रायसेन, नरेंद्र शिवाजी पटेल के सिर पर राज्य मंत्री का ताज, दो पूर्व मंत्रियों को मिली निराशा, उपेक्षा से उनके समर्थकों को लगा झटका। - Ghatak Reporter

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Wednesday, December 27, 2023

रायसेन, नरेंद्र शिवाजी पटेल के सिर पर राज्य मंत्री का ताज, दो पूर्व मंत्रियों को मिली निराशा, उपेक्षा से उनके समर्थकों को लगा झटका।

नरेंद्र शिवाजी पटेल के सिर पर राज्य मंत्री का ताज, दो पूर्व मंत्रियों को मिली निराशा, उपेक्षा से उनके समर्थकों को लगा झटका।

  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल में रायसेन जिले के कई कैबिनेट, राज्य मंत्रियों को नहीं मिली जगह, समर्थकों को मिली निराशा...जिला मुख्यालय की उपेक्षा

रायसेन, नरेंद्र शिवाजी पटेल के सिर पर राज्य मंत्री का ताज, दो पूर्व मंत्रियों को मिली निराशा, उपेक्षा से उनके समर्थकों को लगा झटका।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन।
रायसेन। प्रदेश के मुखिया चुनकर लोगों को चौंकाने वाले फैसले के बाद रायसेन जिले में मंत्रियों को चुनने वाला फैसला भी चकित कर देने वाला रहा। तीन पीढ़ियों से पार्टी का आदेश मानकर पटेल (किरार) समाज से ताल्लुक रखने वाले बरेली उदयपुरा सीट से पहली बार बीजेपी से विधायक चुने गए नरेंद्र सिंह शिवाजी पटेल का सफर राज्यमंत्री तक जाकर रुका। बताया जाता है कि मंत्री नरेंद्र पटेल के पिता शिवाजी पटेल बीजेपी रायसेन जिलाध्यक्ष सहित कोआपरेटिव बैंक की आसंदी तक बैठकर किसानों और जनता की सेवा की। इसी का पारितोषिक उन्हें मंत्री पद के रूप में मिला। प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव सरकार के मंत्री मण्डल में रायसेन जिले के दिग्गज नेताओं और पूर्व कैबिनेट मंत्रियों और उनके समर्थकों को निराशा का सामना करना पड़ा जब उनके चहेते दिग्गज नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। इस तरह जिले के भाजपा के कई दिग्गज विधायकों को डॉ. मोहन सरकार के मंत्री मण्डल से बाहर होना पड़ा। रायसेन जिले के साँची विस सीट के बीजेपी के सीनियर विधायक पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी केंद्रीय राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। उनको डॉ. मोहन सरकार के मंत्री मण्डल में स्थान नहीं मिला, जिससे विधायक डॉ. चौधरी सहित उनके समर्थकों को जबरदस्त झटका लगा है। डॉ. चौधरी जब कांग्रेस पार्टी में थे तब वर्ष 2013 में सांची सीट पर भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. गौरी शंकर शेजवार के पुत्र मुदित शेजवार को चुनाव में 11 हजार से ज्यादा मतों से पराजित कर जीत हासिल की थी। कमलनाथ सरकार में डॉ. प्रभुराम चौधरी शिक्षा मंत्री बने, इसके बाद जब कमलनाथ सरकार का पतन हुआ तब डॉ. चौधरी श्रीमंत सिंधिया के साथ दलबदल करते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। वर्ष 2020 में हुए उपचुनाव में डॉ. चौधरी स्वास्थ्य मंत्री पद पर सांची सीट पर भाजपा उम्मीदवार बनाए गए। उनका उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मदन चौधरी के बीच महामुकाबला हुआ। इस उप चुनाव में डॉ. चौधरी द्वारा कांग्रेस उम्मीदवार मदन चौधरी को 64 हजार 864 मतों के बड़े अंतर से रिकार्ड जीत दर्ज कर इतिहास बनाया। फिर मिशन 2023 के विधानसभा चुनाव में डॉ. चौधरी का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. जीसी गौतम के बीच हुआ। फिर भी कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. गौतम को बीजेपी के डॉक्टर चौधरी द्वारा 44 हजार से रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। लेकिन बावजूद इसके बीजेपी से लगातार दूसरी रिकार्ड जीत के पश्चात मोहन सरकार के मंत्री मण्डल से बाहर रखा जिससे उनके समर्थकों को निराशा का सामना करना पड़ा, वे डॉ चौधरी के मोहन सरकार मंत्री मण्डल में शामिल होने का सपना संजोए हुए थे। लेकिन सोमवार को उनके समर्थकों को करारा झटका लगा।

पूर्व संस्कृति मंत्री के समर्थक भी हुए निराश
रायसेन जिले की हाई प्रोफाइल भोजपुर सीट पर लगातार 5वीं बार भाजपा से सीनियर विधायक चुने गए पूर्व संस्कृति राज्य मंत्री सुरेंद्र पटवा जो मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सुंदर लाल पटवा के दत्तक पुत्र हैं। डॉ. मोहन सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है, जिससे उनको और उनके समर्थकों में निराशा का माहौल है। बरेली सीट से पहली बार चुने गए नरेंद्र सिंह शिवाजी पटेल और राज्य मंत्री बने उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है। जिले की बरेली उदयपुरा सीट से पहली बार बीजेपी विधायक चुने गए। डॉ मोहन सरकार में विधायक नरेंद्र पटेल राज्य मंत्री की शपथ ली। इसे कहते हैं किस्मत, पहली बार विधायक चुने गए और राज्य मंत्री बन गए।

ऐसे गंवाना पड़ा मंत्री पद
राजनीतिक विश्लेषकों के रणनीतिकारों के मुताबिक शिवराज सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के पद पर रहे सिंधिया गुट के समर्थक डॉ. प्रभुराम चौधरी का झुकाव व सबसे करीबी होने की वजह से उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ा। डॉ. चौधरी तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ हरेक कार्यक्रम में शरीक होने पार्टी के शीर्ष व बड़े नेताओं को नागवार गुजरा। इसी तरह भोजपुर के 5वीं बार के सीनियर विधायक सुरेंद्र पटवा के हाथ से मंत्री पद छिन गया। जबकि पूर्व में वह राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रह चुके थे। उनके नजदीकियों के चैक बाउंस और बैंकों से लोन डिफाल्टर से बनी छवि की वजह से भी पटवा मंत्री की आसंदी तक नहीं पहुंच सके।

संपतिया उइके के मायके मुडियाखेड़ा गांव में मनीं खुशियां
जब भोपाल के राजभवन में रायसेन जिले के मुडियाखेड़ा गांव में जन्मीं आदिवासी मंडला की भाजपा विधायक संपतिया उइके मंत्री पद की शपथ ले रहीं थीं तभी उनके मायके परिवार की दो बहनों के परिजन काफी भावुक और खुश नजर आ रहे थे। मुडिया खेड़ा तहसील गैरतगंज जिला रायसेन आदिवासी परिवार में मंत्री संपतिया का मायका है और ससुराल मण्डला में है। संपतिया उइके के मायके में दो बहनों का परिवार ससुराल मुड़ियाखेड़ा में ही रहता है। उनके मंत्री बनने की खुशी में आदिवासी परिवार ने मिठाई बांटी और बम पटाखे फोड़े व जश्न मनाया। इस तरह रायसेन जिले को एक नहीं बल्कि दो मंत्री मिले हैं। संपतिया उइके की शिक्षा दीक्षा उनके पिता स्वर्गीय ब्रजभूषण उइके सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। वह पहली बार मंत्री बनीं है, इसके पूर्व मण्डला जिले के आदिवासी कोटे से केंद्र की मोदी सरकार में राज्य सभा सदस्य भी रहीं। विस चुनाव 2023 में मण्डला सीट से टिकट देकर विधायकी का चुनाव लड़ा और जीतीं। मंत्री संपतिया उइके डॉ. प्रभुराम चौधरी के 2020 में सांची सीट के उपचुनाव में आदिवासी बहुल गांवों में चुनाव प्रचार करने आई थी। वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी डॉ. प्रभुराम चौधरी के उपचुनाव में प्रचार करने रायसेन आए थे। उन्होंने यादव समाज बहुल गांवों में चुनाव प्रचार किया और डॉ. चौधरी को सफलता भी दिलाई।

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