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Thursday, April 7, 2022

रायसेन/सिलवानी, थाने में कैद हैं भगवान महादेव की जलहरी, शिवभक्तों ने कारागार से मुक्त कराने शिवराज सरकार से की मांग।

थाने में कैद हैं भगवान महादेव की जलहरी, शिवभक्तों ने कारागार से मुक्त कराने शिवराज सरकार से की मांग।

रायसेन/सिलवानी, थाने में कैद हैं भगवान महादेव की जलहरी, शिवभक्तों ने कारागार से मुक्त कराने शिवराज सरकार से की मांग।

घातक रिपोर्टर, जसवंत साहू, रायसेन/सिलवानी।
सिलवानी। रायसेन जिले के थाना बम्होरी में थाने की सीखचों में बरसों से कैद हैं भूतभावन भगवान शंकर बाबा की विशाल जलहरी। रायसेन किले के सोमेश्वर महादेव के शिव मंदिर के ताले खोले जाने का मुद्दा गहरा जाने के बाद बम्होरी कस्बे के श्रद्धालु केके आचार्य ने बताया कि बम्होरी में पुलिस की अभिरक्षा में हैं शंकर शंभु की जलहरी, वर्ष 1988 में हुई थी स्थापना। दो पक्षों में विवाद के बाद से थाने में रहते हैं शिवशंकर। केवल रायसेन किले पर विराजे भगवान सोमेश्वर महादेव ही अकेले कैद नहीं हैं, बल्कि जिले के कस्बा बम्होरी में भगवान शिव पुलिस अभिरक्षा में थाने में रहते हैं। साल में केवल दो बार ही महाशिवरात्रि और सावन महीने के रक्षाबंधन के दूसरे रोज कजलियों के त्यौहार पर भगवान औघड़दानी महादेव की जलहरी को उस स्थान पर ले जाया जाता है, जहां उनकी विधि विधान से चबूतरे पर स्थापना की गई थी। यहां शिव के थाने में पहुंचने की घटना 1988 से शुरू होती है। तब तत्कालीन थाना प्रभारी ने उस समय के थाना भवन में एक चबूतरे ओर शिवलिंग की स्थापना कराई थी।

रायसेन/सिलवानी, थाने में कैद हैं भगवान महादेव की जलहरी, शिवभक्तों ने कारागार से मुक्त कराने शिवराज सरकार से की मांग।

पुराने कचहरी भवन की सलाखों में कैद हैं सदाशिव

उक्त थाना भवन पुराना होकर जर्जर हो गया था। कुछ समय बाद बम्होरी पुलिस को नया भवन मिल गया और थाना उसमे शिफ्ट हो गया। लेकिन भगवान शिव पुराने भवन में ही रह गए। लोग वहीं जाकर हर दिन पूजन करते थे। एक दिन अचानक पुराना थाना परिसर में विराजे शिवलिंग को कोई उठा ले गया। सुबह लोगों ने देखा कि चबूतरा पर शिवलिंग नहीं है तो दो पक्षों के बीच हंगामा खड़ा हो गया। लोगों ने अनिश्चित समय के लिए बम्होरी के समूचे बाजार बंद कर शिवलिंग को वापस लाकर स्थापना की मांग की। बम्होरी कस्बे में तनाव बढने लगा। कई दिन स्थिति बिगड़ी रही। इस बीच एक रात कोई व्यक्ति वही शिवलिंग चबूतरा पर रख कर चला गया। यहां विवाद खत्म हो जाना था लेकिन प्रशासन ने एहितयात के तौर पर शिवलिंग को पुलिस अभिरक्षा में लेकर नए थाना भवन में रखवा दिया। हिन्दू समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा इसका विरोध करने पर यह व्यवस्था दी कि हरसाल महा शिवरात्रि और रक्षाबंधन के दूसरे दिन कजलियों के त्यौहार के दिन शिवलिंग को पुराना थाना भवन लाया जाएगा। जहां सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं को पूजन की अनुमति होगी। यह व्यवस्था तब ही से लागू है। भगवान शिव साल में दो बार पुलिस अभिरक्षा से बाहर आते हैं और शाम को वापस थाने पहुंच जाते हैं।

सम्मान पूरा लेकिन स्थान नहीं मिला

बम्होरी के वर्तमान थाना भवन में भगवान को सम्मानपूर्वक स्थान दिया गया है। हर दिन पूजन भी होती है। लेकिन बम्होरी की हिन्दू समाज की इच्छा के अनुरूप भगवान को वह स्थान फिर नहीं मिल सका जहां उनकी विधिवत स्थापना की गई थी।

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