पचनद बैराज बनने के बाद शुरू होगा 1081 किमी जलमार्ग, हरियाणा-दिल्ली से सीधे प्रयागराज तक चलेंगे पानी वाले जहाज। - Ghatak Reporter

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Thursday, January 4, 2024

पचनद बैराज बनने के बाद शुरू होगा 1081 किमी जलमार्ग, हरियाणा-दिल्ली से सीधे प्रयागराज तक चलेंगे पानी वाले जहाज।

पचनद बैराज बनने के बाद शुरू होगा 1081 किमी जलमार्ग, हरियाणा-दिल्ली से सीधे प्रयागराज तक चलेंगे पानी वाले जहाज।

पचनद बैराज बनने के बाद शुरू होगा 1081 किमी जलमार्ग, हरियाणा-दिल्ली से सीधे प्रयागराज तक चलेंगे पानी वाले जहाज।

घातक रिपोर्टर, शिवेंद्र सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश।
औरैया। सालों की उम्मीद पचनद बांध अब पचनद बैराज के रूप में धरातल पर आ रहा है। पचनद बांध बनने से जहां बुंदेलखंड में पानी की किल्लत दूर होगी वहीं यमुना नदी में 1081 किलोमीटर में जलमार्ग का रास्ता भी साफ होगा। इसी को देखते हुए शेरगढ़ घाट पुल और पचनद बैराज की डिजाइन तैयार की गई है। सड़रापुर में बनने वाला पचनद बैराज नेविगेशन लॉक के साथ बनेगा। वहीं शेरगढ़ घाट से जालौन सीमा तक जोड़ने वाले पुल में पियर से पियर की दूरी बढ़ाई गई है ताकि जल परिवहन के दौरान बड़े जहाजों आदि को निकलने में आसानी हो। 1376 किलोमीटर लंबी यमुना नदी में हरियाणा, दिल्ली से पानी के जहाज सीधे प्रयागराज पहुंच सकेंगे। इससे यमुना पट्टी वाले जिलों में व्यापार को भी बल मिलेगा और औरैया इटावा के पचनद पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। औरैया-इटावा के बार्डर पर पांच नदियों (यमुना, क्वारी, पहुज, सिंध और चंबल) के संगम स्थल पर पचनद बांध प्रस्तावित था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था। बांध से जहां बुंदेलखंड को भरपूर पानी मिलता वहीं बिजली का भी निर्माण होता लेकिन सालों बाद अब बांध की जगह बैराज निर्माण शुरू हुआ। बैराज की डिजाइन केंद्रीय जल आयोग द्वारा तैयार कराई जा रही है। सिंचाईं विभाग के अधिकारियों के अनुसार 772 मीटर लंबे पचनद बैराज में 764.20 मीटर वाटर वे बनना प्रस्तावित है। बैराज के गेट वर्टिकल लिफ्ट तकनीक के होंगे।


अधिकारियों के अनुसार नेविगेशन लॉक तकनीक से बैराज निर्माण होने से बैराज से जल यातायात आसानी से हो सकेगा, जिससे पानी वाले जहाजों को निकलने में कोई परेशानी नहीं होगी। जबकि औरैया एवं जालौन जिलों के मुख्यालयों को फोर लेन से जोड़ने की परियोजना के तहत औरैया के शेरगढ़ घाट से लेकर जालौन सीमा तक एक टू लेन का नया पुल बनना प्रस्तावित है। 151 करोड़ से बनने वाले इस पुल के लिए शासनादेश जारी हो चुका है। सेतु निगम द्वारा इस पुल का निर्माण किया जाना है। सेतु निगम कानपुर के सहायक अभियंता पंचम सिंह ने बताया कि नए पुल की डिजाइन इस हिसाब से प्रस्तावित की जा रही है कि पुल के नीचे से जहाजों आदि को निकलने में कोई परेशानी न आए। लगभग 30 साल पहले यहां बने पुल में 31 पियर बनाए गए थे, लेकिन प्रस्तावित टू लेन नए पुल की डिजाइन में फेरबदल किया गया है। लगभग 917 मीटर लंबे प्रस्तावित पुल में पियर से पियर की दूरी बढ़ाकर 52 मीटर की जा रही है। पियर से पियर की दूरी बढ़ने से पुल के नीचे केवल 18 पियर ही बनाया जाना प्रस्तावित है। इससे जहाजों एवं पोतों को निकलने में आसानी होगी। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार ने 12 अप्रैल 2016 को अधिनियमित राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम 2016 के माध्यम से 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। राष्ट्रीय जलमार्ग-110 दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होते हुए यमुना नदी से होकर गुजरेगा। इस राष्ट्रीय जलमार्ग की कुल लंबाई 1081 किलोमीटर होगी। यहां बता दें कि संगम नगरी प्रयागराज से हल्दिया के बीच अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। इस जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग-एक नाम दिया गया है, जबकि प्रयागराज से नई दिल्ली तक जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग दो नाम दिया गया है। भविष्य में इस मार्ग से जहां यमुना पट्टी के जिलों के व्यापार और यातायात को और बल मिलेगा। वहीं पचनद पर्यटन को भी उम्मीद के पंख लगेंगे।

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