रायसेन/बरेली, क्या जान हथेली पर रखकर सफर करना सही है? यातायात व्यवस्था सड़कों से नदारद। - Ghatak Reporter

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Friday, November 12, 2021

रायसेन/बरेली, क्या जान हथेली पर रखकर सफर करना सही है? यातायात व्यवस्था सड़कों से नदारद।

यह भी पढ़े :- आईबीएन और तहलका यूट्यूबर दलाल अजय आहूजा का यह खेल कोई नया नहीं, यह सब ब्लैकमेल करने का इसका पुराना तरीका। https://www.ghatakreporter.com/2020/12/blog-post_842.html इस दलाल की जब हमने पोल खोलना प्रारंभ की तो इसने हमारी हत्या की साजिश रची तो एक लेख इसके लिये हमने लिखा नीचे लिंक को खोलकर अवश्य पढ़ें https://www.ghatakreporter.com/2020/12/blog-post_529.html Thank you Chief Editor GHATAK REPORTER BHOPAL

क्या जान हथेली पर रखकर सफर करना सही है? यातायात व्यवस्था सड़कों से नदारद।

रायसेन/बरेली, क्या जान हथेली पर रखकर सफर करना सही है? यातायात व्यवस्था सड़कों से नदारद।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, रायसेन/बरेली।
बरेली। बरेली पुलिस की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है, क्योंकि उन्हें तो सिर्फ थाने के सामने चालान काटना आता है, बाकी शहर की सड़क से कैसे सफर किया जा रहा है और कैसे वाहन यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, इस बात से पुलिस को कुछ भी लेना देना नहीं है। शहर के बीच से निकला राष्ट्रीय राजमार्ग 12, इस मार्ग को देखकर किसी ग्रामीण अंचल की सड़क की याद ताजा हो जाती है। क्योंकि यह सड़क किसी गांव की सड़क से कम नहीं है और इस जर्जर सड़क से वाहन चालक यातायात नियमों की कैसे धज्जियां उड़ाते हैं, यह चित्र में आसानी से देखा जा सकता है।

रायसेन/बरेली, क्या जान हथेली पर रखकर सफर करना सही है? यातायात व्यवस्था सड़कों से नदारद।

बरेली पुलिस थाना यातायात जवानों की कमी से लंबे समय से जूझ रहा है। 1-2 यातायात पुलिसकर्मियों के भरोसे शहर की यातायात व्यवस्था टिकी हुई है। वर्तमान में किसानों के खेतों में खेती किसानी का कार्य चल रहा है। किसानी के कार्य के लिए किसान वाहनों में मजदूरों को भेड़ बकरियों की तरह भरकर ले जा रहे हैं। इन पर कारवाई नहीं होना सड़कों पर बड़ी दुर्घटनाओं को आमंत्रण देने के बराबर है। बरेली पुलिस दिन में सड़कों पर दिखाई नहीं देती, रात्रि समय यदा-कदा नवीनता की चौराहे पर कुछ पुलिसकर्मी एकत्रित हो जाते हैं, फिर भी रात्रि में शहर की यातायात व्यवस्था मैं सुधार नहीं हो पा रहा है।

रायसेन/बरेली, क्या जान हथेली पर रखकर सफर करना सही है? यातायात व्यवस्था सड़कों से नदारद।

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