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Monday, February 26, 2024

मीटर बदलने के खेल में विभाग के वारे-न्यारे, उपभोक्ता परेशान

मीटर बदलने के खेल में विभाग के वारे-न्यारे, उपभोक्ता परेशान

मीटर बदलने के खेल में विभाग के वारे-न्यारे, उपभोक्ता परेशान

घातक रिपोर्टर, शिवेंद्र सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश
अजीतमल/औरैया। मीटर रीडिंग से लेकर मीटर बदलने का खेल खेलकर जहां विभाग को लाखों रुपयों का चूना लगाया जा रहा है। वहीं आने वाले बिल में दर्शाई बिलिंग को पूरा भरने के बाबजूद भी अतिरिक्त बिल भेज दिए जाने से उपभोक्ता भी परेशान हो रहे हैं। बाबरपुर कस्बे के मोहल्ला नवीन नगर निवासी आशीष गुप्ता के साथ भी हुआ। मुगल रोड किनारे स्थित उसकी रेडिमेड की दुकान पर लगे मीटर का बिल बीते दिसंबर माह में 23हजार 895  रुपए निकाला गया। फरवरी 2024में मीटर जला हुआ बता कर उससे मीटर बदलवाने के लिए प्रार्थना पत्र लिखवाया गया। विभाग की ओर से जांच में मीटर जला हुआ दिखाते हुए नया मीटर लगा दिया गया। आशीष की ओर से आए हुए बिल का भुगतान किया जाता रहा। 28 फरवरी 2024 को सुबह करीब 11बजकर29 मिनट पर उसके मोबाइल पर कुल 430 रुपए 28 पैसे बकाया जमा करने का मेसेज आया। वहीं इसी दिन दोपहर 03.45 पर 149645 रुपए 94 पैसे बकाया का मेसेज भेज दिया गया। अचानक उसके पास विभाग की ओर से पुराने मीटर को जला हुआ न बताकर उसमे अधिक रीडिंग होने का जिक्र करते एक लाख उन्चास हजार छै सौ पैंतालीस रुपए चौरांवे पैसे  जमा करने के लिए कहा गया। इतना बिल देखकर आशीष के होश उड़ गए। वहीं आशीष ने बताया कि मीटर दुकान के बाहर लगा है। जितना बिल आता रहा वह जमा करता रहा। विभाग ने हो जला मीटर बताकर बदल दिया। अब उसकी क्या गलती है। वहीं सोशल मीडिया पर विभागीय जे ई की मिलीभगत से विभाग को लगाए जा रहे लाखों रुपए के चुने का जिक्र करते हुए किसी ने मेसेज वायरल कर दिया।

वहीं इस संबंध में उपखंड अधिकारी विद्युत ने बताया कि मीटर रीडिंग लेने और मीटर चेंज करने के जे ई अलग होते है। किसी ने गलत तरीके से जे ई धीरेंद्र का नाम वायरल किया है। आशीष का वाणिज्यिक कनेक्शन होने की जगह पर घरेलू कनेक्शन का बिल जमा हो रहा था। उसे घरेलू से वाणिज्यिक कनेक्शन में परिवर्तित कर संशोधित किया गया है।

कैसे होता है खेल
बता दें बिजली कनेक्शन होने के बाद, मीटर रीडिंग निकालने और खराब मीटर को बदलने आदि की जिम्मेदारी विभाग की ओर से किन्हीं निजी लोगों को दी गई है। विभागीय कर्मचारियों की मिली भगत से उपभोक्ताओं के बिलिंग में अधिक राशि दिखाकर , बिल कम कराने के नाम पर अच्छी खासी वसूली की जाती है। इसमें उपभोक्ता से,  मीटर खराब हो जाने के कारण बदलवाने के लिए प्रार्थना पत्र लिखवाया जाता है। जिसे जांच के बाद  बदल कर नया मीटर लगा दिया जाता है। बिल निकालकर उपभोक्ता को थमा दिया जाता है। उपभोक्ता पूरा बिल जमा कर इत्मीनान करता है। किंतु कुछ ही दिनों बाद लाखों रुपए का बिल देखकर उसके होश उड़ जाते है।

बीते दिनों भी कुछ यों ही हुआ था वाकया
बीते दिनों बाबरपुर कस्बे के मोहल्ला नवीन नगर स्थित हरिकृष्ण चतुर्वेदी की दुकानों पर हुए बिजली कनेक्शन में भी विभाग की किरकिरी हुई थी। कनेक्शन हरिकृष्ण चतुर्वेदी के नाम से था। दो बार मीटर भी बिना प्रार्थना पत्र दिए विभागीय मनमानी से बदल दिया गया। लेकिन एक लाख नब्बे हजार रुपए का बिल दुकानदार राजीव जैन के नाम से आया था। खबर उच्चाधिकारियों से लेकर मीडिया तक पहुंची थी। तो आनन फानन में विभागीय अधिकारियों ने संज्ञान लेकर बिल और कनेक्शन में नाम आदि संशोधित किया था।

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