रायसेन, शो पीस बनकर रह गया महु पथरई डेम, पक्की नहरों के अभाव में कच्ची टूटी नहरों से खेतों में पलेवा। - Ghatak Reporter

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Wednesday, November 24, 2021

रायसेन, शो पीस बनकर रह गया महु पथरई डेम, पक्की नहरों के अभाव में कच्ची टूटी नहरों से खेतों में पलेवा।

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शो पीस बनकर रह गया महु पथरई डेम, पक्की नहरों के अभाव में कच्ची टूटी नहरों से खेतों में पलेवा।

रायसेन, शो पीस बनकर रह गया महु पथरई डेम, पक्की नहरों के अभाव में कच्ची टूटी नहरों से खेतों में पलेवा।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन।
रायसेन। शासन की योजनाओं को शासकीय अधिकारी कर्मचारी किस तरह पलीता लगा रहे हैं इसका एक ताजा उधारण जिला मुख्यालय से लगभग 7 किमी दूर ग्राम पंचायत महू पथरई में देखा जा सकता है। लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करके मुख्यालय के नजदीक महु पथरई में डेम का निर्माण कराया गया था, जिससे कि किसानों को पलेवा एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सके। लेकिन जिला जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों का निर्माण कराया गया था। वह भी औपचारिक तौर पर न तो सही ढंग से नक्शा बनाया गया और न ही सही ढंग से नहर बनाई गई।

रायसेन, शो पीस बनकर रह गया महु पथरई डेम, पक्की नहरों के अभाव में कच्ची टूटी नहरों से खेतों में पलेवा।

महू पथरई डेम से जो नहरे बनाई है उसमें महज सिर्फ कमीशन खोरी का खेल चल रहा है। डेम से जहां तक नहरों का निर्माण कराया गया है। वहां पानी ही नहीं पहुंच सकता। क्योंकि वहां ऊंचाई है और नहरों की खुदाई सही तरीके से नहीं कराई गई है। महू पथरई जल उपभोक्ता संस्था सिर्फ कागजों तक सीमित है। आधी नहरों का तो अब नामोनिशान मिट चुका है और जो है वहां नहरों में बड़े-बड़े पेड़ पौधे उग आए हैं। उनकी कटाई व नहरों की साफ-सफाई जिम्मेदार अधिकारियों ने करवाना मुनासिब नहीं समझा है। सूत्रो की माने तो जिला जल संसाधन विभाग रायसेन से जारी हुई नहरों की साफ-सफाई मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये की रकम नहर समिति के अध्यक्ष सदस्यों ने मिलजुलकर हजम कर ली है।

रायसेन, शो पीस बनकर रह गया महु पथरई डेम, पक्की नहरों के अभाव में कच्ची टूटी नहरों से खेतों में पलेवा।

इनका कहना है...

महू पथरई डैम की नहरों की साफ-सफाई, टूटने-फूटने की शिकायतें किसानों ने आवेदन देकर की है। हम जल्द ही विभाग के अमीन पटवारियों को मौके पर भेजकर सर्वे कराने के बाद मरम्मत कराई जाएगी।
केडी ओझा, ई.ई जलसंसाधन विभाग, रायसेन

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