UP, ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रही वर्षा, चार साल पहले पति ने छोड़ा। - Ghatak Reporter

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Monday, May 16, 2022

UP, ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रही वर्षा, चार साल पहले पति ने छोड़ा।

ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रही वर्षा, चार साल पहले पति ने छोड़ा।

UP, ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रही वर्षा, चार साल पहले पति ने छोड़ा।

घातक रिपोर्टर, शिवेंद्र सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश।
औरैया। पिता की आर्थिक स्थिति खराब होने से दो छोटे भाइयों की परवरिश के लिए ऑटो की स्टेयरिंग संभाल कर शहर की सड़कों पर फर्राटा भर रहीं वर्षा महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन रही हैं। अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के कस्बा बाबरपुर निवासी वर्षा औरैया से लेकर इटावा तक सवारियों को अपने ऑटो से लाती और ले जाती हैं। ऑटो चलाकर होने वाली आय घर खर्च और भाइयों की पढ़ाई में लगा रही हैं। वर्षा कहती हैं कि जब महिला अकेली और खाली होती है तो लोग उसे गलत निगाह से देखते हैं। खालीपन से बचने, पिता का हाथ बंटाते हुए भाइयों को पढ़ा-लिखाकर कुछ बनाने की ठानी है। दो माह पहले बीमारी से मां की मौत हो गई। उनके इलाज में अत्यधिक खर्च हो जाने से घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। दो छोटे भाई हैं, जिनकी पढ़ाई में समस्या आ रही थी। ऐसे में घर खर्च और भाइयों की पढ़ाई के लिए पिता भानू प्रताप का हाथ बंटाने की सोची। बताया पहले वह मुरादगंज निवासी अजीम बाबा के ऑटो में हेल्पर का काम करती थी और समय होने पर अजीम बाबा ऑटो चलाना सिखाते थे। धीरे-धीरे स्टेयरिंग में हाथ सेट हो गया, लेकिन कभी इसे चलाने के बारे में नहीं सोचा।

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दो माह पहले घर की आर्थिक स्थिति देखकर ऑटो चलाने का निर्णय ले लिया। वर्षा ने बताया कि वह सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक औरैया से दिबियापुर, फफूंद, अजीतमल, अछल्दा, इटावा आदि के बीच ऑटो चलाती हैं। कहती हैं कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं। इसी हिम्मत के साथ उन्होंने दो माह पहले ही किराये पर ऑटो लेकर चलाना शुरू किया। शुरू में थोड़ी झिझक लगी पर नेक इरादे और परिवार की खराब हालत ने उसका विश्वास और मजबूत किया। वर्षा बताती है कि उसकी शादी पांच साल पहले फिरोजाबाद निवासी पवन के साथ हुई थी। चार साल पहले पवन ने उसे मायके छोड़ दिया। माता-पिता ने काफी समझाने का भी प्रयास किया पर ससुरालीजन नहीं माने। तब से वह पिता के घर में ही रहने लगी हैं। हालांकि कुछ दिनों से वह अपनी बहन के पास गांव कखावतू स्थित कांशीराम कालोनी में रह रही है। वर्षा बताती है कि अभी वह 400 रुपये में रोज पर किराए पर ऑटो लेकर चलाती हैं। वह अपना खुद का ऑॅटो खरीदना चाहती हैं। इसलिए इतनी मेहनत करती हैं। विश्वास है कि एक दिन मोटर मालिक जरूर बनूंगी। वर्षा कहती हैं कि ऑटो चलाने के दौरान दो माह में उसने जिंदगी की हकीकत को बहुत पास से परखा है। वह किसी से भी अनावश्यक बात करना पसंद नहीं करती। उनके सख्त अंदाज के चलते मनचले ऑटो के पास आने से भी घबराते हैं।

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