पतियों के हाथ-पैर काटने जैसी हैवानियत की शिकार महिलायें मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता की आस मैं। - Ghatak Reporter

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Sunday, June 27, 2021

पतियों के हाथ-पैर काटने जैसी हैवानियत की शिकार महिलायें मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता की आस मैं।

पतियों के हाथ-पैर काटने जैसी हैवानियत की शिकार महिलायें मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता की आस मैं। 


पतियों के हाथ-पैर काटने जैसी हैवानियत की शिकार महिलायें मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता की आस मैं।

भोपाल। पतियों की हैवानियत की शिकार हुईं महिलाएं परेशानी भरा जीवन जी रही हैं। इनमें दो महिलाओं के हाथ पति ने काट दिए थे, जबकि एक महिला का एक हाथ और एक पैर पति ने काट दिया था। ये महिलाएं सरकार की ओर से आर्थिक मदद की राह देख रही हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन पीड़ित महिलाओं को 4-4 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। तीनों महिलाएं मायके में हैं। इनमें भोपाल की संगीता सिसोदिया और बैतूल, मुलताई की कविता वंशकार शामिल हैं। सागर की आरती गौड़ की जानकारी नहीं मिल पाई। पुलिस के मुताबिक इनके पति अभी जेल में हैं। इन महिलाओं के पास इलाज कराने तक के लिए रुपए नहीं हैं, अब ये रिश्तेदारों से रुपए कर्ज लेकर जीवन चला रही हैं।

पति ने शक के चलते मेरा एक हाथ और एक पैर काट दिया था। मां से मेरा कष्ट नहीं देखा गया तो वे गहने बेचकर और कर्ज लेकर जयपुर में पैर लगवाने के लिए ले गईं। यहां निशुल्क लगने वाले पैर-हाथ ठीक नही थे तो मैंने आधुनिक तकनीक से बना पैर लगाने के लिए कहा, जिसके साढ़े तीन लाख लग रहे थे। किसी तरह मां ने और रुपए उधार लिए, अभी जयपुर पैर लग गया है, अब चलने की प्रैक्टिस कर रही हूं। जयपुर हाथ भी लगवाना है, उसके लिए 5 लाख रुपए का खर्च है, यदि मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता मिलती है तो हाथ लगवा लूंगी।
संगीता सिसोदिया, भोपाल


मेरे पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, अब मां के नजदीक ही 1500 रुपए महीने में किराए से रह रही हूं। अब नाबालिग बच्चे ही देखभाल कर रहे हैं। घर के काम बेटी करती है और बेटा मजदूरी करने जाता है। वह जो कमा कर लाता है, उसी से घर का खर्च चलता है। पति ने मेरा एक हाथ और दूसरे हाथ की 3 अंगुलिया कांट दी थीं। दो अंगुलियां बची हैं, वह भी नहीं चलतीं। समझ में नहीं आ रहा कि अपना इलाज कराए या फिर परिवार के भोजन की व्यवस्था करें। मां और भाई कुछ राशन पहुंचा देते हैं।
कविता वंशकार, मुलताई

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