कानून से भगोड़ा यूटूबर अजय आहूजा उर्फ अजय कुमार उर्फ अजय मूलचंदानी वीडियो व फोटो को छेड़छाड़ करने का है मास्टरमाइंड।
- ब्लैकमेलिंग मामले मे गिरफ्तारी पर 2 हजार रु का है पुलिस द्वारा इनाम घोषित।
घातक रिपोर्टर, अरविंद सिंह जादौन, भोपाल।
भोपाल। शिवपुरी कथित भ्रूण हत्या मामले में ब्लैकमेलिंग का मुख्य आरोपी सरगना मास्टरमाइंड अजय आहूजा उर्फ अजय कुमार और अजय अहूजा व अनुज अग्रवाल अभी भी दो महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। एक पोर्टल के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने वाले गिरोह के चार लोग पकड़े गए। पुलिस ने साक्षी, मोहित, पूजा और सौरव को गिरफ्तार किया। ब्लैकमेलिंग में इनका साथ शिवपुरी के पत्रकार ध्रुव शर्मा ने दिया था। वह अस्पताल और ब्लैकमेलरों के बीच मध्यस्थता करने का काम कर रहा था। जबकि इसके एक साथी धुर्व शर्मा ने इनाम घोषित होने के बाद 48 घंटे के अंदर ही पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था।
इसके बाद पुलिस ने धुर्व शर्मा का न्यायालय से 5 दिन का पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की थी। इसके साथ ही ध्रुव शर्मा पर दर्जनों आपराधिक प्रकरण पहले से ही दर्ज बताए जा रहे हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनुज अग्रवाल पर कई राज्यों मैं कई प्रकरण ब्लैकमेलिंग के दर्ज बताए जा रहे हैं। ब्लैकमेलर अजय आहूजा वीडियो एवं फोटो के साथ छेड़खानी कर अपने तरीके से प्रस्तुत करने का मास्टरमाइंड भी है। ब्लैकमेलर यूट्यूबर अजय आहूजा और इसकी ब्लैकमेलर गैंग पिछले काफी लंबे समय से यही कार्य कर ब्लैकमेलिंग का कार्य करने में संलिप्त रही है। वीडियो एवं फोटो को अपने तरीके से काट-छांट कर टेम्पर्ड कर प्रस्तुत कर प्रतिष्ठित लोगों, संस्थानों को निशाना बनाना और ब्लैकमेलिंग करना इस गैंग की कार्यप्रणाली का प्रमुख हिस्सा है।
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लाल गोले में कानून से भगोड़ा अपराधी (2 हजार का इनाम घोषित)
सोशल मीडिया से लिया गया स्क्रीन शॉर्ट |
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ऐसा नहीं है कि यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का अकेले ही उपयोग करता हैं। सूत्रों की मानें तो ये लोग दर्जनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तैयार करके रखते हैं। वही अपने साथियों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी उपयोग यह ब्लैकमेलिंग के मामलों में दबाव बनाने के लिए करता रहा है। इसके साथी भोपाल, मंडीदीप, बाड़ी, खंडवा, गंजबासौदा, इंदौर, बड़नगर, उज्जैन सहित अन्य राज्यों उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तरांचल, उप्र में भी फैले हैं।
उम्मीद जताई जा रही है की इसकी गिरफ्तारी के बाद अगर इसकी न्यायालय से पुलिस रिमांड लेकर सख्ती से पूछताछ हुई तो इसके कई कथित और स्ट्रिंगरों का राज खुल सकता हैं। हालांकि सूत्रों की माने तो अभी भी मंडीदीप के कई लोगों के संपर्क मैं है, वहीं अपने गिरेवान तक आंच न आये इसलिए मंडीदीप के इसके कुछ साथी पूरी जोर आजमाइश इसको बचाने की कर रहे हैं, यहाँ तक कि इसको छुपाने से लेकर आर्थिक मदद दे रहे हैं।
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