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Monday, March 20, 2023

रायसेन/बरेली, राम वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे अपने प्राण।

राम वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे अपने प्राण।

रायसेन/बरेली, राम वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे अपने प्राण।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन/बरेली।
बरेली। नरसिंह टेकरी पर आयोजित संगीतमय रामकथा महोत्सव के छठवें दिवस कथा वाचक ब्रह्मचारी जी ने राम वनवास और राम वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे अपने प्राण, प्रसंग सुनाते हुए श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराया। कथावाचक ने राम वनवास का चित्रण किया। राम वनवास प्रसंग को सुनकर पंडाल में बैठे दर्शक भाव विभोर हो गए। राजा दशरथ ने कैकयी के कहने पर भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास दिया। भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण के साथ राजा दशरथ के कहने पर अयोध्या से वनवास के लिए प्रस्थान कर गए। भगवान श्री राम, लक्ष्मण और सीता के साथ वनवास पर चले गए और जब वह भीलो की बस्ती में पहुंचे तो वहां के राजा निषाद के द्वारा उनका खूब मान-सम्मान किया गया। भीलो की बस्ती में पहुंचने के बाद भगवान श्रीराम ने केवट से नौका मंगवाई और गंगा के पार हो गए। भीलो की बस्ती में भगवान श्रीराम ने केवट को बुलाया। भगवान श्री राम के द्वारा केवट को बुलाए जाने पर केवट बड़ा प्रसन्न हुआ। उसने भगवान श्री राम के चरण धोकर उनकी पूजा कर अपने जीवन को सफल बनाया। ब्रह्मचारी जी आगे बताते है कि भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास से राजा दशरथ बिल्कुल टूट चुके थे। राम के वियोग में राजा दशरथ बीमार रहने लग गए। रामलीला के मंचन के दौरान राजा दशरथ की मृत्यु का दृश्य बड़ा ही भाव विभोर करने वाला था।

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