Post Top Ad
Wednesday, February 8, 2023

Home
उत्तर प्रदेश
टॉप न्यूज़
ताजा खबर
अस्पतालों में हो रहे वर्षों पुराने ब्लैक एंड व्हाइट एक्स-रे, जिला अस्पतालों में नहीं है डिजिटल एक्स-रे की सुविधा।
अस्पतालों में हो रहे वर्षों पुराने ब्लैक एंड व्हाइट एक्स-रे, जिला अस्पतालों में नहीं है डिजिटल एक्स-रे की सुविधा।
घातक रिपोर्टर, शिवेंद्र सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश।
औरैया। प्रदेश सरकार की ओर से लगातार डिजिटल युग का नारा दिया जा रहा है। जो धरातल पर समझ में नहीं आता है।लेकिन जिले के अस्पतालों में अभी भी वर्षों पुरानी मशीनों से ब्लैक एंड व्हाइट एक्स-रे दैनिक रूप से हो रहे हैं। जिससे ना तो मरीजों की बीमारी स्पष्ट होती है और ना ही डॉक्टरों को ठीक से समझ में आता है। अनुभव के आधार पर डॉ दवाइयां लिख देते हैं। छोटी पूरी कमी एक्स-रे में दिखाई ही नहीं देती है। ऐसे में डॉक्टर मरीजों को बाहर से डिजिटल एक्सरे कराने की सलाह दे रहे हैं। मरीज निजी पैथोलॉजी पर महंगे दामों पर डिजिटल एक्स-रे करा रहे हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से हर क्षेत्र में डिजिटलाइलेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार बढ़ाया जा रहा है। लेकिन सुविधाओं में सुधार के लिए अस्पतालों में अब तक डिजिटल एक्स-रे शुरू नहीं हुए हैं। शहर के 50 शैय्या जिला अस्पताल में प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। यहां डॉक्टरों की सलाह पर मरीज एक्स-रे कराते हैं। तो अधिकांश एक्स-रे ऐसे होते हैं। जिनमें डॉक्टरों को कुछ समझ में नहीं आता है। ऐसे में डॉक्टर मरीज से जानकारी के आधार पर दवाइयां लिख देते हैं। अस्पताल में रिपोर्ट के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। ऐसे में सिर्फ एक्स-रे फिल्म से ही बीमारी का अनुमान लगाया जा रहा है। जिले के 1-2 सीएचसी अस्पतालों में डिजिटल एक्सरे की सुविधा है। लेकिन वहां मरीजों की संख्या कम रहती है। जिलेभर से मरीज जिला अस्पताल के लिए रेफर किए जाते हैं। ऐसे में यहां मरीजों को डिजिटल एक्सरे की सुविधा नहीं मिलती है। मजबूरी में उन्हें निजी पैथोलॉजी से महंगे दामों पर एक्स-रे कराना पड़ता है।
डिजिटल एक्सरे से मरीज के फेफड़ों की इन्फेक्शन का स्पष्ट रूप से पता चल जाता है। बीमारी में एक्स-रे की विशेष भूमिका रहती है। डॉक्टरों को बीमारी पकड़ने में आसानी रहती है। चेस्ट फिजिशियन डॉक्टर अवधेश कटियार ने बताया कि डिजिटल एक्सरे में कमियां रह जाने की संभावना नहीं रहती है। डिजिटल एक्स-रे हड्डी के रोगों के लिए विशेष लाभदायक रहता है। गुर्दा रोगियों की जांच भी स्पष्ट हो जाती है। ब्लैक एंड व्हाइट एक्स-रे में कई बार कमियां रहने की संभावना बनी रहती है। कई बार मरीज की गंभीर स्थिति होने पर उन्हें डिजिटल एक्स-रे की सलाह दी जाती है। इस संबंध में सीएमएस डॉ राजेश मोहन गुप्ता ने बताया कि काफी समय से अस्पताल में शासन द्वारा दी गई ब्लैक एंड वाइट एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध है। जो जरूरतमंदों को दी जा रही है।
Tags
# उत्तर प्रदेश
# टॉप न्यूज़
# ताजा खबर
Share This
About Ghatak reporter
ताजा खबर
Labels:
उत्तर प्रदेश,
टॉप न्यूज़,
ताजा खबर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Post Bottom Ad
Author Details
माता रानी की कृपा एवं मात्र पित्र आशीर्वाद
यह वैबसाइट दैनिक एवं साप्ताहिक घातक रिपोर्टर समाचार पत्र का अंग है जो आपकी बात प्रशासन के साथ कहता है, जनता से जुड़े हर मुद्दे को मंच देता है ताकि जनता को न्याय मिल सके। घातक रिपोर्टर समाचार पत्र का प्रकाशन प्रदेश की राजधानी भोपाल से किया जा रहा है जहां से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार की जाती है। घातक रिपोर्टर हिंदी भाषी समाचार पत्र, यू ट्यूब न्यूज चैनल व घातक रिपोर्टर वैबसाइट है जो अपने मूल मंत्र "खबर हमारी प्र्तयेक अपराधी पर भारी" के साथ आगे बढ़ रहा है। घातक रिपोर्टर एक एसी सोच की उपज है जो लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ "मीडिया" की दुनिया में नया अध्याय लिखना चाहते है। घातक रिपोर्टर की कुशल टीम सरोकारी पत्रकारिता को नये आयाम देते हुए न्याय दिलाने की हर कसौटी पर खरी उतरने की ओर अग्रसर है। देश और दुनियां की खबरों के लिए रहें हमारे साथ।
हमारे बिना अप्रतिनिधि वाले क्षेत्रों मैं प्रतिनिधि बनने के लिए संपर्क करें -
Mo. No. - 9329393447, 9009202060
Email - ghatakreporter@gmail.com
Website - www.ghatakreporter.com
No comments:
Post a Comment
ghatakreporter.com मै आपका स्वागत है।
निस्पक्ष खबरों के लिए निरंतर पढ़ते रहें घातक रिपोर्टर
आपकी टिप्पड़ी के लिए धन्यवाद