रायसेन/बरेली, परिणाम जानते थे कृष्ण फिर भी करते रहे लीलाएं - देवी रत्नमणि द्विवेदी - Ghatak Reporter

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Monday, February 12, 2024

रायसेन/बरेली, परिणाम जानते थे कृष्ण फिर भी करते रहे लीलाएं - देवी रत्नमणि द्विवेदी

परिणाम जानते थे कृष्ण फिर भी करते रहे लीलाएं - देवी रत्नमणि द्विवेदी

रायसेन/बरेली, परिणाम जानते थे कृष्ण फिर भी करते रहे लीलाएं - देवी रत्नमणि द्विवेदी

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन/बरेली
बरेली। कैलकच्छ में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस की कथा प्रारम्भ होने से पूर्व भव्य कलशयात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में ग्रामीण महिलाएं एवं कन्याएं सम्मिलित हुई। कलश यात्रा श्रीराम जानकी मंदिर से प्रारंभ होकर गांव के मुख्य मार्गों से होती हुई कथा स्थल तक पहुंची। कथा के प्रथम दिवस वर्णन करते हुए कथा वाचक देवी द्विवेदी ने बताया कि यहां समझने की बात ये है कि कृष्ण वो थे जिन्हें सब कुछ पता था, फिर भी वो अपनी लीला करते रहे थे। वो लगातार अपनी ज़िम्मेदारी के अनुसार युद्ध में भागीदार बन रहे थे, मगर क्या सामान्य मनुष्य के साथ यह संभव है?

रायसेन/बरेली, परिणाम जानते थे कृष्ण फिर भी करते रहे लीलाएं - देवी रत्नमणि द्विवेदी

सामान्य मनुष्य को अगर यह पता चल जाए कि कल क्या होने वाला है, तो वह कर्म करना छोड़ देगा। अगर उसे पता चल जाए कि एक सप्ताह बाद उसकी मृत्यु निश्चित है तो वो इसी समय से क्षण-क्षण मरने सा महसूस करने लगेगा। ये मनुष्य की सीमित बुद्धि का फेर है कि वो समझता है भविष्य जानने से वो उसे संवार लेगा। वास्तव में जीवन एक रोमांच का नाम है, एक ऐसी यात्रा जहां अगले क्षण का पता नहीं। जिन्हें हम खुशियां कहते हैं वो सामान्य घटनाएं ही होती हैं, मगर उनकी अनिश्चितता ही उन्हें हमारे सामने ख़ुशी के रूप में प्रस्तुत करती है।

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