रायसेन, उगते और डूबते हुए सूर्य को दिया अर्ध्य, सौभाग्यवती महिलाओं ने लगाया सिंदूर। - Ghatak Reporter

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Friday, November 12, 2021

रायसेन, उगते और डूबते हुए सूर्य को दिया अर्ध्य, सौभाग्यवती महिलाओं ने लगाया सिंदूर।

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उगते और डूबते हुए सूर्य को दिया अर्ध्य, सौभाग्यवती महिलाओं ने लगाया सिंदूर।

  • मिश्र तालाब पर जुटे भोजपुरी समाज की महिलाओं ने हाथों में डलिया सजाकर की छठ पूजा।
  • खुशी में युवा बच्चों ने सतरंगी आतिशबाजी का किया प्रदर्शन।

रायसेन, उगते और डूबते हुए सूर्य को दिया अर्ध्य, सौभाग्यवती महिलाओं ने लगाया सिंदूर।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन।
रायसेन। तीन घंटे पहले रायसेन मिश्र तालाब घाट पर सूर्यषष्टि पर शाम 6 बजे डूबते सूर्य के समय महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर पूजन आरती के बाद जल कलश से भगवान सूर्य देवता की पूजा अर्चना की। इसी तरह सुबह 5 बजे से भोजपुरी समाज की महिलाओं द्वारा मिश्र तालाब घाट की पूजा अर्चना की गई। उगते सूरज को अर्ध्य दिया तथा पूजन की। मिश्र तालाब पर सुबह 5 बजे से भोजपुरी समाज की महिलाओं द्वारा की गई पूजा। महापर्व छठ को लेकर नहाय-खाय के साथ सोमवार से शुरू होकर अगले दिन को खरना उत्सव मनाया। कद्दू-भात का प्रसाद ग्रहणकर महिलाओं ने व्रत पूरा किया। भोजपुरी समाज की महिलाओं द्वारा 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा गया।

रायसेन, उगते और डूबते हुए सूर्य को दिया अर्ध्य, सौभाग्यवती महिलाओं ने लगाया सिंदूर।

6 बजे शाम को डूबते सूर्य और उगते सूर्य को अर्ध्य देने बड़ी संख्या में समाज के लोग मिश्र तालाब पहुंचे। रनबिरंगी आतिशबाजी का प्रदर्शन कर त्यौहार का जश्न मनाया। यहां महिलाओं द्वारा गन्ने का मंडप सजाकर पूरे विधि-विधान से ऋतु फलों नारियल प्रसाद से पूजा अर्चना की गई। यह पूजन हर साल पंडित रमेश तिवारी द्वारा कराई जाती है। सुबह 4 बजे से ही भोजपुरी समाज के लोग बड़ी संख्या में मिश्र तालाब किनारे पहुंचे एवं पूजा अर्चना की। इसी दौरान बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की। महिलाएं तालाब के घाट पर पंक्तिबद्ध होकर हाथों में सूप-डलिया लिए और दीप जलाकर पूजन करती रहीं।

रायसेन, उगते और डूबते हुए सूर्य को दिया अर्ध्य, सौभाग्यवती महिलाओं ने लगाया सिंदूर।

भोजपुरी समाज के 60 परिवार करते हैं संयुक्त छठ महापर्व की पूजन

शहर में भोजपुरी समाज के 60 परिवार निवास करते हैं, जो छठ पर्व को पूरी आस्था के साथ मनाते हैं। सूर्य की उपासना का यह पर्व संतान की सुख समृद्धि और खुशहाली का पर्व माना जाता है। इस पर्व को मनाने के लिए परिवार के लोग साल में एक बार अपने घर पर जरूर एकत्रित होते हैं। इस पर्व के लिए सभी घरों की अच्छे से सफाई की जाती है।

रायसेन, उगते और डूबते हुए सूर्य को दिया अर्ध्य, सौभाग्यवती महिलाओं ने लगाया सिंदूर।

भोजपुरी समाज के घरों में छठ मैया के भजन गूंजे। इससे माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया है। भोजपुरी समाज की नीतू सिंह व रेखा सिंह ने बताया कि छठ पर्व की पूजा के लिए शाम के समय डूबते सूरज देव की उपासना की गई। दूसरे दिन उगते सूर्य देव को अर्ध्य दिया गया। इस दौरान समाज के लोगो ने अतिशबाजी कर पर्व की खुशियां मनाई।

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