रायसेन/सिलवानी, देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का किया गया आयोजन, घर-घर की गई पूजा। - Ghatak Reporter

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Tuesday, November 16, 2021

रायसेन/सिलवानी, देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का किया गया आयोजन, घर-घर की गई पूजा।

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देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का किया गया आयोजन, घर-घर की गई पूजा।

  • घर के आंगन में बनाई आकर्षक रंगोली, विवाह कार्यक्रम का भी हुआ आगाज।

रायसेन/सिलवानी, देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का किया गया आयोजन, घर-घर की गई पूजा।

घातक रिपोर्टर, जसवंत साहू, रायसेन/सिलवानी।
सिलवानी। देव उठनी एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं के द्वारा घर-घर पूजा अर्चना किए जाने के साथ ही तुलसी विवाह कार्यक्रम संपन्न किए गए। तथा कथा का श्रवण किया। कथा के मुताबिक भ्रादपद मास की शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु ने दैत्य शंखासुर को मारा था। भगवान विष्णु व शंखासुुर के बीच लंबे समय तक युद्ध चलता रहा। युद्ध समाप्त होने के बाद भगवान विष्णु क्षीर सागर में जाकर सो गए। उन्होने सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को सौंप दिया। इसके बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को जागे। तब शिवजी सहित सभी देवी-देवताओं ने भगवान विष्णु की पूजा की और वापिस सृष्टि का कार्यभार सौपं दिया।


इसी वजह से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को देव प्रवोधिनी एकादशी कहा जाता है। इस अवसर पर तुलसी विवाह का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। भगवान शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह अनुष्ठान पूर्वक किया गया। पौराणिक कथा के अनुसार जालंधर को हराने के लिए भगवान विष्णु ने वृंदा नामक अपनी भक्त के साथ छल किया। इसके बाद वृंदा ने विष्णु को श्राप देेकर पत्थर का बना दिया था। लेकिन लक्ष्मी माता की विनती के बाद उन्हे वापिस सही करके सती हो गई थी।  उनकी राख से ही तुलसी के पौधे का जन्म हुआ और उनके साथ शालिग्राम के विवाह का चलन प्रारंभ हुआ।

रायसेन/सिलवानी, देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का किया गया आयोजन, घर-घर की गई पूजा।

पूजा के तहत श्रद्धालुओं के द्वारा तुलसी के गमले को सजा कर गन्ने का मंडप बनाया गया। गमले को साड़ी में लपेट कर तुलसी को चूड़ी पहना कर श्रंगार किया। भगवान गणेश सहित भगवान शालिग्राम और तुलसी की पूजा की गई। नारियल पर दक्षिणा रखी गई। भगवान शालिग्राम की मूर्ति का सिंहासन हाथ में लेकर तुलसी जी की परिक्रमा की देव उठनी एकादशी के साथ ही मंगल कार्य भी प्रारंभ हो गए। विवाह की शुरुआत भी हो गई। नवंबर माह में 16, 20, 21, 29 व 30 तारीख को विवाह मुहुर्त है व दिसंबर माह में 01, 02, 06, 07, 11 व 13 तारीख को विवाह के शुभ मुहुर्त है।

रायसेन/सिलवानी, देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का किया गया आयोजन, घर-घर की गई पूजा।

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