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Friday, October 1, 2021

रायसेन, जिले को टीबी मुक्त बनाने जनजागरूकता जरूरी, टीबी मरीजों के परिजनों को दी जाएगी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेन्ट मेडिसिन - कलेक्टर।

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जिले को टीबी मुक्त बनाने जनजागरूकता जरूरी, टीबी मरीजों के परिजनों को दी जाएगी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेन्ट मेडिसिन - कलेक्टर।

  • राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के संबंध में प्रेस वार्ता सम्पन्न।

रायसेन, जिले को टीबी मुक्त बनाने जनजागरूकता जरूरी, टीबी मरीजों के परिजनों को दी जाएगी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेन्ट मेडिसिन - कलेक्टर।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन।
रायसेन। राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम के संबंध में कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रेस वार्ता आयोजित की गई। कलेक्टर दुबे ने मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि टीबी एक संक्रामक रोग है, जो किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। टीबी मरीज के सम्पर्क में आने पर इस रोग के होने की अधिक संभावना होती है। इसकी रोकथाम के लिए टीबी संक्रमित मरीज के परिजनों जो कि उसके साथ रहते हैं तथा स्वस्थ्य हैं उन्हें प्रीवेन्टिव ट्रीटमेन्ट के लिए मेडिसिन दी जाएगी। कलेक्टर दुबे ने कहा जिले में टीबी रोग की रोकथाम के लिए लोगों में जागरूकता जरूरी है और इसमें मीडिया के साथियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिले में टीबी मरीजों को चिन्हांकित करते हुए उनका उपचार किया जा रहा है, लेकिन कई बार मरीज नियमित रूप से मेडिसिन नहीं लेते। इसके साथ ही जरूरी सावधानियां भी नहीं बरतते जिस कारण मरीजों के सम्पर्क में आने वाले लोगों में भी टीबी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा टीबी संक्रमित मरीजों के घर-घर जाकर, मरीज के सम्पर्क में आने वाले परिजनों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा काउंसलिंग की जाएगी। कलेक्टर दुबे ने कहा कि टीबी संक्रमित मरीजों के ऐसे परिजन जो स्वस्थ्य हैं उन्हें प्रीवेन्टिव ट्रीटमेन्ट के लिए 06 माह तक मेडिसिन दी जाएगी। साथ ही यदि किसी परिजन में टीबी रोग के लक्षण मिलते हैं तो उनकी जांच की जाएगी तथा आवश्यकतानुसार उपचार प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अन्य बीमारियों से ग्रसित ऐसे मरीज जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हैं उन्हें भी चिन्हांकित करते हुए जॉच की जाएगी। ऐसे मरीजों में टीबी के लक्षण नहीं मिलने पर एहतियातन उनका भी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेन्ट किया जाएगा। प्रेस वार्ता में सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री ने कहा कि मृत्यु के 10 मुख्य कारणों में से टीबी सातवें नम्बर पर है। पॉच साल से कम आयु के बच्चों को टीबी से बचाव हेतु प्रीवेन्टिव ट्रीटमेन्ट जरूरी है। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता को टीबी मरीज चिन्हांकित करने पर 500 रूपए का रिइन्फोर्समेंट दिया जाएगा। जिले में टीबी मरीजों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जिले में जनवरी 2021 से अब तक कुल 865 चिन्हांकित टीबी मरीज हैं जिनका उपचार किया जा रहा है। इनमें से कुछ मरीज उपचार के बाद स्वस्थ्य हो गए हैं। अभी विकासखण्ड बरेली में 135, बेगमगंज में 43, गैरतगंज में 96, औबेदुल्लागंज में 196, सॉची-रायसेन में 166, सिलवानी में 100 तथा उदयपुरा विकासखण्ड में 99 टीबी मरीज हैं जिनका उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी मरीजों को उपचार चलने तक उसके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रतिमाह पांच सौ रूपये की राशि प्रदान की जाती है।

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