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Monday, November 15, 2021

रायसेन/बरेली, सड़कों पर लगाई गई गन्ने की दुकाने, आवागमन रहा अवरुद्ध, गन्नों पर महंगाई की मार।

यह भी पढ़े :- https://youtu.be/qCd5IeXVrR0 आईबीएन और तहलका यूट्यूबर दलाल अजय आहूजा का यह खेल कोई नया नहीं, यह सब ब्लैकमेल करने का इसका पुराना तरीका। https://www.ghatakreporter.com/2020/12/blog-post_842.html इस दलाल की जब हमने पोल खोलना प्रारंभ की तो इसने हमारी हत्या की साजिश रची तो एक लेख इसके लिये हमने लिखा नीचे लिंक को खोलकर अवश्य पढ़ें https://www.ghatakreporter.com/2020/12/blog-post_529.html Thank you Chief Editor GHATAK REPORTER BHOPAL

सड़कों पर लगाई गई गन्ने की दुकाने, आवागमन रहा अवरुद्ध, गन्नों पर महंगाई की मार।

रायसेन/बरेली, सड़कों पर लगाई गई गन्ने की दुकाने, आवागमन रहा अवरुद्ध, गन्नों पर महंगाई की मार।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन/बरेली।
बरेली। देवउठनी ग्यारस पर हर घर में गन्ना पहुंचता है इसलिए हर कीमत पर आमजन गन्ने को घर तक लेकर जाते हैं। इस बार बाजार सहित राष्ट्रीय राजमार्ग 12 की सड़कों पर गन्ने की दुकानें सजाई गई थी ।सड़कों पर गन्ने की दुकानें लगने के कारण सारे दिन आवागमन अवरुद्ध रहा, दुर्घटनाओं का भी अंदेशा बना रहा। छोटी-मोटी दुर्घटना सड़कों पर हुई लेकिन आपसी समझौता की वजह से मामले थाने तक नहीं पहुंचे। दिवाली अथवा देव उठनी एकादशी पर्व सोमवार पारंपरिक उमंग उल्लास और श्रद्धाभक्ति के माहौल में मनाई गई। इस दौरान तुलसी सालिगराम विवाह करने के लिए गन्नों से मंडप घर-घर में सजाने का विधान है। इसीलिए लोग बाजार में लगी गन्नों की दुकान पर गन्ना प्रति नग 20 से 25 रुपये जमकर बिक्री हुई। किसानों-दुकानदारों ने गन्ना महंगे बिकने का मुख्य कारण गन्ना उत्पादन गांवों में कम मात्रा में होना बताया गया। इसी का भरपूर मौके का फायदा उठाकर ग्राहकों को गन्ने महंगे बेचे गए। ग्राहक गन्नों पर महंगाई की मार से दाम सुनकर दंग रह गए। बाजार में गांव के किसानों और स्थानीय फुटकर व्यापारियों की दुकानें रात में ही सज गई थी। इसके अलावा सोमवार को देव उठनी एकादशी पर्व पर बाजार में गन्नों सहित तुलसी सालिगराम विवाह, सोते देवों को उठाने की धार्मिक रस्म को लेकर पूजन सामग्री, नारियल, फूल मालाओं, अगरबत्ती, आतिशबाजी की दुकानों पर जमकर बिक्री दोपहर से रात तक होती रही। वैसे भी इस साल कमर तोड़ महंगाई का सामना करते हुए लोगों ने दीपावली का त्योहार मनाया। वहीं छोटी दिवाली अथवा देवउठनी एकादशी पर भी डायन महंगाई की मार रही। घर-घर तुलसी माता सालिगराम का गन्नों के मंडप सजाकर विवाह की रस्म अदायगी हुई। सोते देव भगवान श्री विष्णुहरी को बैर भाजी आंवले उठो देव सांवले..., क्वारों को विवाह कराओ के गीत गन्नों के मंडप की परिक्रमा लगाकर युवा, बड़ों और बच्चों के मुंह से गूंजते रहे। गन्नों के मंडप में ऋतु फल, फूल, बेर भाजी मकोई, हरि सब्जियां, सीताफल सिंघाड़े सहित पकवानों का भोग भगवान श्री विष्णुहरी तुलसी सालिगराम विवाह की रस्में घर और मंदिरों में हुईं। इसके बाद आसमान में युवाओं और बच्चों ने सतरंगी आतिशबाजी का प्रदर्शन किया।

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