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Monday, October 25, 2021

रायसेन/बरेली, इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए कृष्ण ने उठाया गोवर्धन पर्वत।

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इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए कृष्ण ने उठाया गोवर्धन पर्वत।

रायसेन/बरेली, इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए कृष्ण ने उठाया गोवर्धन पर्वत।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन/बरेली।
बरेली। राम जानकी मंदिर ग्राम धोखेड़ा मैं आयोजित नौ दिवसीय भगवत कथा का आयोजन दुर्गेश दुबे और बैजनाथ प्रसाद दुबे के द्वारा करवाया जा रहा है। इस कथा में प्रतिदिन सुबह महा आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें सबसे पहले भगवत कथा शिव पूजन अर्चना की जाती है। तत्पश्चात कथावाचक पंडित शुभम द्विवेदी वृंदावन वालों की पूजन अर्चना का लाभ भक्त जनों के द्वारा लिया जाता है। भगवत कथा का रसपान कराते हुए कथा वाचक शुभम द्विवेदी कथा पंडाल में बैठे श्रोताओं को बताते हैं कि भगवान ने बाल रूप में अनेकानेक बाल लीलाएं की हैं। एक समय इंद्र के प्रकोप से ब्रज वासियों को बचाने के लिए भगवान ने अपनी उंगली से गोवर्धन पर्वत उठाया था और ब्रज वासियों की रक्षा की थी। उस समय इंद्र को भी भगवान की शरण में आना पड़ा था। कथावाचक बताते हैं भगवान कृष्ण ने बाल रूप में माखन चोरी की लीला बड़े ही सहज और सरल तरीके से ब्रज में की है। भगवान कृष्ण ने बाल रूप में कई राक्षसों का संहार किया है, उनका उद्धार किया है। ब्रजभूमि भगवान श्री कृष्ण की लीलास्थली है। यहीं पर भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में ब्रजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिये गोवर्धन पर्वत अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाया था। गोवर्धन पर्वत को भक्तजन गिरिराज जी भी कहते हैं। सदियों से यहां दूर-दूर से भक्तजन गिरिराज जी की परिक्रमा करने आते रहे हैं। यह 7 कोस की परिक्रमा लगभग 21 किलोमीटर की है। मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, गोविन्द कुंड, पूंछरी का लौठा, जतिपुरा राधाकुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, दानघाटी इत्यादि हैं।

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