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Tuesday, March 22, 2022

नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा, आस्था मूलक क्रिया कलापों के माध्यम से अनुकरणीय सेवा दे रहे युवा।

आस्था मूलक क्रिया कलापों के माध्यम से अनुकरणीय सेवा दे रहे युवा।

नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा, आस्था मूलक क्रिया कलापों के माध्यम से अनुकरणीय सेवा दे रहे युवा।

घातक रिपोर्टर, धर्मेन्द्र साहू, नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा।
तेंदूखेड़ा। कुछ कार्य शासन प्रशासन के द्वारा संपन्न कराये जाते हैं तो कुछ काम कर लेना हमारी अपनी भी नैतिक जिम्मेदारी में आते हैं। लेकिन नगर के कुछ युवाओं के द्वारा कुछ अलग हटकर ही आस्था मूलक क्रिया कलापों के माध्यम से उदाहरण प्रस्तुत किया जा रहा है।

वसुधा सेवा समिति

नगर के ऐसे प्रतिष्ठित परिवारों के युवा जो बगैर किसी चंदा के ही घरों से निकलने वाली वाली फालतू सामग्री को एकत्रित कर जहां मच्छरदानी की जालियों के माध्यम से पौधों का संरक्षण कर उनमें ना केवल पानी देने का काम किया करते हैं वल्कि देशी गोबर डाल कर खाद के रूप में इनकी गुड़ाई और पशुओं से बचाव भी किया करते हैं।

खबर मिलते ही पहुंच जाते हैं पीड़ित पशुओं का इलाज करने

सबसे बड़ी विशेषता इन युवाओं की यह देखने को मिलती है कि किसी सड़क दुर्घटना या फिर पशुओं को बीमार हो जाने की स्थिति में पशु चिकित्सकों या गौ सेवको से सलाह लेकर पशुओं के उपचार और जख्मी पशुओं के उपचार में कोई ना नुकुर किया करते हैं। ठीक होने तक पूरी तत्परता से इनकी सेवा करते है। स्थिति काबू में ना आने की स्थिति में या तो किसी बड़ी गौ शाला में भेज दिया करते हैं या डाक्टरों की मदद लेकर सेवा करते हैं।

नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा, आस्था मूलक क्रिया कलापों के माध्यम से अनुकरणीय सेवा दे रहे युवा।

गर्मियों में पेयजल और भूसे की व्यवस्था

इन युवाओं के द्वारा भीषण गर्मी के दिनों में पानी की टंकी या खाली पानी के वर्तनों में प्रतिदिन पानी भरकर मवेशियों को पानी उपलब्ध कराते हैं। किसी एक जगह भूसा रखकर आवारा घूमने वाले पशुओं को भी आश्रय देते हैं। प्राणी मात्र की सेवा के अलावा पीड़ित असहाय वर्गो की सेवा के लिए इनकी उपस्थिति हर जगह देखी सुनी जाती है।

दीवारों पर लिखकर दे रहे पर्यावरण सुरक्षा संरक्षण का संदेश

इन्हीं गतिविधियों के बीच राष्ट्रीय सेवा योजना ज्ञानोदय स्कूल के माध्यम से आशुतोष नारायण नामदेव द्वारा काफी लंबे समय से जहां नदियों और नालों के किनारे स्वयं के वलवूते पर पौधारोपण कर उनकी सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में महती भूमिका निभाई जा रही है वहीं खाली समय में स्कूल परिसरों शासकीय और सार्वजनिक स्थलों पर स्वयं के व्यय पर प्रर्यावरण सुरक्षा जल स्रोतों के संरक्षण पानी व्यर्थ ना बहनें देने बहते हुए पानी को रोकने जमीनी जल स्तर बढ़ाने की दिशा में दीवार लेखन कर जन जागरण किया जा रहा है।

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