भोपाल, हत्या के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे अपराधी ने पत्नी को दिया तलाक, अपराधी ने कहा - पत्नी दूसरी शादी कर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करे; कोर्ट ने भावनाओं का ख्याल रख पति-पत्नी को किया अलग। - Ghatak Reporter

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Sunday, October 10, 2021

भोपाल, हत्या के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे अपराधी ने पत्नी को दिया तलाक, अपराधी ने कहा - पत्नी दूसरी शादी कर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करे; कोर्ट ने भावनाओं का ख्याल रख पति-पत्नी को किया अलग।

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हत्या के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे अपराधी ने पत्नी को दिया तलाक, अपराधी ने कहा - पत्नी दूसरी शादी कर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करे; कोर्ट ने भावनाओं का ख्याल रख पति-पत्नी को किया अलग।

भोपाल, हत्या के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे अपराधी ने पत्नी को दिया तलाक, अपराधी ने कहा - पत्नी दूसरी शादी कर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करे; कोर्ट ने भावनाओं का ख्याल रख पति-पत्नी को किया अलग।

भोपाल। कभी खूंखार अपराधी था, किसी की हत्या के बाद कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। जेल में सजा काटते समय उसका मन बदल गया। उसे ख्याल आया कि वो जेल काटेगा और बाहर पत्नी की जिंदगी नरक से बदतर हो जाएगी। इसी ख्याल में उसने बड़ा फैसला कर लिया। कोर्ट में तलाक की अर्जी दे दी। कोर्ट ने उसकी भावनाओं का ख्याल रखा और पति-पत्नी को अलग कर दिया। मामला ग्वालियर सेंट्रल जेल के कैदी राजेश दुबे का है, जिन्हें स्पेशल वारंट पर हाईकोर्ट की खंडपीठ में तलाक के मामले की सुनवाई के लिए लाया गया था। यह प्रदेश का पहला ऐसा मामला है, जिनमें जेल में रहते हुए किसी पति ने पत्नी को तलाक दिया है, ताकि पत्नी अपनी जिंदगी जी सके।

ग्वालियर सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने बताया कि राजेश और उनकी पत्नी एक-दूसरे से अलग नहीं होना चाहते थे, लेकिन एक अपराध ने उनकी जिंदगी आंसुओं से भर दी। दोनों की शादी को 11 साल हो चुके थे। जब जेल में रहते राजेश ने पत्नी को तलाक की अर्जी भेजी, तो वो हैरान रह गई। कतई तैयार नहीं हुई। कोर्ट ने मामला काउंसलिंग के लिए भेजा, जहां राजेश ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैं ताउम्र जेल में रहूंगा और बाहर पत्नी दाने-दाने को मोहताज होगी। नर्क सी जिंदगी भोगेगी। कब तक मेरे लौटने का इंतजार करेगी। मेरी गलती की सजा उसे क्यों मिले। ये दर्द मुझे तिल-तिलकर मारता रहेगा। इसलिए वह चाहता है कि पत्नी उससे तलाक लेकर दूसरी शादी कर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करे, अपनी जिंदगी जिए।

कोर्ट ने इस भावना का सम्मान करते हुए पत्नी को नए सिरे से जिंदगी शुरू करने की बात कही। काउंसलर ने भी उसे समझाया, जिसके बाद वह रोते-बिलखते हुए तलाक को राजी हुई। इस केस में सबसे खास बात यह रही कि कोर्ट ने दोनों को आपसी समझाइश के लिए छह महीने का कूलिंग पीरियड भी नहीं दिया, जो अक्सर तलाक के मामलों में दिया जाता है। कोर्ट ने तत्काल तलाक मंजूर कर लिया। मामले में जब काउंसलिंग की जा रही थी, तब कभी पत्नी रो रही थी तो कभी पति। दोनों एक दूसरे से बिछड़ना नहीं चाहते थे। ग्वालियर सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने बताया कि उनके यहां सजायाफ्ता कैदी को स्पेशल वारंट पर कोर्ट में पेश किया गया। यहां पर उसके पारिवारिक संबंधी मामले की सुनवाई थी। मामला उसके तलाक का था। पति और पत्नी की काउंसलिंग के बाद कोर्ट से पति और पत्नी का तलाक हो गया।

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