रायसेन, बाजार में 3500 रुपए क्विंटल चल रहे गेहूं के दाम, समर्थन मूल्य पर 2125 रुपए, पंजीयन का कार्य 6 फरवरी से शुरू। - Ghatak Reporter

Ghatak Reporter

एक नज़र निष्पक्ष खबर. तथ्यों के साथ, सत्य तक।


BREAKING

Post Top Ad

Wednesday, February 15, 2023

रायसेन, बाजार में 3500 रुपए क्विंटल चल रहे गेहूं के दाम, समर्थन मूल्य पर 2125 रुपए, पंजीयन का कार्य 6 फरवरी से शुरू।

बाजार में 3500 रुपए क्विंटल चल रहे गेहूं के दाम, समर्थन मूल्य पर 2125 रुपए, पंजीयन का कार्य 6 फरवरी से शुरू।

रायसेन, बाजार में 3500 रुपए क्विंटल चल रहे गेहूं के दाम, समर्थन मूल्य पर 2125 रुपए, पंजीयन का कार्य 6 फरवरी से शुरू।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन।
रायसेन। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं के पंजीयन का कार्य 6 फरवरी से शुरू हो गया है। लेकिन इस बार पंजीयन कराने में किसान ज्यादा रूचि नहीं ले रहे हैं। जिले के 83 पंजीयन केंद्रों पर अब तक 825 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। जबकि बीते साल पंजीयन के शुरूआती दिनों में ही 2250 पंजीयन हो चुके थे। बीते साल कुल 38 हजार 858 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया था। लेकिन इस बार बाजार में गेहूं के अधिक रेट होने की वजह से किसान समर्थन मूल्य की खरीदी की बजाय व्यापारियों को अपने उपज बेचने में ज्यादा फायदा देख रहे हैं। दरअसल इस बार सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। जबकि बाजार में गेहूं के रेट 3 हजार से लेकर 3500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। इसलिए इस बार किसानों की रूचि समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने में नजर नहीं आ रही है। गेहूं के साथ-साथ चना, मसूर व सरसों का पंजीयन भी चल रहा है। जिसमें से अब तक चना खरीदी के लिए 331, सरसों के लिए 7 एवं मसूर के लिए केवल 1 किसान ने पंजीयन कराया है। किसानों का कहना है कि व्यापारी किसानों के घर आकर ही उपज ले जाते हैं। जिससे किसानों को अपनी उपज को लोडिंग करके खरीदी केंद्र तक नहीं ले जाना पड़ता। साथ ही सरकारी खरीदी के कई दिनों बाद बैंकों से भुगतान किया जाता है। जबकि व्यापारी किसानों को घर बैठे ही उपज लेकर तत्काल पैसा दे जाते हैं।

घट रहा किसानों का रुझान

यही वजह है कि पिछले दो तीन साल से अब किसानों का रुझान सरकारी खरीदी की ओर घट रहा है। सांचेत  गांव के किसान  सतीश कैथल राजू लुहरिया, मोती लाल किरार, देवी पटेल, प्रकाश लोधी हरि नारायण लोधी ने बताया कि हर साल अपनी उपज को मजदूरों से वाहन में लोड कराने के बाद खरीदी केंद्रों पर दो से तीन दिनों तक डेरा डालना पड़ता है। इसके बाद जरा सी खराबी होने पर उपज को रिजेक्ट कर दिया जाता है। इतना ही नहीं किसानों को अपनी उपज के भुगतान के लिए कई-कई दिनों तक बैंकों के चक्कर लगाना पड़ते हैं। इन्हीं सब झंझटों की वजह से इस बार किसान पंजीयन कराने में रूचि नहीं ले रहे हैं। हालांकि अधिकारियों द्वारा पंजीयन में कमी होने की मुख्य वजह पोर्टल पर फसलों की गिरदावरी नजर नहीं आना एवं पोर्टल की गति धीमी चलना बताया जा रहा है। जिले में इस बार गेहूं की फसल की बंपर पैदावार होने की संभावना जताई जा रही है। कृषि विभाग के जिला सलाहकार गिरवर पटेल, कृषि विज्ञान केंद्र नकतरा  के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. स्वप्निल दुबे ने बताया कि इस बार फसलों के हिसाब से पर्याप्त पानी मिल रहा है। साथ ही ठंड भी फसलों के अनुकूल पड़ रही है। प्राकृतिक आपदा जैसे ओला, पाला, तुषार से भी फसलें बची रहीं। जिससे इस बार एक हेक्टेयर में 38 से 40 क्विंटल गेहूं पैदावार होने की संभावना है।

No comments:

Post a Comment

ghatakreporter.com मै आपका स्वागत है।
निस्पक्ष खबरों के लिए निरंतर पढ़ते रहें घातक रिपोर्टर
आपकी टिप्पड़ी के लिए धन्यवाद

Post Bottom Ad

Read more: https://html.com/javascript/popup-windows/#ixzz6UzoXIL7n
close
Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...