शिक्षक की पिटाई से छात्र की मौत के बाद हुई आगजनी, डीएम की गाड़ी में की तोड़फोड़, पुलिस जीप फूंकी।
- उपद्रवियों ने जमकर काटा बवाल, आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, हालत नियंत्रण में।
घातक रिपोर्टर, शिवेंद्र सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश।
औरैया। जनपद औरैया के अछल्दा कस्बे में एक टीचर की पिटाई से 18 दिन बाद हुई छात्र की मौत को लेकर उपद्रवियों ने जमकर बवाल काटा। वहां मौजूद पुलिस बल पर जमकर पथराव किया और एक पुलिस वाहन में आग भी लगा दी। मौके पर आईजी प्रशांत कुमार भी पहुंच गए और माना जा रहा है कि इस मामले में उपद्रवियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अछल्दा थाना क्षेत्र में फफूंद रोड पर स्थित आदर्श इंटर कॉलेज में वैसोली गांव निवासी 15 वर्षीय निखित कुमार कक्षा दसवीं में पढ़ता था। उसके पिता राजू दोहरे ने बताया कि 7 सितंबर को सामाजिक विज्ञान के टीचर अश्विनी सिंह ने क्लास में टेस्ट लिया था, टेस्ट के लिए मेरे बेटे ने अच्छी तैयारी भी की थी, लेकिन टेस्ट में उसने 2 गलतियां कर दी थीं। उन गलतियों को लेकर अश्विनी कुमार ने मेरे बेटे को डंडे व लात-घूसों से इतना मारा कि वह स्कूल में ही बेहोश हो गया था।

उसके साथ पढ़ने वाले एक और बच्चे ने बताया कि उस दिन अश्विनी सर ने उसे भी जमकर मार लगाई थी, उस दिन वे इतने गुस्से में थे कि छोटी-छोटी गलतियों पर भी वे छात्रों से मारपीट कर रहे थे। मुझे भी बहुत मारा था, तब से मैं स्कूल नहीं जा रहा हूं। इधर जब परिजनों को बेटे के बेहोश होने की जानकारी मिली तो वे आनन-फानन में स्कूल पहुंचे तो पहले तो उन्हें धमकाया गया लेकिन छात्र की हालत बिगड़ती देखने के बाद टीचर ने उसका इलाज इटावा में कराने की जिम्मेदारी ली, जहां करीब रू. 40000 का खर्च आया। लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को बहुत सारी अंदरूनी चोटें आई हैं। जब इलाज के बाद भी इटावा के डॉक्टरों से मामला बनता नहीं दिखा तो उन्होंने मेरे बेटे को सैफई रेफर कर दिया, जहां सोमवार को मेरे बेटे की मौत हो गई।

इधर मौत की खबर सुनकर आदर्श इंटर कॉलेज तत्काल बंद कर दिया गया, वही गाँव में भीम आर्मी के सदस्यों का भी पहुंचना शुरू हो गया। वे गांव पहुंचकर बयानबाजी करने लगे जिससे गांव में तनाव फैलता चला गया। जिसे देखते हुए वहां पुलिस को भी तैनात कर दिया गया था। लेकिन शाम होते-होते मामला पुलिस के हाथ से निकलने लगा और भीड़ ने गांव पहुंची एंबुलेंस में रखे शव को जबरन निकाल कर आदर्श इंटर कॉलेज के बाहर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। बवाल बढ़ने पर एएसपी शिष्य पाल सिंह, एसडीएम नवजीत कौर, क्षेत्र क्षेत्राधिकारी बिधूना महेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंच गए और परिजनों को समझाने-बुझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन परिजनों का कहना था कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हम शव को नहीं हटाएंगे।

करीब 1 घंटे तक मशक्कत करने के बाद मौजूद अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी। इधर प्रदर्शनकारियों ने बवाल काटना शुरू कर दिया, पहले तो प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसे देखकर पुलिस को अपने कदम पीछे खींचने पड़े। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस जीप को आग के हवाले कर दिया, इतना ही नहीं उपद्रवियों ने जिलाधिकारी की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की, लेकिन पुलिस बल पीएसी की एंट्री हुई। इसे देख उपद्रवी इंटर कॉलेज की इमारत में छुप गए। मौके पर पहुंची पुलिस अधीक्षक औरैया चारू निगम ने उपद्रवियों से बाहर निकल कर एक लाइन में खड़े होने की अपील भी की। साथ ही उन्होंने यह भी अपील की कि वहां से हट जाइए क्योंकि जल रही गाड़ी अभी पूरी जली नहीं है और उसमें कभी भी विस्फोट हो सकता है, जिससे आप लोगों को नुकसान हो सकता है, इसलिए कृपया बाहर आ जाइए। जब उनकी इस अपील का कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने पुलिस कर्मियों को कॉलेज के अंदर भेजा लेकिन तब तक सारे उपद्रवी इधर-उधर हो चुके थे। उपद्रवियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने टीमें बनाकर दबिशें देना शुरू कर दिया है।

इधर पीड़ित माता-पिता के पास जिलाधिकारी प्रकाश चंद श्रीवास्तव पहुंचे और उनसे पूछा कि वे क्या चाहते हैं। इस पर मृतक के पिता राजू दोहरे ने बताया की उनके बेटे की मौत के मामले में एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए, जिस पर जिलाधिकारी ने हामी भरते हुए उन्हें 8 लाख रुपए मुआवजे में से 6 लाख रु उनके खाते में डलवाने की बात कही और गांव में आवास एवं पट्टा भी देने का आश्वासन जिलाधिकारी ने दिया। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के लिए सरकार से निवेदन करने की भी बात कही। शस्त्र लाइसेंस की मांग पर मृतक के पिता ने मना कर दिया, यह मांग उनकी नहीं है। मृतक के पिता ने कहा कि हम लोग बवाल नहीं चाहते, कुछ उपद्रवियों ने यह सब बवाल मचाया है।
बवाल काट रहे लोगों ने जो मांगे रखी थी वे इस प्रकार हैं-
- पीड़ित परिवार को 50 लाख रु. का मुआवजा दिया जाए
- परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए
- पीड़ित परिवार को शहरी आवास दिया जाए
- अभियुक्तों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो
- इस मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए
- परिवार को ग्राम समाज की भूमि से 2 एकड़ का पट्टा दिया जाए
छात्र निखित की मौत की खबर लगते ही शिक्षक अश्वनी सिंह फरार हो गया है, जिसकी तलाश में पुलिस संभावित ठिकानों पर दबिशें दे रही है। उधर दोपहर में पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने घटनास्थल का भी निरीक्षण किया था और प्राचार्य को सारी जानकारी दी। जिस पर प्राचार्य ने बताया कि मैं 5 सितंबर से अवकाश पर हूं, आज ही यह सूचना मिलने पर आया हूं, मुझे घटना की पूरी जानकारी नहीं है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कॉलेज की एक अलमारी में टेस्ट की कॉपी रखी गई है, जिसकी चाबी आरोपी शिक्षक के पास है, उस रूम को सील कर दिया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में जानकारी मिली है, सामाजिक विज्ञान की टेस्ट परीक्षा में एमआर सीट में एक खाने की जगह 2-3 खाने ब्लैक कर दिए थे और एक जगह सामाजिक की जगह समाजक लिखा था। गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को लगा दिया गया है। उधर डीआईओएस चंद्रशेखर मालवीय ने बताया की शिक्षक को निलंबित करने के आदेश कॉलेज प्रबंधक को दे दिए गए हैं, विधिक कार्यवाही में विभाग भी सहयोग करेगा।

लेकिन इस पुरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षक द्वारा पिटाई से घायल हुए छात्र की मौत के मामले में एक नया मोड़ आ रहा है। जानकारी के मुताबिक, पिटाई के बाद बदहवास छात्र को उपचार के लिये सीएचसी में भर्ती कराया गया था। जहाँ पर चिकित्सक के बजाय एक सफाई कर्मचारी ने छात्र को इंजेक्शन लगाए थे। अगर सूत्रों की मानें तो इंजेक्शन सही न लगने से ही छात्र की हालत बिगड़ी थी। जिस पर उसे सैफई तक ले जाया गया। लेकिन उसकी जान न बच सकी। इस घटना का जितना कसूरवार शिक्षक है, उससे कहीं अधिक यह सफाई कर्मचारी। जिम्मेदार अधिकारियों को इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए इस प्रशिक्षित चिकित्सक (सफाई कर्मचारी) के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। यह भी जाँच हो, उस दौरान चिकित्सक कहाँ थे।
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