सिक्के की मदद से रेड सिग्नल कर रोक लेते थे ट्रेन, लूट की घटना कर हो जाते थे रफू चक्कर, आखिर आये पुलिस गिरफ्त में। - Ghatak Reporter

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Wednesday, June 30, 2021

सिक्के की मदद से रेड सिग्नल कर रोक लेते थे ट्रेन, लूट की घटना कर हो जाते थे रफू चक्कर, आखिर आये पुलिस गिरफ्त में।

सिक्के की मदद से रेड सिग्नल कर रोक लेते थे ट्रेन, लूट की घटना कर हो जाते थे रफू चक्कर, आखिर आये पुलिस गिरफ्त में।


सिक्के की मदद से रेड सिग्नल कर रोक लेते थे ट्रेन, लूट की घटना कर हो जाते थे रफू चक्कर, आखिर आये पुलिस गिरफ्त में।

इंदौर। आधी रात को एक्सप्रेस ट्रेन में चोरी और लूट करने वाले गिरोह का इंदौर जीआरपी पुलिस ने पर्दाफाश किया है, पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की लंबी दूरी ट्रेनों में लूट करते थे। आरोपियों के पास से आधा किलो सोना व लूट का सामान मिला है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी 5 रुपए के सिक्के की मदद से ट्रेन को रोक कर वारदात को अंजाम देते थे। रेलवे जीआरपी ASP राकेश खाका के अनुसार आरोपी सिर्फ लंबी दूरी और दक्षिण भारत की ओर चलने वाली ट्रेनों को ही निशाना बनाते थे। एएसपी के अनुसार हर रेलवे क्रॉसिंग पर बने रेल के पटरी के बीच बैरिकेड्स बना होता है। यहां लोहे की रॉड या 5 रुपए का सिक्का डालने से सिग्नल RED हो जाता है। हाईवे के समीप जहां रेलवे क्रॉसिंग पर गार्ड या कर्मचारी नहीं होता, बदमाश वहां ट्रेन आने से पहले पहुंच जाते थे। इसके बाद सिग्नल रेड कर गाड़ी में चढ़ जाते थे। जब तक सिग्नल ग्रीन होता, उससे पहले वारदात कर रफूचक्कर हो जाते थे। नीचे दिखाए गए फोटो में जो रेलवे पटरी के पास ब्लॉक लगे हैं, यहां कोई भी रॉड या सिक्का डालते ही सिग्नल रेड हो जाएगा। खास बात यह है कि यह जानकारी केवल रेलवे के तकनीकी व्यक्ति को ही होती है। आरोपियों ने अब तक माउंटआबू, भरूच, वापी, औरंगाबाद, मक्सी और कोटा में वारदातें की हैं।

सिक्के की मदद से रेड सिग्नल कर रोक लेते थे ट्रेन, लूट की घटना कर हो जाते थे रफू चक्कर, आखिर आये पुलिस गिरफ्त में।

रेलवे के आउटर में सिलसिलेवार हो रही वारदातों के बाद जीआरपी को घटनास्थल के आसपास कुछ चार पहिया गाड़ी होने के सबूत मिले। जीआरपी पुलिस द्वारा कई टोल नाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इसमें इस कार का नंबर HR-20-A-2288 दिखा। गाड़ी टोल नाके से फास्ट टैग स्टीकर लगे होने के कारण उस व्यक्ति का चेहरा किसी ने नहीं देखा। घटना के आसपास जिस कार की संभावना थी, वह हर वारदात के आसपास और राजस्थान, गुजरात औरंगाबाद वाली घटनाओं के दिन भी उसने प्रदेश के अंदर अलग-अलग टोल नाकों से एंट्री करी थी, जिस पर शक गहरा गया। फास्ट टैग के माध्यम से रेलवे पुलिस द्वारा उस व्यक्ति का मोबाइल नंबर ट्रैक किया, जिस नंबर पर फास्ट टैग रजिस्टर्ड था। फास्ट टैग का रजिस्ट्रेशन दीपक फतेहाबाद हरियाणा का मोबाइल नंबर मिला। घटना में आरोपी दीपक गाड़ी को चलाता था। वहीं, बाकी साथी, सोनी वाल्मीकि, राहुल वाल्मीकि और छोटू गाड़ियों में चढ़ कर वारदात को अंजाम देते थे। सभी को टोहाना हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है।

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इन माह बदमाशों ने 6 ट्रेनों में वारदातें की हैं। इनमें 18 जून को बीकानेर-दादर रणपुर एक्सप्रेस में आबू के पास, 19 जून को अवंतिका एक्स. व अजमेर-मैसूर एक्स. में भरुच (गुजरात) के पास, 20 जून को बांद्रा-भुज एक्स. में वापी (गुजरात) के पास, 25 जून को पोरबंदर-हावड़ा एक्स. नंदुरबार (महाराष्ट्र) के पास तथा 27 जून को जयपुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस में कोटा के पास ऐसी ही वारदातें की हैं। एएसपी ने बताया, पुलिस 19 जून को हुई वारदात के फुटेज से सूत्र तलाश रही थी।

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