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Monday, September 20, 2021

इंदौर, अपमानित आस्था :- निगम कर्मियों का कारनामा, विर्सजन के दौरान अपमानित कर फेंकी प्रतिमाएं।

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अपमानित आस्था :- निगम कर्मियों का कारनामा, विर्सजन के दौरान अपमानित कर फेंकी प्रतिमाएं।


इंदौर, अपमानित आस्था :- निगम कर्मियों का कारनामा, विर्सजन के दौरान अपमानित कर फेंकी प्रतिमाएं।

इंदौर के धार रोड पर गिट्‌टी खदान में नगर निगम कर्मचारियों ने आस्था का अपमान किया है। सोमवार को यहां पर निगम अफसरों की मौजूदगी में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा था। जैसे ही अधिकारी वहां से हटे तो निगम कर्मियों ने ट्रक और जेसीबी के अंदर से ही तालाब में मूर्तियों को फेकना प्रारंभ कर दिया। इस मामले का विडियो सामने आने के बाद अधिकारी इंदौर का वीडियो मानने से इंकार करते रहे, लेकिन बाद में उन्होंने भी इसकी पृष्टि कर दी है। इस मामले में अपर आयुक्त की फटकार के बाद अधिकारियों ने माफी मांगते हुए व्यवस्था बनाने की बात कही है।

नगर निगम ने 85 वार्डों में गणेश प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था की थी। उसमें पीओपी की मूर्तियों को व्यवस्थित तरीके से गिट्‌टी खदान वाले स्थान पर विसर्जित करने की बात कही थी। सोमवार को इसका काम किया जाना था, लेकिन खदान में अधिकारियों के हटते ही निगमकर्मियों ने मूर्तियों को बुरी तरह से बाहर फेंकना शुरू कर दिया। जिसमें एक वीडियो जारी होने के बाद जमकर हंगामा मचा। शुरुआत में निगम अपनी गाड़ियां होने से इंकार करता रहा था, लेकिन बाद में आयुक्त की फटकार के बाद अधिकारियों ने माफी मांगी ओर व्यवस्था बनाने की बात कही।

अपर आयुक्त अभय राजगांवकर को गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्थित जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसमें सोमवार को धार रोड़ की खदान पर मूर्तियों को फेंकने का वीडियो वायरल हुआ। जिसमें पहले उसे क्षिप्रा का होना बताया गया। नगर निगम के अधिकारी मामले में इंकार करते रहे। लेकिन बाद में अपर आयुक्त अभय राजगांवकर ने गलती स्वीकार करते हुए बताया कि वह शुरूआत में मौके पर ही थे। जब वह यहां से हटे तो नगर निगम के कर्मचारियों ने गलत तरीके से मूर्तियों को पानी में फेंकना शुरू कर दिया। उन्होंने मामले में व्यवस्था बनाने की बात कही है।

आयुक्त प्रतिभा पाल ने भी इस मामले में अधिकारियों को फटकार लगाई है। उनके मुताबिक मूर्तियों को एक चेन सिस्टम से पानी में विसर्जित करना था, लेकिन कर्मचारियों का यह तरीका उचित नहीं था। इसे लेकर खेद भी प्रकट किया गया है। उन्होंने अपने एक आदेश का हवाला देकर धार्मिक रीति रिवाज से मूर्ति विसर्जित की बात कही थी। उन्होंने कर्मचारियों की पहचान के बाद कार्रवाई की बात कही है।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने वायरल वीडियो देखने के बाद नगर निगम द्वारा धर्मलंबियों की आस्था के साथ खिलवाड़ की बात कही है। उन्होंने बताया कि घर-घर से विसर्जन के लिए ले जाई गई गणेश जी की प्रतिमा का कितनी गलत तरीके से अपमान किया गया जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण आस्था पर सीधे-सीधे आघात है। बाकलीवाल ने कहा कि अगर नगर निगम विधि विधान से गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जन नहीं कर पा रहा था, तो इसको प्रतिमा ले जाने की जरूरत क्या थी, नगर निगम का यह कृत्य निंदनीय है।

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