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Monday, September 6, 2021

वर्दी के दाग अच्छे ? थानेदार ने अधिवक्ता से की अभ्रदता, अपना परिचय बताते ही आगबबूला हुआ थानेदार।

वर्दी के दाग अच्छे ? थानेदार ने अधिवक्ता से की अभ्रदता, अपना परिचय बताते ही आगबबूला हुआ थानेदार।

  • अधिवक्ता ने शिकायत कर की निष्पक्ष जांच की मांग, पहली शिकायत में पक्षपात करने का लगाया आरोप।

वर्दी के दाग अच्छे ? थानेदार ने अधिवक्ता से की अभ्रदता, अपना परिचय बताते ही आगबबूला हुआ थानेदार।

श्याम सिंह पंवार
लखनऊ। मामला राजधानी लखनऊ के विभूति खंड थाना का है, जहां पर विभूति खंड थाना प्रभारी चंद्रशेखर सिंह ने अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह के साथ अभद्र व्यवहार व बदसलूकी की। अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मुझे विगत 18 जून 2021 को उनके क्लाइंट शिवमंगल सिंह उर्फ आजाद सिंह ने फोन करके एक सुलह-समझौता लिखाने के लिए थाना विभूति खंड बुलाया था। मैं विभूति खंड थाने पहुंचा, थाने पहुंचकर मैंने अपना परिचय थाना प्रभारी चंद्रशेखर सिंह को जैसे ही दिया वैसे ही थानेदार ने मेरा परिचय सुना और वह आग बबूला हो गए। मुझको मां-बहन की गाली देने लगे, मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया और मुझको वह मेरे क्लाइंट को हिरासत में ले लिया गया। थानेदार ने मेरी एक न सुनी और बराबर बदसलूकी करता रहा। मेरे लिये अपशब्दों का प्रयोग किया।


अधिवक्ता ने बताया कि मैंने इस मामले की शिकायत पुलिस आयुक्त लखनऊ को 23 जून 2021 को लिखित में दी थी, जिसकी जांच डीसीपी द्वारा की गई। अधिवक्ता ने यह आरोप लगाया कि जांच में थाना इंचार्ज को बचाने का प्रयास किया गया और विभागीय होने के नाते जांच में लीपापोती की गई है। अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मैं दोबारा फिर इसी मामले को लेकर पुलिस आयुक्त लखनऊ के पास आया हूं। पुलिस आयुक्त ने दोबारा जांच के आदेश एसीपी विभूति खंड को दिया गया है और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

वर्दी के दाग अच्छे ? थानेदार ने अधिवक्ता से की अभ्रदता, अपना परिचय बताते ही आगबबूला हुआ थानेदार।

अब देखना यह है कि इस बार एसीपी द्वारा निष्पक्ष जांच की जायेगी या फिर विभागीय पक्षपात फिर से सामने आयेगा, क्योंकि ज्यादातर मामलों में यही सामने आता है कि आरोपी जब विभागीय होता है तो जाँच प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है?

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