ड से कर देते है। कई बार कार्ड व बैंक की डिटेल्स बच्चे गैम के ही पेमेंट मोड में सेव कर देते हैं, जिससे अगली बार पेमेंट करने में केवल ओटीपी की ही जरुरत होती है। य‍ह ओटीपी माता-पिता के ही मोबाईल नम्बर पर आता है और उसी मोबाइल से बच्चे गेम्स खेलते हैं। जिससे पैसे ट्रांसफर करने में उन्हें समय नहीं लगता और ट्रांजेक्सन होने के बाद वह उस ओटीपी के मैसेज को मोबाइल से डिलीट भी कर देते हैं। जब तक माता-पिता को पैसे कटने की जानकारी लगती है तब तक उनका हजारों-लाखों का नुकसान हो चुका होता है। कई बार बच्चे इस अवसाद में आकर गलत कदम उठा लेते हैं कि उनके कारण माता-पिता का बहुत नुकसान हो गया या उनके ऊपर बाजार के कई लोगों की उधारी का बोझ हो गया है। इस तरह के कई मामले सुनने में आ रहे हैं। चौधरी ने कहा कि बच्चों को हो सके तो मोबाइल न दें यदि ऑनलाईन क्लासेस के लिये मोबाइल दें भी तो उन्हें बिना सिम कार्ड के मोबाईल दें और वाई-फाई से इन्टरनेट इस्तेमाल करने दें। बाजार में ऐसे टेबलेट उपलब्ध हैं जिनमें सिम नहीं लगती। बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें। परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर आदि पर पैरेंटल कंट्रोल ऑन करें। माता-पिता अपने मोबाइल बच्चों को न दें और उनके पासवर्ड बच्चों को न बतायें। खासकर तब जब आपके बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नम्बर की ही सिम मोबाइल सेट में उपयोग हो रही हो। बच्चों को हर तरह के ट्रांजेक्सन करने की छूट न दें और न ही उनसे बिल, रीचार्ज या अन्य पेमेंट करने को कहे। यदि आपके खाते से पैसे अचानक कटते हैं और उसका मैसेज आपके मोबाइल में न आये तो पहले बच्चों व परिवार से पैसे कटने का कारण पूछें और यदि उनके द्वारा ट्रांजेक्शन नहीं किया गया है तो इसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में, www.cybercrime.gov.in पर या टोल फ्री नम्बर 155260 पर करें।

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